प्रेशर झेल नहीं पा रहा है दिल
वर्ल्ड हार्ट डे स्पेशल
अब 30 साल की उम्र वालों में भी पनपने लगी है दिल की बीमारी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में चौंकाने वाली स्थिति आई सामने PRAYAGRAJ: टारगेट से लेकर एजुकेशन का प्रेशर तक युवा पीढ़ी पर भारी पड़ने लगा है। इसका निगेटिव इंपैक्ट उनके दिल पर पड़ने लगा है। दिल के बढ़ते मरीजों का आंकड़ा यह गवाही देता है। यह रिपोर्ट खुद हेल्थ डिपार्टमेंट की है। 17 महीने में मिले 11 हजार रोगी स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले 17 महीने तक जिले में चलाए गए अभियान में 30 साल के अधिक उम्र के स्त्री-पुरुषों की जांच कर ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के मरीजों का पता लगाया गया। इस दौरान कुल 11 हजार मरीज आईडेंटिफाइड किए गए। फिलहाल इनको इलाज के लिए रिफर कर दिया गया। कब से कब तक हुई जांच अप्रैल 2018 से अगस्त 2019 तक 1.52लाख स्त्री-पुरुषों की हुई जांच
10845 कुल पाए गए मरीज 894 हार्ट के स्पेसिफिक मरीज 9951 ब्लड प्रेशर के मरीज 5907 कुल पुरुष मरीज 4938 कुल महिला मरीज शराब, सिगरेट और बीड़ी हैं कारणजांच के दौरान लोगों से डॉक्टरों ने पूछताछ की तो शराब, सिगरेट और बीड़ी, तंबाकू आदि के लती पाए गए। डॉक्टर्स का कहना है कि दिल की बीमारियों के सबसे बड़े कारण यही हैं। इसके अलावा तला-भुना भोजन व चिकनाई युक्त डिशेज का सेवन भी दिल की बीमारी के रास्ते पर ले जा रहा है। कुछ मामलों में आनुवांशिक कारण भी सामने आए। मतलब माता-पिता या परिवार में किसी को दिल की बीमारी थी और यह अगली पीढी में कंटीन्यू कर रही थी।
इनसे बनाएं दूरी सिगरेट, बीड़ी सहित तंबाकू युक्त किसी पदार्थ के सेवन से बचें शराब का अत्यधिक सेवन न करें। तली-भुनी और वसा युक्त खाद्य पदार्थ से बनाएं दूरी रेड मीट का सेवन न करें। ऐसे होगा बचाव रोजाना पैदल चलने की आदत डालें। रेग्युलर तौर पर एक्सरसाइज को अपने रुटीन का हिस्सा बनावें सीने में दर्द बने रहने पर डॉक्टर से संपर्क करें। परिवार में किसी को दिल की बीमारी हो तो अपनी भी जांच कराएं। घट रही है रोगियों की उम्र पूर्व में दिल की बीमारियों की शुरुआत की न्यूनतम उम्र 40 साल मानी जाती थी अब 30 से 40 साल के मरीजों में दिल की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इसका कारण तनाव भरा करियर है। आमतौर पर टारगेट पूरा करने या दौड़भाग के साथ आराम का वक्त नहीं मिलताइससे ब्लड प्रेशर की शिकायत सामने आती है जिससे दिल की बीमारी होती है।
लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है। तीस साल से अधिक उम्र के लोगों में दिल के मरीज मिल रहे हैं। ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या भी कम नही हो रही। ऐसे लोगों को रिफर कर इलाज शुरू करा दिया गया है। डॉ। सादिक अली, एनसीडी सेल, स्वास्थ्य विभाग लोग खुद से कभी दिल की बीमारियों की जांच नहीं कराते। लक्षणों को भी नजर अंदाज करते हैं। यही कारण है कि हमारी ओर से अभियान चलाकर लोगों की जांच की जा रही है। डॉ। वीके मिश्रा, नोडल, एनसीडी सेल, स्वास्थ्य विभाग