नैक के लिए प्राचार्य की अध्यक्षता में कमेटी की हुई बैठक कॉलेज वर्ष 2023-24 में मूल्यांकन के लिए करेगा आवेदनए वर्ष 2012 में नैक की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने कॉलेज को दिया था ए ग्रेडण्

बरेली (ब्यूरो)। जिले में उच्च शिक्षा का ऐतिहासिक संस्थान बरेली कॉलेज वर्तमान में भले ही शिक्षा से ज्यादा विवादों के लिए जाना जा रहा हो, पर अब कॉलेज प्रशासन इसकी पहचान और शान को दोबारा बुलंदियों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए किए जा रहे प्रयासों में नैक मूल्यांकन सबसे प्राथमिकता पर है। वर्ष 2012 में नैक से ए ग्रेड हासिल करने वाला यह कॉलेज अब 11 साल बाद इसके मूल्यांकन के लिए कमर कस रहा है। इसके लिए ट्यूडे को कॉलेज में नैक कमेटी की बैठक हुई। प्राचार्य प्रो। ओपी राय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ए प्लस ग्रेड पाने के लिए सभी मानदंडों को पूरा करने पर विचार विमर्श हुआ। बैठक के बाद प्राचार्य डॉ। ने बताया कि कॉलेज सत्र 2023-24 में नैक मूल्यांकन को आवेदन करेगा। इससे पहले जरूरी मानकों को पूरा किया जाएगा।

3.06 सीजीपीए के साथ पाया था ए ग्रेड
बरेली कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी राजनीति का अखाड़ा तो बनी रहती है, पर इस कमेटी को न तो कॉलेज की भलाई से कोई वास्ता रहता है और न ही इसकी आन-बान और शान से। नैक मूल्यांकन को ही इग्नोर करना तो इसकी बानगी भर है। बरेली कॉलेज में नैक का मूल्यांकन 11 साल पहले वर्ष 2012 में हुआ था। तब नैक की पियर टीम की रिपोर्ट पर इसकी एक्जीक्यूटिव कमेटी ने कॉलेज को 3.06 सीजीपीए के साथ ए ग्रेड दिया था। तब ए ग्रेड पाना कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि रही। इसके बाद से कॉलेज प्रबंधन ने नैक मूल्यांकन को भूला दिया।

ए प्लस ग्रेड पाने की चुनौती
यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार किसी भी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय को हर चार साल बाद नैक मूल्यांकन करना होता है। एक बार मूल्यांकन के बाद मिले ग्रेड की वैलिडिटी चार साल होती है। यूजीसी से मिलने वाली ग्रांट इसी वैलिडिटी पीरियड में मिलती है। इसके बाद नैक मूल्यांकन नहीं कराने वाले कॉलेज को ग्रांट भी नहीं दी जाती है। बरेली कॉलेज अब 11 साल बाद नैक मूल्यांकन की तैयारी कर रहा है, तो उसके सामने ए प्लस ग्रेड हासिल करने की चुनौती है। प्राचार्य प्रो। ओपी राय ने बताया कि इसके लिए सबसे पहले वर्ष 2012 में नैक की टीम के दिए गए सुझावों को पूरा किया जाएगा।

बेहतर ग्रेड स्टूडेंट्स के लिए बेहतर
नैक मूल्यांकन में सबसे अधिक फोकस कॉलेज में शिक्षण सुविधा, कॉलेज का रिजल्ट और कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर, पर होता है। जिस संस्थान में इनकी स्थिति बेहतर होती है, उनको सीजीपीए के आधार पर उतना ही बेहतर ग्रेड मिलता है। नैक की गाइड लाइन के अनुसार 3.01 से 3.25 सीजीपीए पाने वाले संस्थान को ए ग्रेड, 3.26 से 3.50 सीजीपीए पाने वाले संस्थान को ए प्लस गे्रड और 3.51 से 4.00 सीजीपीए तक पाने वाले संस्थान को ए प्लस प्लस ग्रेड मिलता है। अपने भविष्य के प्रति जागरूक स्टूडेंट्स इसी ग्रेड के आधार कॉलेज का आंकलन कर सकते हैं और उसमें एडमिशन पाने का प्रयास करते हैं।

ये रहे उपस्थित
कॉलेज में नैक मूल्यांकन के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन प्रो। ओपी राय, समन्वयक प्रो। केके सक्सेना, सदस्य प्रो। एनबी सिंह, प्रो। एसी त्रिपाठी, प्रो। भूपेन्द्र सिंह, प्रो। अविनाश अग्रवाल, प्रो। एके खरे, प्रो। एमबी कलहंस, प्रो। सदरे आलम, प्रो। राजेन्द्र सिंह, प्रो। भारती डोगरा, प्रो। अजय कुमार सिंह, प्रो। शालिनी सिंह, डॉ। दया राम, डॉ। संजय कुमार यादव, डॉ। राजीव यादव, डॉ। विकास शर्मा, डॉ। रामेन्द्र सिंह सोलंकी, डॉ। विजय प्रताप सिंह, विवेक डागर, डॉ। वंदना शर्मा और डॉ। बीनम सक्सेन आदि रहीं।

बोले प्राचार्य
कॉलेज 11 साल बाद नैक मूल्यांकन की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कमेटी की बैठक हुई और जरूरी मानदंडों पर विचार विमर्श हुआ। अब हम अपना विजन लेकर डीएम के पास जाएंगे और उनके मार्गदर्शन के आधार पर ही नैक मूल्यांकन कराने सबंधी कार्रवाई को अमल में लाएंगे।
प्रो। ओपी राय, प्राचार्य बरेली कॉलेज

Posted By: Inextlive