ट्रैफिक जाम से हवा हुई जहरीली..
-तीन से चार घंटे के जाम में फंसी गाडि़यां बन रही हैं वजह
-पीएम 10 नॉर्मल से तीन गुना अधिक तो पीएम 2.5 दोगुने से ज्यादा हुआ balaji.kesharwani@inext.co.in ALLAHABAD: शहर में इन दिनों जाम आम बात हो चुकी है। इस भीषण जाम की वजह से शहर की हवा जहरीली होती जा रही है। पीएम-10 और पीएम 2.5 की मात्रा काफी बढ़ गई है। पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए, जबकि इलाहाबाद में इस समय पीएम 10 का लेवल 317 है। वहीं पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है, लेकिन इन दिनों इलाहाबाद में 170 के करीब पहुंच गया है। मौसम भी बना विलेनपर्यावरण विशेषज्ञ प्रो। एआर सिद्दिकी का कहना है कि इस समय मौसम में नमी ज्यादा है। इसकी वजह से सस्पेंडेड पार्टिकल ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाते हैं। इससे धुंध टाइप का मौसम बन जाता है, जो काफी खतरनाक है। मॉइस्चर की वजह से खतरनाक पर्टिक्यूलेट मैटर निचली परत में रहते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के सांस के जरिये लोगों के शरीर में पहुंच कर फेफड़ों को डिस्टर्ब करते हैं।
ध्वनि प्रदूषण भी सीमा पारभीषण जाम के दौरान वायु प्रदूषण के साथ ही ध्वनि प्रदूषण की भी समस्या तेजी से बढ़ रही है। नगरीय आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण 45 डेसिबल से 60-70 डेसिबल तक पहुंच गया है। भीषण जाम के दौरान एक साथ सैकड़ों गाडि़यों से निकलने वाला पार्टिकल ऊष्मा गुंबद की तरह काम करता है, जो वातावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
द्ब ष्श्रठ्ठष्द्गह्मठ्ठ इलाहाबाद में पर्यावरण प्रदूषण की वर्तमान स्थिति www.ठ्ठह्वद्वढ्डद्गश्र.ष्श्रद्व पीएम10 - 317 पीएम 2.5 - 170 पॉल्यूशन इंडेक्स- 91.16 पॉल्यूशन ईएक्सपी स्केल- 166.02 एयर पॉल्यूशन- 88.00 ड्रिंकिंग वाटर पाल्यूशन- 59.24 नॉयज एंड लाइट पॉल्यूशन- 56.11 प्रदूषण स्तर का स्वास्थ्य पर प्रभाव 0-50 कोई दुष्प्रभाव नहीं 51-100 संवेदनशील लोगों को सांस लेने में हल्की तकलीफ। 101-150 सांस और दिल के मरीजों के लिए खतरनाक। 151-200 मध्यम प्रदूषित, आंखों में जलन, सांस में तकलीफ 201-300 ज्यादा प्रदूषित, दिल के मरीजों को परेशानी, सांस की बीमारी 300 प्लस अति प्रदूषित, घर से बाहर निकलने पर चेतावनी -शहर में इन दिनों जिन स्थानों पर भीषण जाम लग रहा है, ध्वनि प्रदूषण के साथ ही वायु प्रदूषण हो रहा है, उन स्थानों पर अगर पॉल्यूशन कैलकुलेशन किया जाए, भीड़ में रिकार्डिग की जाए तो रिजल्ट काफी चौंकाने वाला होगा। -प्रो। एआर सिद्दिकी जियोग्राफी डिपार्टमेंट इलाहाबाद यूनिवर्सिटी