Allahabad: स्लमडॉग मिलिनेयर मूवी जैसे किसी शो का हिस्सा बनकर उसने सफलता नहीं पाई है. यह सफलता है लगन और मेहनत का नतीजा जो दिवंगत दादी का सपना पूरा करने के लिए नितेश अग्रवाल ने देखा था. सफलता तो उसे एआईपीएमटी और सीपीएमटी में भी मिल चुकी थी लेकिन आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह फीस भर पाता. इससे सफलता को सेलीब्रेट नहीं कर पा रहा था. थर्सडे को आए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पीएमटी के रिजल्ट में सफलता ने इस पूरे परिवार का दामन खुशियों से भर दिया है.

जुनून को साथ मिला मेयर का

बादशाही मंडी में रहने वाले नितिश ने 2010 में जीआईसी से इंटरमीडिएट पास किया था। उसका सेलेक्शन पहले भी मेडिकल इंट्रेंस में हुआ था लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेज की फीस भर पाने के लिए पैसा न होने के चलते वह एडमिशन नहीं ले पाया। थ्रेडिल प्रिंटिंग प्रेस चलाकर बच्चों के साथ परिवार के परवरिश कर रहे राजेन्द्र अग्रवाल बेटे की लगन किसी भी कीमत पर जाया नहीं होने देना चाहते थे। उन्होंने निवर्तमान मेयर चौधरी जितेन्द्र नाथ से बात की तो उन्होंने एपेक्स के डायरेक्टर डॉ। एके वर्मा से रिक्वेस्ट की। डॉ। वर्मा ने नितेश से मिलने के बाद फ्री ऑफ कास्ट कोचिंग देने का फैसला लिया। नितेश के पिता का कहना है कि उनके बच्चे का जीवन बनाने में डॉ। वर्मा ने अहम रोल प्ले किया है।

दादी का सपना

नितेश बताता है कि उसकी दादी का देहांत 1998 में हो गया था। उन्होंने ही उसे डॉक्टर बनने का सपना देखा था। दादी के जाने के बाद मां ने इस सपने को जिंदा रखा और हाउसवाइफ होने के बाद भी बेटे में उत्साह भरती रहीं। नितेश की बहन निवेदिता की शादी हो चुकी है और छोटा भाई विशेष कक्षा आठ में पढ़ता है। नितेश भाई को भी मेडिकल लाइन में लाना चाहता है। आई-नेक्स्ट से नितेश ने कहा कि वह सफल कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहता है क्योंकि यह उसका दिल चाहता है।

Posted By: Inextlive