मैदान पर जंग, व्यवस्था है 'तंग'
इलाहाबाद में आयोजित हो रही है प्रांतीय स्कूली महिला फुटबाल प्रतियोगिता
गंदे बाथरूम और टॉयलेट में जाना खिलाडि़यों की मजबूरी mukesh.chaturvedi@inext.co.in ALLAHABAD: प्रदेशीय जूनियर बालिका फुटबाल प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आयीं 18 मंडलों की महिला खिलाड़ी अव्यवस्था की चोट से कराह रही हैं। मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में आठ अगस्त तक चलने वाली प्रतियोगिता में गोल से पहले हर सुबह उन्हें टॉयलेट, यूरिनल और टपकती छप में सिर छिपाने जैसी अव्यवस्था झेलना पड़ रहा है। इनके रहने से लेकर खाने तक की व्यवस्था का दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो यह फैक्ट सामने आया। हर सुबह समस्या से जंगमदन मोहन मालवीय स्टेडियम के गर्ल्स हॉस्टल में ठहराए गए खिलाडि़यों के सामने सबसे बड़ी समस्या टॉयलेट और बाथरूम है। हॉस्टल के बेहद गंदे टॉयलेट खिलाडि़यों के लिए बड़ी मुसीबत हैं। इससे उठने वाली दुर्गध लंबे समय से सफाई न होने की चुगली कर रही थी। टॉयलेट के अंदर मलबे का ढेर लगा था। बगल में बने बाथरूम की स्थिति भी बदतर है। हॉस्टल के कमरे में लेटे हुए खिलाडि़यों के ऊपर छत से झर कर रेत गिर रही है। कमोवेश यही समस्या राम वाटिका में ठहरायी गयी प्लेयर्स की भी है। लखनऊ मंडल से आई अपूर्वा की मानें तो राम वाटिका में भी टॉयलेट काफी गंदे हैं। कमरे छोटे हैं ऊपर से सफाई भी नहीं होती। टीम मैनेजर प्रिया साहू ने भी इन बातों से सहमति जताई।
प्रतियोगिता में शामिल हो रही टीमें ----------------------- क्र.सं। मंडल प्लेयर 01 बरेली 16 प्लस 01 02 झांसी 16 प्लस 01 03 आगरा 16 प्लस 01 04 मुरादाबाद 16 प्लस 01 05 मेरठ 16 प्लस 01 06 सहारनपुर 16 प्लस 01 07 वाराणसी 16 प्लस 01 08 अलीगढ़ 16 प्लस 01 09 कानपुर 16 प्लस 0110 लखनऊ 16 प्लस 01
11 देवीपाटन 16 प्लस 01 12 गोण्डा 16 प्लस 01 13 आजमगढ़ 16 प्लस 01 14 फैजाबाद 16 प्लस 01 15 चित्रकूट बांदा 16 प्लस 01 16 मिर्जापुर 16 प्लस 01 17 गोरखपुर 16 प्लस 01 18 बस्ती 16 प्लस 01 ------------------------ नोट- हर मंडल से 16 खिलाड़ी एक टीम मैनेजर कुल 17 लोग हैं। ---------------------- सबसे बड़ी समस्या यहां टॉयलेट व बाथरूम की है। दोनों ही काफी गंदे हैं। नाश्ता तो ठीक है, पर खाने में रोटी पर घी नहीं लगाया जाता। खाना प्लेयर के लिए निर्धारित डाईट से हट कर है।आशा सक्सेना अलीगढ़ मंडल
बाथरूम काफी गंदा होने से नहाने में दिक्कत होती है। टॉयलेट भी गंदे हैं और बदबू आती है। फ्रेश होने में हर रोज काफी परेशानी होती है। खाने में थोड़ा और सुधार की जरूरत है। उर्वसी सिंह, अलीगढ़ मंडल सबसे ज्यादा परेशानी तो बाथरूम और टॉयलेट की ही है। खाना तो जैसा भी है चल जाएगा, पर बाथरूम और टॉयलेट का क्या करें। दरवाजा खोलते ही दुर्गध मन खराब कर देती है। विनीता कुमारी, अलीगढ़ मंडल खाना चाहे जैसा हो मैनेज हो सकता है, पर बाथरूम और टॉयलेट को कैसे मैनेज किया जाय। स्टेडियम का हास्टल है और टायलेट एवं बाथरूम इतने गंदे। जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है। रिफत खातून, अलीगढ़ मंडल खाने का क्या, उसे तो हम खुद से भी मैनेज कर सकते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत तो नहाने और टॉयलेट की है। हमें यहां ठहरा दिया गया है, पर बाथरूम और टॉयलेट की सफाई बेहद खराब है। एकता भाटी, मेरठ मंडल सब कुछ सही है, बस वही टॉयलेट और बाथरूम की बड़ी समस्या है। टीम को यहां रोकने के पहले यदि इसकी सफाई करा दी जाती तो बेहतर था। अब जो भी है, जैसा भी है काम तो चलाना ही पड़ेगा।नीलम ठाकुर, टीम मैनेजर मेरठ
फैक्ट फाइल 18 मंडलों की महिला खिलाड़ी प्रतियोगिता में हो रहे हैं शामिल 08 दिनों तक आयोजित होगी मंडल स्तरीय प्रतियोगिता 288 महिला फुटबाल प्लेयर पहुंच चुकी हैं इलाहाबाद 01 अगस्त को डीएम ने किया था इनॉगरेशन -हॉस्टल के बाथरूम व टॉयलेट की रिपेयरिंग कराई जानी है। काम चल भी रहा था। अचानक प्रतियोगिता की डेट फाइनल होने से काम बंद करा दिया गा है। रामवाटिका में ठहरे खिलाडि़यों को भी टॉयलेट व बाथरूम गंदे हैं तो निरीक्षण कर सफाई कराई जाएगी। -चंचल मिश्र, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी