विशाल प्रजापति ने मारी थी अधिवक्ता राजेश को गोली!
प्रतापगढ़ के शूटर को होटल मालिक प्रदीप जायसवाल ने बिचौलिए के माध्यम से दी थी पांच लाख की सुपारी
होटल मालिक पहले ही भेजा जा चुका है जेल, प्रतापगढ़ निवासी बिचौलिया भी किया गया अरेस्ट ALLAHABAD: पिछले दिनों सिटी मे दिनदहाड़े जिला कोर्ट के अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड का पर्दाफाश हो गया है। एसटीएफ वाराणसी की टीम ने हत्याकांड में शामिल दोनों शूटरों को पकड़ लिया है। उन्होंने पूछताछ में हत्याकांड के लिए होटल मालिक प्रदीप जायसवाल से बिचौलिए के माध्यम से पांच लाख की सुपारी लेने की बात को कुबूल भी कर लिया है। पकड़े गए शूटरों में प्रतापगढ़ का विशाल प्रजापति और उसका साथी रईस शामिल है। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने शूटरों तक रुपये पहुंचाने वाले प्रतापगढ़ के बिचौलिये शमशाद को भी पकड़ा है। सुबह दस बजे मारी थी गोलीबता दें कि दस मई की सुबह रामबाग के अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव रोज की तरह कोर्ट जाने के लिए घर से बाइक से निकले थे। वे कटरा स्थित मनमोहन पार्क के पास पहुंचे ही थे कि बाइक सवार शूटरों ने गोली मार दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देने वाले दोनों शूटरों की सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी। हत्याकांड के बाद परिवार वालों ने क्राउन होटल के मालिक प्रदीप जायसवाल को नामजद करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
गोपनीय स्थान पर हो रही पूछताछ पुलिस ने होटल मालिक को जेल भेज दिया था। इस बहुचर्चित हत्याकांड के बाद इलाहाबाद और वाराणसी एसटीएफ शूटरों की तलाश में जुटी। पुलिस सूत्रों की मानें तो राजेश को प्रतापगढ़ के रहने वाले शूटर विशाल और रईस ने मारा था। गोली विशाल ने मारी थी, रईस बाइक चला रहा था। दोनों को प्रतापगढ़ से उठाया गया है। उन्हें गोपनीय स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है। पड़ोसी के माध्यम से दी सुपारी सूत्रों का यह भी कहना है कि होटल क्राउन पैलेस के मालिक प्रदीप जायसवाल ने अधिवक्ता से आजिज आकर पड़ोसी घनश्याम और झूंसी निवासी अंजनी श्रीवास्तव के माध्यम से सुपारी दी थी। इसके बाद शूटरों ने सिटी में रहते हुए रेकी की और मौका देख हत्याकांड को अंजाम दिया। खुलासे को लेकर पुलिस अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो किसी ने भी कुछ कहने से इंकार कर दिया। हालांकि दबी जुबान गिरफ्तारी को स्वीकार भी करते रहे। ----------------------- हत्याकांड से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम - 10 मई 2018 को दिन में दस बजे मनमोहन पार्क के पास अधिवक्ता राजेश को मारी गई गोली- वारदात के बाद अधिवक्ताओं ने जमकर मचाया था बवाल, बस को किया था आग के हवाले
- वारदात के वक्त प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों थे शहर में - प्रदेश सरकार को लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए एसएसपी आकाश कुलहरि का तबादला करना पड़ा था - कई दिन तक जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने नहीं किया न्यायिक कार्य - अधिवक्तओं के दबाव में होटल मालिक को किया गया था गिरफ्तार - दबाव के कारण ही नगर निगम और एडीए को होटल के खिलाफ करनी पड़ी कार्रवाई - होटल की बिल्डिंग में तोड़फोड़ कर हटवाया गया था अवैध अतिक्रमण - होटल पर कार्रवाई के बाद काम पर लौटे थे जिला कचहरी के अधिवक्ता - पूरे मामले की हाई कोर्ट की निगरानी में जांच का लिया गया था निर्णय