कुंभ मेला में आगमन के लिए देश के सबसे बड़े जूना अखाड़ा ने सबसे पहले जारी किया अपना कार्यक्रम
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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर ढाई महीने के बाद पहले शाही स्नान मकर संक्रांति के साथ ही कुंभ मेला का श्रीगणेश हो जाएगा। मेला में आध्यात्मिक नजरिए से चार चांद लगाने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत आने वाले देश के 13 अखाड़ों से साधु-संन्यासियों की फौज भी पहुंचेगी। मेला में आगमन से पहले प्रत्येक अखाड़े की ओर से पूरी भव्यता के साथ पेशवाई निकाली जाएगी। यही वजह है कि मेला नजदीक आते ही सबसे पहले देश के सबसे बड़े जूना अखाड़े द्वारा प्रयागराज में प्रवेश करने से लेकर पेशवाई निकालने तक का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।
शाही अंदाज में प्रवेश करेगा जूना अखाड़ा
कुंभ मेला में सबसे पहले जूना अखाड़े का वैभव दिखाई देगा। हाथी, घोड़ा, बैंडबाजा, छत्र-चंवर के साथ हजारों साधु-संन्यासी व नागा संन्यासियों का समूह 22 नवम्बर को यमुना बैंक रोड स्थित अखाड़े के परिसर में एकत्रित होंगे। अखाड़े के उपाध्यक्ष महंत प्रेम गिरि ने बताया कि प्रयागराज प्रवेश की तैयारियां शुरू कर दी गई है। देश के जिन-जिन स्थानों ने हाथी, घोड़ा व बैंडबाजा आएंगे उन्हें आर्डर दे दिया है। इस सिलसिले में नवम्बर के पहले सप्ताह से देश भर से संन्यासियों का आगमन अपने-अपने अखाड़ों के मुख्यालयों में शुरू हो जाएगा।
22 नवम्बर : प्रयागराज में प्रवेश
12 दिसम्बर : मेला क्षेत्र में भूमि पूजन20 दिसम्बर : शिविर में धर्म ध्वज का पूजन25 दिसम्बर : शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मेला क्षेत्र में पेशवाईपरिषद ने सभी अखाड़ों से मांगा कार्यक्रमऐसी मान्यता है कि अखाड़ों की पेशवाई से ही कुंभ मेला का श्रीगणेश हो जाता है। कई-कई किलोमीटर लम्बा जुलूस शहर की सड़कों पर अखाड़ों की ओर से पेशवाई के रूप में निकाला जाता है। समय नजदीक आते ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी सभी अखाड़ों को पत्र भी भेज दिया है। जिससे कि अखाड़ों का भूमि पूजन, धर्म ध्वज पूजन व पेशवाई निकालने को लेकर क्रमबद्ध तरीके से आयोजित की जा सके।अखाड़ों की ओर से पेशवाई निकालने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी अखाड़ों को पत्र भेजा गया है। जिससे कि प्रयागराज में आगमन से लेकर मेला क्षेत्र में आयोजित होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों की पूरी जानकारी मिल जाए।महंत नरेन्द्र गिरि,अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद