विवि प्रशासन ने शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन से काटे हैं करीब 76 ला2ा रुपये

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एलटीसी (लीव ट्रैवलिंग कंसेशन) का पहले 5ाुगतान और फिर ल6बे समय बाद सैलरी से की गई वसूली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वसूली से शिक्षक और कर्मचारी दोनों वर्ग नाराज नजर आ रहे हैं। वसूली प्रकरण को इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (आटा) के पदाधिकारियों ने गं5ाीरता से लिया है। मामला वाइस चांसलर के सामने ले जाने का फैसला लिया गया है। यहां से बात न बनने पर हाईकोर्ट का दरवाजा 2ाट2ाटाने और एमएचआरडी तक जाने की 5ाी तैयारी है।

प्राईवेट एजेंसी के टिकट पर की यात्रा

गौरतलब है कि इविवि में 111 शिक्षकों एवं कर्मचारियों से एलटीसी 5ाुगतान की वसूली सैलरी से पैसा काटकर की गयी है। विवि प्रशासन ने यह कार्यवाही प्राईवेट एजेंट से टिकट बनवाकर यात्रा करने को लेकर की है। जबकि नियम है कि एलटीसी के तहत यात्रा के लिये सरकार द्वारा अधिकृत बॉडी से ही टिकट लिया जा सकता है। प्राईवेट एजेंट से टिकट बनवाकर यात्रा के 5ाुगतान का मामला कैग की कमेटी ने इंटरनल आडिट में पकड़ा था। इधर, आटा पदाधिकारियों ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर एआर सिद्दकी की अगुवाई में शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो। राम सेवक दुबे से सोमवार को मुलाकात की। मुलाकात में उपाध्यक्ष प्रो। लालसा यादव, महामंत्री प्रो। एसएम प्रसाद, प्रो। शबनम हामिद, डॉ। अश्वजीत चौधरी, डॉ। आरके सिंह, डॉ। राधेश्याम सिंह समेत कई शिक्षक पहुंचे।

तत्कालीन अफसर 5ाी कटघरे में

आटा पदाधिकारियों ने अध्यक्ष से तत्काल इस मुद्दे पर आमस5ा बुलाने की मांग की है। शिक्षकों ने कहा कि जिनकी कटौती की गई है। उनका मामला 2009 से 2013 के बीच का है। इतने पुराने पैसे की वसूली अब की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर नियमों की अनदे2ाी की गयी तो उसके लिये ले2ा वि5ाग के तत्कालीन अफसर जि6मेदार हैं। उस समय उन्हें 1यों नहीं बताया गया कि नियम की अनदे2ाी कर यात्रा के 5ाुगतान का प्रस्ताव शिक्षक एवं कर्मचारियों की ओर से 5ोजा जा रहा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो। एआर सिद्दीकी ने कहा कि कटौती से पहले पीडि़तों को अपनी बात र2ाने का 5ाी मौका नहीं दिया गया।

27 नव6बर को सैलरी बिल जेनरेट हुआ। 28 नव6बर को रजिस्ट्रार ने वसूली का आर्डर जारी किया। 29 नव6बर को व्य1ितगत रूप से इसकी सूचना स5ाी को वि5ागों में 5ोजी गयी और 30 नव6बर को सैलरी से पैसा 5ाी काट लिया गया। हमें हमारा पक्ष सुनाने का 5ाी मौका नहीं दिया गया।

प्रो। एआर सिद्दकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष

विवि प्रशासन ने सैलरी से पैसा काटकर 2ाुद की गर्दन बचा ली। नियमों की जानकारी शिक्षकों व कर्मचारियों को बहुत बाद में हो सकी। अगर पूरा पैसा ही वापस ले लिया गया तो शिक्षक एलटीसी के तहत मिलने वाले ला5ा से 5ाी तो वंचित हो गये। उसकी 5ारपाई कैसे होगी?

प्रो। राम सेवक दुबे, अध्यक्ष, शिक्षक संघ

Posted By: Inextlive