प्रोग्रेस रिपोर्ट में प्रयागराज की रफ्तार स्लो
35वें नंबर पर पहुंचा प्रयागराज
61वें स्थान पर था इससे पहले संगम नगरी 13वां स्थान मिला प्रयागराज मंडल को 75 डिस्ट्रिक्ट में हुए विकास कार्यो के आधार पर जारी हुई रैंकिंग संबंधित विभागों को जारी किया गया नोटिस, सरकार ने नवंबर की जारी की रैंकिंग प्रयागराज में विकास संबंधी कार्यो की रफ्तार बहुत स्लो है। यह हम नहीं सरकार की ओर से जारी प्रोग्रेस रिपोर्ट बता रही है। दरअसल विकास कार्यक्रमों की समीक्षा में जिले को प्रदेश में 35वीं रैंकिंग मिली है, हालांकि पिछली रैंकिंग के मुकाबले जिले की स्थिति पहले से बेहतर हुई है, फिर भी रैंकिंग में फिसलकर इतना नीचे रहना किसी को रास नही आ रहा है। यही कारण है कि विकास भवन में हड़कंप मचा है और विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्थिति में सुधार करने की नसीहत दी जा रही है। टॉप टेन में भी नहीं मिली जगहसरकार चाहती है कि महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में कोई कमी नहीं बरती जाए। अगर इन कार्यक्रमों के संचालन में लापरवाही बरती जा रही है तो जिले की रैंकिंग जारी कर अधिकारियों को सचेत कर दिया जाए। यही कारण है कि नवंबर से सरकार ने पुन: उप्र सरकार का विकास एजेंड कार्यक्रम के तहत रैंकिंग जारी करनी शुरू कर दी है। जिसमें नवंबर माह में प्रयागराज को प्रदेश के 75 जिलों के बीच 35वां स्थान दिया गया है। यानी हमारे जिले को प्रदेश में टॉप टेन जिलों में भी जगह नसीब नही हो सकी है।
इन विभागों को जारी हुआ नोटिस नवंबर की रैंकिंग जारी होने के बाद स्वयं कमिश्नर और सीडीओ ने नाराजगी जताई है। बता दें कि प्रदेश में जिले को 35वां तो मंडल को 13वां स्थान मिला है। ऐसे में संबंधित विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर तलब किया गया था। जिसमें सभी अधिकारियों को बेहतर कार्य कर रैंकिंग में सुधार की नसीहत दी गई थी। आइए जानते हैं कि किन-किन विभागों को सीडीओ की ओर से नोटिस जारी किया गया था। - मुख्य पशु चिकित्साधिकारी - स्वास्थ्य विभाग - जिला पंचायत राज अधिकारी - परियोजना निदेशक डीआरडीए - जल निगम - जिला पूर्ति अधिकारी - जिला उद्यान अधिकारी - जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी - जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी - जिला प्रोबेशन अधिकारी - जिला कार्यक्रम अधिकारी - पराग डेयरी - बीएसए - आईटीआई नैनी - लघु सिचाई - जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी - सहायक आयुक्त सहकारिता - बेलन नहर प्रखंड - अधिशासी अभियंता विद्युत (नोडलल) - उपनिदेशक कृषि बीसीडी मिली श्रेणीकोरोना काल में बंद कर दी गई थी रैंकिंग
इन विभागों के कार्यकलाप बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। इनको विकास कार्यक्रमों की समीक्षा में बी, सी और डी श्रेणी मिली है। हालांकि इसके पहले कोरोना काल में उप्र सरकार ने इस रैंकिंग को बंद कर दिया था। बंद करने से पहले प्रयागराज का प्रदेश में 61वां स्थान था। यही कारण है कि अधिकारी अपनी कमियां बताने के बजाय उसे छिपा रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे रैंक में सुधार हुआ है। हम 26 पायदान आगे आए हैं। हालांकि आलाधिकारी उनके इस बयान से खुश नही हैं। मार्च में नही सुधरे तो होगी कार्रवाई यह भी बता दें कि इस रैंकिंग को लेकर स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता जताई है। शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव की अगुवाई में बनाई गई कमेटी विभागों की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार कर रही है। अगर अगली रैंकिंग में निचले पायदानों पर रहने वालों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो विभागीय अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई हो सकती है। यह रैंकिंग ही उनके भविष्य का प्रोग्रेस कार्ड तैयार करेगी।