बीएचएमएस क्लीयर तो 'नेक्स्ट' जरूरी क्यों?
प्रयागराज (ब्यूरो)। आखिरकार एक बार बीएचएमएस (बैचलर आफ होमियोपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री क्लीयर कर ली तो फिर नेक्स्ट यानी नेशनल एग्जिट टेस्ट देने की क्या जरूरत है? यह सवाल शहर के कई होमियोपैथी डॉक्टर्स ने सरकार के उस आदेश पर उठाया है, जिसमें कहा गया कि बीएचएमएस करने के बाद स्टूडेंट्स नेक्स्ट क्लीयर करके ही प्रैक्टिस कर सकेंगे। बीएचएमएस में इस बाध्यता को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे स्टूडेंट्स और डॉक्टर्स के बीच गहमागहमी का बाजार का गर्म हो चला है।
क्या है मामला
दरअसल नेशनल कमीशन आफ होमियोपैथी ने बीएचएमएस करने वाले स्टूडेंट्स के लिए नेक्स्ट अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद ही वह प्रैक्टिस कर सकेंगे। नेक्स्ट देने के लिए उन्हें 270 दिन की इंटरर्नशिप भी करनी होगी। नेक्स्ट क्लीयर करने के बाद ही उन्हें लाइसेंस मिलेगा। साथ ही स्टेट और नेशनल रजिस्ट्रार में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी उन्हे नेक्स्ट देना होगा। नेशनल कमीशन आफ होमियोपैथी की ओर से हाल ही में इससे संबंधित सर्कुलर जारी किया गया है।
आखिर कब कर सकेंगे प्रैक्टिस
इस मामले में होमियोपैथी के डॉक्टर्स से जब बात की गई तो उन्होंने मिली जुली प्रतिक्रिया दी। कुछ का कहना था कि आल रेडी बीएचएमएस करने में अच्छी खासी उम्र निकल जाती है। इसके बाद प्रैक्टिस करने के फिर से नेक्स्ट देना जरूरी नही। वैसे भी स्टूडेंट नीट के जरिए ही सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में दाखिला पाते हैं। वह पढ़कर ही बीएचएमएस की डिग्री प्राप्त करते हैं। दूसरी ओर कुछ डॉक्टर्स ने इसे सरकार को बेहतर कदम बताया। बोले कि जो लोग घर बैठे बीएचएमएस की पढ़ाई करते हैं और पैसे से डिग्री खरीदते है, उनके लिए यह उचित कदम है। नेक्स्ट क्लीयर नहीं कर पाने से प्रैक्टिस के जरिए पब्लिक को बेवकूफ नहीं बना सकेंगे।
270 दिन की इंटर्नशिप जरूरी।
साल में दो बार फरवरी और अगस्त में होगा एग्जाम।
नंबर आफ टेस्ट देने पर कोई मनाही नही।
कोई एज लिमिट भी नही है तय।
क्लिनिकल काम्पिटेंसी पर बेस्ड होगा नेक्स्ट का एग्जाम।
नेक्स्ट क्लीयर करने के लिए कम से कम 50 फीसदी अंक लाने होंगे।
बिना नेक्स्ट दिए पीजी कोर्स में एडमिशन लेने पर रोक नही। आयुष पीजी एग्जाम देना होगा जरूरी।
अप्रैल में बीएचएमएस का बैच क्लीयर होने के बाद देना होगा नेक्स्ट।
बेहतर निर्णय है। जो लोग घर बैठकर डिग्री लेते हैं उनको इस एगजाम में अपनी योग्यता को सिद्ध करना होगा। जो स्टूडेंट पढ़कर आए हैं उनके लिए नेक्स्ट को क्लीयर करना कोई कठिन काम नही होगा।
डॉ। अनिल सिंह, होमियोपैथी फिजीशियन
डॉ। डीके मिश्रा, होमियोपैथी फिजीशियन मैं नेक्स्ट के सरकार के निर्णय से सहमत नही हूं। वैसे भी बीएचएमएस में पांच साल लग जाते है। स्टूडेंट नीट देकर आता है। उसे खुद को प्रूव करने की जरूरत नही है। उस पर नेक्स्ट देने जैसी औपचारिकता को लादना ठीक नही।
डॉ। अर्पण धर दुबे होमियोपैथी फिजीशियन नेक्स्ट देने का सरकार का निर्णय कही से भी लाजिकल नहीं है। इस पर रोक लगनी चाहिए। पूरी पढ़ाई करने के बाद बीएचएमएस क्वालिफाई किया जाता है। इसके बाद नेक्स्ट देने की स्टूडेंट को कोई आवश्यकता नही है।
डॉ। सुभाष के यादव होमियोपैथी फिजीशियन यह सरकार का निर्णय है और इस पर कोई टिप्पणी उचित नहीं है। अगर पढ़ाई की है तो नेक्स्ट देने में कोई प्राब्लम नहीं है। अगर कोई नहीं देना चाहता है तो उसे बाध्य नहीं करना चाहिए। इस पर कुछ और नहीं कहा जा सकता।
डॉ। सविता विश्वकर्मा होमियोपैथी फिजीशियन