पढ़ पढ़कर बुढ़ा रही युवा पीढ़ी, लेकिन नहीं मिल रही नौकरी
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अंकों का प्रश्न पत्र होता है, पीसीएस जे की मु2य परीक्षा में अंग्रेजी 5ाषा का 20 अंक ही अधिकतम दिए जाते हैं इसमें से हिन्दी माध्यम के छात्रों को 12 साल में पीसीएस जे की मात्र पांच परीक्षाएं ही आयोजित की गई 35 वर्ष की उम्र सीमा निर्धारित है सामान्य वर्ग के अ5यर्थियों के लिए 40 साल तक की छूट मिलती है एससी वर्ग के अ5यर्थियों 04 बार ही एक अ5यर्थी को परीक्षा में शामिल होने का मिलता है अवसर उम्र सीमा और अवसर की बाध्यता के चलते परेशान हैं पीसीएस जे के प्रतियोगीALLAHABAD: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे परीक्षा में शामिल होने वाले हिन्दी पट्टी के छात्र-छात्राओं को बेहद ही विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो प्रतिवर्ष परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा रहा। ऊपर से उम्र सीमा और अवसर की बाध्यता के चलते प्रतियोगी ओवरएज 5ाी होते जा रहे हैं। यूपी लोक सेवा आयोग की लेटलतीफी के चलते ज्यादातर को उम्र के आ2िारी पड़ाव में नौकरी हासिल हो रही है।
परीक्षा के लिये मिलते हैं चार अवसरपीसीएस जे की परीक्षा में शामिल होने वाले प्रतियोगियों का कहना है कि जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स के लिये परीक्षा में उम्र सीमा 35 वर्ष है। एससी वर्ग के लिये यह सीमा 40 वर्ष तक निर्धारित है। इसके अलावा अवसर की बाध्यता 5ाी चार बार ही है। ऐसे में जरूरी है कि पीसीएस जे की परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाये। उनका कहना है कि प्रतिवर्ष परीक्षा का आयोजन न होने के कारण प्रतियोगी पढ़-पढ़कर बूढ़े होते जा रहे हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिल पा रही।
काफी कम निकाली गई वेकेंसी प्रतियोगियों ने बताया कि साल 2006 से 2017 के बीच कुल पांच बार ही वेकेंसी निकली। इसमें पीसीएस जे 2006, 2012, 2013, 2015 और 2016 की परीक्षा शामिल है। यही नहीं इस दौरान आयोग ने इतनी कम मात्रा में वेकेंसी निकली, जिससे सबको नौकरी 5ाी मुश्किल ही रही। साल 2012 में 75 पद, 2013 में 125 पद, साल 2015 में 197 पद और 2016 में 218 पद ही विज्ञापित किये गये। प्रदर्शन 5ाी किया मांगों को लेकर प्रतियोगी 07 दिस6बर को सड़क पर 5ाी उतर चुके हैं। उन्होंने हिन्दी पट्टी के प्रतियोगियों के साथ 5ाषा के आधार पर 5ोद5ाव का 5ाी आरोप लगाया था। किस तरह हो रहा है 5ोद5ाव - प्रति5ावान हिन्दी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की तुलना में कम करके आंका जा रहा है।- ऐसे में हिन्दी माध्यम के छात्रों का अंतिम रूप से चयन अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के मुकाबले न के बराबर होता जा रहा है।
5ाषा के प्रश्न पत्र में अंग्रेजी के साथ हिन्दी को 5ाी स6िमलित किया जाये और दोनो के अंक समान हों या अंग्रेजी 5ाषा के प्रश्न पत्र को हटाया जाये। गजेन्द्र सिंह यादव प्रश्न पत्र के मूल्यांकन में हिन्दी माध्यम के छात्रों के साथ हो रहे 5ोद5ाव को समाप्त किया जाये। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की परीक्षा में अन्य राज्यों की 5ांति अवसर की बाध्यता समाप्त किया जाये। राम करन निर्मल राजस्व न्यायिक 5ार्ती परीक्षा में विधि के प्रश्न पत्र को शामिल किया जाये। यूपी न्यायिक सेवा परीक्षा को छोड़कर किसी 5ाी राज्य में अवसर की बाध्यता नहीं है। ऐसे में यूपी लोक सेवा आयोग में 1यों ? आशीष पटेल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व में कहा था कि पांच साल तक लगातार पीसीएस जे की परीक्षा का आयोजन किया जाये। यह आदेश बड़ी सं2या में 2ाली पदों को दे2ाते हुये किया गया था। सुशील चौधरी