Bareilly: केसीएमटी कॉलेज 2001 में शुरू हुए इस कॉलेज में प्रोफेशनल और ट्रेडिशनल दोनों ही कोर्सेस चलाए जा रहे हैं. इस कॉलेज में स्टूडेंटस को पूरी तरह एकेडेमिक माहौल मिलता है. यहां प्लेसमेंट और पर्सनाल्टी डेवलेपमेंट के क्लासेस भी चलाए जाते हैं. इससे स्टूडेंट्स के जॉब इंटरव्यू फेस करने में आसानी रहती है. यहां स्टूडेंटस को पढ़ाई के अतिरिक्त एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने का भी पूरा मौका मिलता है.


ईयर 2011 में कट ऑफबीकॉम          65 परसेंटबीकॉम ऑनर्स     65 परसेंटबीएससी         60 परसेंट(एडमिशन फॉर्म इस वक्त अवेलेबल हैं)USP of Collegeकॉलेज के सभी कोर्सेस में सिलेबस के अलावा भी गेस्ट लेक्चर प्लान किया जाता है। वहीं स्टूडेंटस को क्वालिटेटिव प्रोजेक्ट वक्र्स कराए जाते हैं। इससे उनकी गुणवत्ता में सुधार होता है।ये भी जॉब अपॉच्र्युनिटी


प्रोफेशनल कोर्सेस की डिमांड बढऩे के बाद से ही कॉलेज में भी कॉम्पिटिशन बढ़ गया है, पर यह जरूरी नहीं है कि प्रोफेशनल कोर्सेस में दाखिला लेकर ही भविष्य सिक्योर किया जा सकता है। प्रोफेशनल कोर्सेस में स्टूडेंटस की भीड़ बढऩे से जॉब में भी कॉम्पिटिशन बढ़ा है। वहीं ट्रेडिशनल कोर्सेस में स्टूडेंट्स की संख्या कम होने से टीचर्स की संख्या कम हो रही है, कुछ कोर्सेस के टीचर्स तो ढूंढने पर भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में ट्रेडिशनल कोर्स करके भी जॉब में अच्छी अपॉच्र्युनिटी पाई जा सकती है।- डॉ। अमरेश कुमार, प्रिंसिपलबरेली कॉलेज बरेली

1837 में बना यह कॉलेज बरेली का सबसे पुराना और पॉपुलर कॉलेज है। बरेली ही नहीं वरन मंडल भर के ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने वाले गल्र्स और ब्वॉयज के लिए यह पहली च्वाइस है। यहां स्टूडेंटस को तकरीबन सभी कोर्सेस का ऑप्शन मिलता है, वहीं यहां की फै कल्टीज भी काफी एक्सपीरिएंस्ड होने की वजह से पढ़ाई में काफी गुणवत्ता होती है। यहां सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं।ईयर 2011 में कट ऑफ बीए                     61.65 परसेंट बीएससी बायो          70.13 परसेंट बीएससी मैथ्स          77.12 परसेंट बीकॉम                 78.09 परसेंट(एडमिशन फॉर्म इस वक्त अवेलेबल हैं)USP of Collegeइस कॉलेज में साइंस फैकल्टी एक्सपीरिएंस्ड है। यहां के फिजिक्स डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स ने जेआरएफ में सबसे अच्छी रैंक एचीव की है। इसकी लैब भी वेल इक्विप्ड हैं।कम नहीं हुआ है क्रेजमैं यह नहीं मानता कि ट्रेडिशनल सब्जेक्ट्स में स्टूडेंट्स की रुचि कम हुई है, हमारे यहां तो इन सब्जेक्टस में भी एडमिशन के लिए काफी कॉम्पिटिशन रहता है। 1840 सीटें होने के बावजूद भी बीए में 60 परसेंट से कम एचीव करने वालों को एडमिशन नहीं मिल पाता है। यह कहा जा सकता है कि पहले की अपेक्षा प्रोफेशनल कोर्सेस के प्रति स्टूडेंट्स की रुचि कुछ बढ़ गई है। सही भी है ट्रेडिशनल कोर्सेस क रने के बाद भी कॅरियर को शिखर तक ले जाया सकता है। जरूरत सिर्फ सही गाइडेंस की है।- डॉ। आरपी सिंह, प्रिंसिपलजेपीएम कॉलेज

2006 में शुरू हुए जमुना प्रसाद मेमोरियल कॉलेज में बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए, पीजीडीसीए कोर्स चलाए जा रहे हैं। इस साल से यहां बीए के क्लासेज भी शुरू किए जा रहे हैं। कॉलेज में स्टूडेंट्स की नॉलेज अपडेट करने और उनकी पर्सनाल्टी डेवलेपमेंट के लिए वीकली सेमिनार ऑर्गनाइज किया जाता है। वहीं यहां स्टूडेंटस को करियर कोचिंग भी प्रोवाइड कराई जाती है। यह स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद है।ईयर 2011 में कट ऑफ बीकॉम              50 परसेंट बीएससी            50 परसेंट(एडमिशन फॉर्म इस वक्त अवेलेबल हैं)USP of Collegeकॉलेज में स्टूडेंट्स की प्रतिभा को निखारने के लिए स्पेशल क्लासेज, सेमिनार, गेस्ट लेक्चर्स काफी बेनिफीशियल हैं। कॉलेज में सिलेबस के अतिरिक्त होने वाले क्लासेज स्टूडेंट्स क ो बेटर फ्यूचर के लिए सपोर्ट करते हैं।प्रॉपर गाइडेंस बेहद जरूरी हैअगर स्टूडेंट्स को प्रॉपर गाइडेंस मिले तो वह प्रोफेशनल कोर्सेस के पीछे नहीं भागेंगे। यह जरूरी है कि स्टूडेंट्स करियर चूज करने से पहले करियर काउंसलिंग जरूर लें और अपने इंट्रेस्ट का भी खास ख्याल रखें। यह आपको कोर्स के बाद जॉब करने में काफी हेल्प करता है। अपने टैलेंट को एजुकेशन को सपोर्ट देकर करियर चूज करना बेस्ट ऑप्शन है। अगर आप क्रिएटिव राइटिंग करते हैं तो आप उस लैंग्वेज का कोर्स करके कंटेंट राइटर जैसे ऑप्शंस चूज कर सकते हैं।
- डॉ। मनोज कांडपाल, प्रिंसिपलपिछले कुछ साल में बीए, बीएससी, बीकॉम करने के लिए स्टूडेंट्स रुझान कुछ बढ़ा है। दरअसल, प्रोफेशनल कोर्सेस की हवा में स्टूडेंटस ने इनमें एडमिशंस लिए, पर भीड़ की वजह से जॉब मिलना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में एक बार फिर से ट्रेडिशनल कोर्सेस में स्टूडेंटस का ग्राफ चढऩे लगा है। वहीं इस क्षेत्र में जॉब की ज्यादा अच्छी अपॉच्र्युनिटीज मौजूद हैं। स्टेटिस्टिक्स जैसी फील्ड में भी आजकल एमबीए करने वाले काम कर रहे हैं। ऐसी फील्ड में काम करने के लिए तो ट्रेडिशनल कोर्स जरूरी है।- डॉ। अतुल नामदेव, प्रिंसिपलअवंतीबाई लोधी राजकीय कन्या डिग्री कॉलेज यह शहर का एकमात्र गल्र्स कॉलेज है, जिसमें बीएससी और बीकॉम की क्लासेज चलते हैं। 1996 में शुरू हुआ यह कॉलेज गल्र्स की पहली पसंद है। वहीं पेरेंट्स भी गल्र्स के लिए यह कॉलेज पसंद करते हैं। इस कॉलेज में सेकेंड पोजिशन एचीवर्स को भी आसानी से एडमिशन मिल जाता है। यहां स्टूडेंट्स क ो बेहतर माहौल, लैब फैसिलिटी अवेलेबल करवाई जाती है। ईयर 2011 में कट ऑफबीकॉम     60 परसेंटबीएससी    45 परसेंटबीए      सभी एडमिशन ले लिए गए थे।(एडमिशन फॉर्म इस वक्त अवेलेबल हैं)USP of Collegeकॉलेज में गल्र्स के लिए बेहतर एजुकेशन प्रोवाइड की जाती है। यहां का फिजिक्स और केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में लैब फै सिलिटी उम्दा की वजह से यह डिपार्टमेंट काफी अच्छे हैं।ट्रेडिशनल सब्जेक्ट्स आर द बेस्टट्रेडिशनल सब्जेक्ट्स की पढ़ाई भी बहुत जरूरी है। स्टूडेंट्स का रुख प्रोफेशनल सब्जेक्ट्स की ओर होने से बीए, बीएससी, बीकॉम में करियर ओरिएंटेड स्टूडेंट्स की कमी हुई जिससे इन ब्रांचेज में एक वैकेंट स्पेस पैदा हो गया है। जिससे टीचर्स और रिसर्च स्कॉलर्स की संख्या में कमी आ रही है जो वास्तव में चिंता का विषय है। इसके लिए जरूरी है कि स्टूडेंट्स ट्रेडिशनल सब्जेक्ट्स में भी भविष्य संवारें। और इससे उन्हें जॉब अपॉच्र्युनिटीज में भी ज्यादा ऑप्शंस मिलेंगे। यह काफी अच्छा करियर साबित होगा।- प्रो। फहमीदा कौशर, प्रिंसिपल


खुसरो डिग्री कॉलेजखुसरो कॉलेज सेल्फ फाइनेंस में सबसे सस्ता कॉलेज है। वहीं सिटी में बरेली कॉलेज के बाद ब्वॉयज के लिए बीए करने के लिए अच्छा ऑप्शन है। दरअसल, यहां सीटों की संख्या अधिक होने की वजह से एडमिशन बहुत ही आसानी से मिल जाता है। 2004 में खोले गए इस कॉलेज से स्टूडेंट्स बीए, बीएससी और बीकॉम कर सकते हैं। यहां स्टूडेंट को फीस तीन इंस्टालमेंटस में जमा करने की सुविधा भी मिलती है।ईयर 2011 में कट ऑफयहां सभी के एडमिशन ले लिए गए थे। कुछ सीटें खाली भी बच गई थीं।(एडमिशन फॉर्म इस वक्त अवेलेबल हैं)USP of Collegeकॉलेज में स्टूडेंट्स क साइंस सब्जेक्ट में अच्छी फै कल्टी और लैब होने से गुणवत्ता युक्त नॉलेज मिल पाती है। वहीं रेग्युलर क्लासेज भी कॉलेज की एक बड़ी खासियत है। जरूरी हैं ट्रेडिशनल कोर्सेस Posted By: Inextlive