पूरा हो जाएगा सरकार का लक्ष्य
एक्सपटर्स ने यूपी में विकास दर का लक्ष्य दस फीसदी करने का किया समर्थन
बोले, योजनाओं में निवेश से बढ़ेगा रोजगार तो विकास दर में होगी वृद्धि स्कूली बच्चों को जूते-मोजे और स्वेटर की सौगात स्वागत ALLAHABAD: योगी सरकार चाहेगी तो पांच साल में अपने दस फीसदी विकास दर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है। इसके लिए उसे नए रोजगार के सृजन के साथ निवेश को भी बढ़ाना होगा। यह कहना है एक्सपर्ट्स का। उप्र की भाजपा सरकार के पहले बजट पर लोगों की नपी तुली प्रक्रिया रही। जीएसटी का रहेगा अहम रोलएक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद वैसे भी विकास दर में दो फीसदी की बढ़ोतरी निश्चित मानी जा रही है। योगी सरकार ने पुलिस विभाग में भर्ती प्रक्रिया पर जिस प्रकार फोकस किया है, वह बेहतर कदम है। इससे विकास दर दो फीसदी तक बढ़ेगी। इस तरह सरकार दस फीसदी विकास दर का लक्ष्य प्राप्त कर सकती है।
अर्द्धकुंभ के लिए कम है बजटइलाहाबाद के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो अर्द्धकुंभ की तैयारियों के लिए दिया गया पांच सौ करोड़ रुपए का बजट कम है। वर्ष 2019 में मेले का आयोजन होना है और हाल ही में जिला प्रशासन समेत दूसरे विभागों ने मिलकर 25 अरब का बजट तैयार किया था। ऐसे में एक साल के बजट में पांच अरब से सभी विकास कार्यो को गति नहीं दी जा सकेगी।
मेट्रो और स्मार्ट सिटी पर असर यूपी में पांच शहरों में मेट्रो रेल चलाने की योजना है। सरकार ने एक साल के बजट में 288 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। ऐसे में इलाहाबाद में मेट्रो के संचालन की गति धीमी पड़ सकती है। इलाहाबाद में मेट्रो रेल के संचालन में 16 से 18 हजार करोड़ रुपए के खर्च अनुमान है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए भी डेढ़ हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें लगभग आधा दर्जन शहर शामिल हैं। जबकि, अकेले इलाहाबाद ने एक हजार करोड़ का प्रस्ताव भेजा था। किसानों की जगी उम्मीद योगी सरकार ने पहले बजट में सीमांत व लघु किसानो की कर्ज माफी के लिए सर्वाधिक 36 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इससे जिले के एक लाख छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। वर्जनपिछले कुंभ मेले में प्रदेश सरकार ने नौ सौ करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराया था। यह पहला बजट है इसलिए सरकार ने पांच सौ करोड़ दिए हैं। इससे मेले का काम शुरू हो जाएगा। फिर भी 25 अरब के स्टीमेट के मुकाबले अधिक पैसा देना था।
स्वामी नरेंद्रगिरी, अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद
जीएसटी लागू होने के बाद दो फीसदी ग्रोथ रेट में वृद्धि तय थी। अब योगी सरकार रोजगार देने की बात कर रही है तो उम्मीद है कि दस फीसदी विकास दर का लक्ष्य एचीव हो जाएगा। प्रो। एके सिंघल, अर्थशास्त्री योजनाओं में पैसा लगाने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। यूपी की डिपेंडेंट पॉपुलेशन को काम मिलेगा और ग्रोथ रेट बढ़ेगी। पांच से दस फीसदी निवेश से दो फीसदी ग्रोथ रेट असानी से अचीव होगी। रवि सिन्हा, अर्थशास्त्री योगी सरकार का बजट केंद्र की नीतियों और योजनाओं के अनुरूप है। बजट में पूर्वाचल और बुंदेलखंड के विकास के लिए आर्थिक सहायता दी गई है। स्कूली बच्चों को बैग और स्वेटर देने से शिक्षा की गुणवत्ता नहीं बढ़ेगी। प्रो। उमेश, अर्थशास्त्री बड़े उद्योगों और व्यापारियों के लिए तो बजट में प्रावधान किया गया है लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए कुछ खास नहीं है। हालांकि, यह सरकार का पहला बजट था, इसलिए अभी उम्मीद बाकी है। महेंद्र गोयल, व्यापारी नेता कुल मिलाकर संतुलित और विकास आधारित संरचना का बजट कहा जाएगा। बजट में मेट्रो के लिए भी प्रावधान किया गया है। इससे योजना की शुरुआत हो जाएगी। छोटे व्यापारियों को जरूर निराशा हुई है।आनंदजी टंडन, व्यापारी नेता
बजट लोगों की अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। सरकारी कर्मचारियों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। कर्मचारियों और मेडिकल सुविधाओं और वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। भारतेंद्र त्रिपाठी, सरकारी कर्मचारी किसी को लगता है कि सरकार अपने विकास के वादे पर खरी उतरी है तो इस बजट में कई आधारभूत कमियां हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। तंजील खान, छात्र जैसा सोचा गया था वैसा बजट नहीं रहा। फिर भी लोगों ने यह सरकार चुनी है इसलिए फैसले का सम्मान है। उम्मीद है कि अगले बजट में सरकार छात्रों के बारे में जरूर सोचेगी। अखिल, छात्र बजट में किसानों, गरीबों, बच्चों और आम जनता सहित सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है। यह बजट आम जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरा है। मीतू, गृहणी उप्र सरकार ने किसानों का कर्ज तो माफ किया लेकिन सरकारी कर्मचारियों के बारे में कुछ नहीं सोचा। यह बहुत निराशा की बात है। उनके भत्ते और तनख्वाह में केवल कटौती की जाती रही है। रिपु सूदन, सरकारी कर्मचारी