-स्कूल और ऑफिसेज में घट गई खपत, लॉकडाउन में भी बंद रही थी शॉप

-स्कूल बंद होने से बुक्स की भी नहीं हो सकी सेल, व्यापारी

बरेली: कोरोना महामारी ने शहर में 60 परसेंट स्टेशनरी कारोबार को चौपट कर दिया है। इसका बड़ा कारण स्कूल्स का बंद होना तो वहीं लॉकडाउन में ऑफिसेज बंद होना है। स्टेशनरी कोरोबारी और बुक्स सेलर का कहना है कि जहां कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था थम सी गई है। स्कूल कॉलेजेज और महाविद्यालय ओपन नहीं होने से बुक्स, कॉपी और स्टेशनरी की खपत न के बराबर ही बची है। बस किसी तरह अपना खर्चा तक निकालना मुश्किल हो रहा है। जिससे सभी स्टेशनरी और बुक्स सेलर परेशान हैं।

लॉकडाउन बना मुसीबत

मार्च माह से इस बार कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन शुरू हो गया था। जिसके बाद से स्कूल कॉलेजेज और कोचिंग संस्थान के साथ ऑफिसेज भी बंद हो गए थे। लेकिन उसी दौरान स्कूलों में नया सेशन शुरू हो रहा था। लेकिन लॉकडाउन के चलते नया सेशन तो शुरू नहीं हो पाया नए सेशन के नाम पर सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस तो शुरू कर दी गई लेकिन सभी स्टूडेंट्स ने बुक्स भी नहीं खरीदी है। यही रीजन है कि बुक्स और स्टेशनरी कोरोबार प्रभावित है।

हॉटस्पॉट बड़ा कारण

शहर में इस वक्त कई एरिया में अधिक कोरोना पेशेंट मिलने से उस एरिया को क्लस्टर बना दिया जाता है। जिस कारण उस एरिया के ऑफिसेज भी बंद हो जाते हैं। इसमें वहां पर ऑफिसेज का काम भी बंद हो जाता है। जिस कारण स्टेशनरी का कारोबार भी बंद ही हो जाता है।

कोर्सेज की भी घटी सेल

स्टेशनरी कारोबारी ही नहीं स्कूल और कॉलेजेज के साथ महाविद्यालय भी इस वक्त बंद चल रहे हैं। लेकिन हर बार तो नया सत्र अप्रैल से जुलाई अगस्त तक शुरू होने की तैयारी आदि के चलते बुक्स और स्टेशनरी की जबरदस्त सेल होती थी। लेकिन इस बार स्कूल और कॉलेजेज बंद होने से स्टेशनरी ही नहीं लोगों ने छोटे बच्चों की बुक्स और कोर्सेस भी नहीं खरीदे हैं। जिस कारण स्कूल की बुक्स भी शॉप्स में तो भरी रखी हैं लेकिन बिक्री नहीं हो पा रही है।

ऑनलाइन का बढ़ा चलन

कोरोना महामारी के चलते स्कूल और कॉलेजेज तो बंद है तो वहीं ऑफिसेज सरकारी और गैर सरकारी में ऑनलाइन का चलन बढ़ रहा है। इसे अब लोग पंसद भी कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना काल में हर कोई पेपर देने या फिर लेने से बच रहा तो वहीं ई-चलन को लोग पसंद भी कर रहे हैं। शहर के प्राइवेट ऑफिसेज ही नहीं प्राइवेट ऑफिसेज में इस वक्त नया और अच्छा वह भी बचत के साथ करने के लिए हर क्षेत्र में टेक्निक को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन का चलन बढ़ा है। उदाहरण के लिए रेलवे ने भी अब पेपर खपत कम करने के लिए रिजर्वेशन चार्ट को अब सिंगल कॉपी प्रिंट करने का निर्णय लिया है। इस पेपर खपत कम करके रेलवे अब 5 लाख से अधिक की प्रतिवर्ष बचत करेगा।

कोंिचंग भी हैं बंद

जहां एक तरफ स्कूल कॉलेजेज बंद चल रहे तो वहीं कोचिंग भी बंद है। ऐसे में कोचिंग संस्थान भी बंद है। स्टेशनरी कोरोबारी और बुक्स सेलर का कहना है कि जहां स्कूल और कॉलेजेज के साथ कोचिंग में सबसे बड़ी खपत होती थी तो अब इस कोरोना महामारी के चलते कोचिंग संस्थान भी बंद हैं।

-कोरोना संक्रमण ने कारोबार तो वैसे भी ठप सा हो गया है, लेकिन स्कूल और कॉलेजेज के साथ लॉकडाउन में ऑफिसेज आदि सभी बंद रहे इससे स्टेशनरी और बुक्स का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

राजेश जसोरिया, स्टेशनरी कारोबारी

-बुक्स का तो इस बार कारोबार ठप हो गया है। क्योंकि स्कूल्स की अधिकांश पेरेंट्स ने बुक्स ही नहीं शॉपिंग की है। इसी के चलते अधिकांश बुक्स तो शॉप में रखी हुई है। स्टेशनरी का काम भी ठप सा हो गया है।

अंकुर अग्रवाल, बुक्स कारोबारी

Posted By: Inextlive