Hat-trick in PMT
जुनून को साथ मिला मेयर का
बादशाही मंडी में रहने वाले नितिश ने 2010 में जीआईसी से इंटरमीडिएट पास किया था। उसका सेलेक्शन पहले भी मेडिकल इंट्रेंस में हुआ था लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेज की फीस भर पाने के लिए पैसा न होने के चलते वह एडमिशन नहीं ले पाया। थ्रेडिल प्रिंटिंग प्रेस चलाकर बच्चों के साथ परिवार के परवरिश कर रहे राजेन्द्र अग्रवाल बेटे की लगन किसी भी कीमत पर जाया नहीं होने देना चाहते थे। उन्होंने निवर्तमान मेयर चौधरी जितेन्द्र नाथ से बात की तो उन्होंने एपेक्स के डायरेक्टर डॉ। एके वर्मा से रिक्वेस्ट की। डॉ। वर्मा ने नितेश से मिलने के बाद फ्री ऑफ कास्ट कोचिंग देने का फैसला लिया। नितेश के पिता का कहना है कि उनके बच्चे का जीवन बनाने में डॉ। वर्मा ने अहम रोल प्ले किया है।दादी का सपनानितेश बताता है कि उसकी दादी का देहांत 1998 में हो गया था। उन्होंने ही उसे डॉक्टर बनने का सपना देखा था। दादी के जाने के बाद मां ने इस सपने को जिंदा रखा और हाउसवाइफ होने के बाद भी बेटे में उत्साह भरती रहीं। नितेश की बहन निवेदिता की शादी हो चुकी है और छोटा भाई विशेष कक्षा आठ में पढ़ता है। नितेश भाई को भी मेडिकल लाइन में लाना चाहता है। आई-नेक्स्ट से नितेश ने कहा कि वह सफल कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहता है क्योंकि यह उसका दिल चाहता है।