जलभराव, आवारा पशुओं से जल्द मिलेगी निजात
- 14वें वित्त की बैठक में पास हुए 27 करोड़ के प्रस्ताव
- लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही पूरे होंगे काम BAREILLY: राजेंद्र नगर इलाके में जलभराव की समस्या हो या फिर शहर में आवारा जानवरों का खौफ। लोगों को जल्द ही इन समस्याओं से निजात मिलने की उम्मीद है। थर्सडे को कमिश्नर रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई 14वें वित्त आयोग की बैठक में 27 करोड़ 61 लाख दो हजार रुपए के विकास कार्यो के प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें डेलापीर पर पंपिंग स्टेशन बनाने के साथ ही आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर वाहन खरीदने समेत निमार्ण कार्यो के भी प्रस्ताव पास हुए। प्रस्ताव नंबर 1 : सड़क, नाला, नाली के लिए 18.59 करोड़सबसे पहला प्रस्ताव शहर में निर्माण कार्य को लेकर रखा गया। इसमें कुल 139 कामों को गिनाया गया। 18.59 करोड़ रुपए से सड़क, नाला और नाली का निमार्ण कराया जाना है।
प्रस्ताव संख्या 2 15.26 लाख से पूरे होंगे अधूरे कामबजट की कमी के चलते अधूरे पड़े कामों को भी 14वें वित्त से रफ्तार मिलेगी। इसके लिए 15.26 लाख रुपए का बजट दिया गया है। इसमें वार्ड संख्या 3 में सीसी रोड और नाली निर्माण के साथ ही संजय नगर में नाला निर्माण का काम पूरा किया जाएगा।
प्रस्ताव नंबर 3 जगह बदलने के संबंध में नगर निगम ने फिनिक्स मॉल के सामने शमशान भूमि की सड़क के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किया था। लेकिन अब इस प्रस्ताव को नगर निगम ने बदल दिया और फिनिक्स मॉल की जगह छोटी विहार में एक निजी मेडिकल स्टोर से डेली नीड्स शॉप तक रोड और नाली के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किया। जिस पर कमिश्नर की मुहर लग गई। प्रस्ताव 4 1.5 करोड़ से सुधरेगी वाटर सप्लाई शहर में पानी की किल्लत दूर करने के लिए 1.5 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इस बजट से शहर में एक नया ट्यूबवेल लगाया जाएगा और कुछ पुराने ट्यूबवेल रीबोर कराए जाएंगे। बता दें कि शहर के कई इलाकों में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं। इससे उन्हें कुछ राहत मिल सकती है। प्रस्ताव 5 1.85 करोड़ से सुधरेगा सीवरेज सिस्टमशहर में पेयजल के अलावा सबसे बढ़ी समस्या सीवर की भी है। इसके लिए नगर निगम ने एक कदम और बढ़ाया है। नगर निगम ने इसके लिए 1.85 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है। इस धनराशि से शहर की सीवर लाइन को ठीक किया जाएगा और यदि कहीं पर सीवर लाइन नहीं है तो उसके लिए भी बनाया जाएगा।
प्रस्ताव संख्या 6 कूड़ा निस्तारण के लिए 1.5 करोड़ 1.5 करोड़ रुपए से नगर निगम के कूड़ा उठाने वाले वाहनों की मरम्मत कराने के साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन योजना के लिए नए रिक्शे और अन्य वाहन खरीदे जाएंगे। हालांकि इस प्रस्ताव पर काफी देर तक बहस भी चलती रही, लेकिन उसके बाद कमिश्नर की मुहर इस पर लग गई है। प्रस्ताव संख्या 6 अंधेरा दूर करने के लिए 50 लाख शहर की सड़कों का अंधेरा दूर करने के लिए 50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जहां स्ट्रीट लाइट नहीं हैं वहां नई एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी और खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट रिपेयर कराई जाएंगी। प्रस्ताव 7 जीएसटी का पढ़ाया पाठइस प्रस्ताव विवादों के बीच फंस गया। जैसे ही नगर निगम ने कहा कि नगर निगम के जो कार्य पहले ही प्रस्तावित हो गए है उनके लिए जीएसटी देना है। इसके लिए कमिश्नर ने तत्काल कहा कि काम कराने के लिए जिन प्रस्तावों पर टेंडर मांगे गए थे क्या उन पर किसी भी तरह का टैक्स इंक्लूड नहीं था। जिस पर नगर निगम ने कहा कि उन्होने जो भी टेंडर निकाले उन पर बैट पहले से इन्क्लूड था। जिस पर कमिश्नर ने कहा कि यदि पहले से टैक्स लगाया था तो जीएसटी की कोई जरूरत नही। क्योंकि जीएसटी अलग से नया टैक्स नही है। सभी टैक्स को मिलाकर एक टैक्स बनाया गया है, जिसे जीएसटी कहते है।
प्रस्ताव संख्या 8 डेलापीर पर बनेगा पंिपंग स्टेशन राजेंद्र नगर और आसपास के इलाकों में बरसात के मौसम में होने वाले जलभराव की समस्या के समाधान के लिए डेलापीर पर एक पंपिंग स्टेशन बनाने के प्रस्ताव को भी बैठक में मंजूरी मिल गई। इस पर दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बता दें कि बीते बरसात के मौसम में जलभराव से परेशान स्थानीय लोग नगर निगम के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे और नगर निगम कई दिन के प्रयास के बाद भी समस्या का समाधान नहीं कर सका। अब पंपिंग स्टेशन बनने से जलभराव की समस्या से लोगों को निजात मिल सकेगी। ट्रेकुलाजर गन भी खरीद सकते हैंशहर में घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए जब नगर निगम ने अपना एक और प्रस्ताव रखा कहा कि शहर में जो भी आवारा पशु घूमते है उसके लिए उन्होने ट्रेक्टर ट्राली में ही जुगाड़ कर रखा है। इसके लिए उन्हे एक कैटल कैचर वाहन की जरूरत है। जिससे वो आवारा पशुओं को उसमें पकड़ कर आसानी से ले जा सके। जिस पर कमिश्नर ने कहा कि कैटर कैचर वाहन एक नही बल्कि दो खरीदो जिससे पशुओं को पकड़ने में कोई दिक्कत न आए। साथ ही उन्होने कहा कि एक ट्रेकुलाइजर गन भी खरीद ली जाए जिससे सांडों को बेहोश करके उन्हें भी आसानी से पकड़ा जा सके।