झूम के बरसे बदरा, लबालब हुएदफ्तर
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KAUSHAMBI: सोमवार की भोर से हुई जोरदार बरसात ने मंझनपुर कस्बे में सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। जिला स्तरीय तमाम कार्यालय पानी से लबालब हो गए। दफ्तर आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अफसरों के न जागने का नतीजामंझनपुर कस्बे का पानी तालाब में जाता है। तालाब पहले से भरे हुए हैं। ऐसे में नाले से पानी निकल नहीं पाता। इसे लेकर बरसात के दिनों में काफी दिक्कतों का सामना करना होता है। इस बाबत आईनेक्ट ने पहले ही खबर प्रकाशित कर अफसरों का ध्यान आकृष्ट कराया था लेकिन किसी ने इसे संजीदगी से नहीं लिया। सोमवार की भोर से जोरदार बरसात ने पूरे सरकारी अमले को आइना दिखा दिया। विकास भवन, कलेक्ट्रेट, नगर कोतवाली, विकास खंड मंझनपुर, किशोर न्याय बोर्ड सहित तमाम दफ्तरों के बाहर पानी भर गया। सुबह जब अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर पहुंचे तो उन्हे गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। यहीं हाल दफ्तरों में अपनी फरियाद लगाने आए लोगों का भी रहा।
तो नहीं होती समस्या मंझनपुर कस्बे में चक नगर का जो नाला बना है वह चौराहे से लेकर जिलाधिकारी आवास तक ही है। अगर यहीं नाला समदा होते हुए ससुर खदेरी नदीं में मिला दिया जाता तो समस्या नहीं होती। तालाबों के भरे होने से दिक्कतमंझनपुर कस्बे में जितने भी तालाब है वह पहले ही लोगों के घरों से निकले गंदे पानी से भरे हुए थे। अब बरसात होने के कारण तालाब और खेत ओवरफ्लो हो चुके हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में यहां समस्या और ज्यादा हो सकती है।
सड़क ऊंची होने से दिक्कत जिला मुख्यालय को हाइवे से जोड़ने के लिए फोरलेन बनाया गया है। इसे लेकर मंझनपुर के चक नगर प्रथम मोहल्ले से फोरलेन निकला है। फोरलेन बनने के कारण सड़क को ऊंचा कर दिया गया है। इससे पहले बने मकान सड़क से काफी नीचे हैं। जिस कारण नाला ओवरफ्लो होने से घरों का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है। पानी में डूबे कई मोहल्ले बरसात के कारण जिला मुख्यालय के कई मोहल्ले जलमग्न हो गए। नया नगर और एसबीआई के बाहर पानी लबालब भरा हुआ था। बरसात का पानी लोगों के घर तक में पहुंच गया। इसके चलते लोगों के काफी समान खराब हो गए। सड़क पर बंटा फलप्राथमिक विद्यालय पाता में एसडीएम मंझनपुर लालजी मिश्र सोमवार की सुबह बच्चों को फल वितरित करने पहुंचे थे। इस स्कूल में पूरी तरह से पानी भरा हुआ था। जल भराव के कारण बच्चे स्कूल तक नहीं जा सकें। ऐसे में एसडीएम ने स्कूल पहुंचे महज 10 बच्चों को सड़क पर ही फल दिया और वापस लौट आए।