BAREILLY: रसोई गैस की होम डिलीवरी के नाम पर गैस एजेंसीज हर महीने कंज्यूमर्स की जेब से लाखों रुपए निकाल रही हैं. लेकिन इस पैसे का कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जाता. हालात ये हैं कि कंज्यूमर्स की पॉकेट से वेंडर्स को पेमेंट के नाम पर निकला ये पैसा वेंडर्स की पॉकेट तक न पहुंचकर करप्शन के पाइप से एजेंसीज के खातों में पहुंच रहा है. ऐसा तब है जबकि सिस्टम को ट्रांसपैरेंट बनाने के लिए पेट्रोलियम कंपनियां महीनों से मशक्कत कर रही हैं.


15 रुपए की मिलती है रिबेट रसोई गैस सप्लाई करने वाली पेट्रोलियम कंपनीज के मुताबिक अगर कोई कंज्यूमर सीधे एजेंसी के गोदाम जाकर सिलेंडर की डिलीवरी लेता है तो उसे मौजूदा सब्सिडाइज्ड रेट 417 रुपए में 15 रुपए की रिबेट मिलती है। यानि उसे केवल 402 रुपए पेमेंट करने होते हैं। एजेंसीज के प्रोपराइटर्स के अकॉर्डिंग ये 15 रुपए कंज्यूमर्स से कैश एंड कैरी मद में लिए जाते हैं। नियमानुसार इस सर्विस चार्ज का यूज वेंडर्स को सैलरी देने में किया जाता है।नहीं रखी जाती है डिटेल


सिलेंडर पर 417 रुपए के अतिरिक्त भी वेंडर्स कंज्यूमर्स से रुपए वसूलते हैं। यह आंकड़ा भी लाखों रुपए का है। हैरत की बात यह है कि इस वसूली पर न तो सप्लाई ऑफिस का   कोई ध्यान है और न ही एजेंसीज ही इसका हिसाब रखती हैं। कुल मिलाकर सिचुएशन यह है कि एजेंसीज से लेकर डिस्ट्रिब्यूटर एंड तक पर इस पैसे का कोई हिसाब या रिकार्ड नहीं  रखा गया है। कम मिलता है पेमेंट

कंज्यूमर्स से वसूले जाने वाले इन लाखों रुपए से वेंडर्स को होने वाले पेमेंट की बात करें तो हर एजेंसी का अपना अलग राग है। कुछ एजेंसीज वेंडर्स को महीने के हिसाब से पेमेंट करती हैं तो कुछ ने रेट फिक्स कर रखा है। वेंडर्स से हुई बातचीत में कई वेंडर्स ने होम डिलीवरी के लिए हर सिलेंडर के पीछे 8 रुपए मिलने की बात भी स्वीकारी। उन्होंने दबी जुबान से एक्सेप्ट किया कि उन्हें स्टैंडर्ड से कम पैसा मिलता है$  हालांकि एजेंसीज प्रोपराइटर्स इस बात को नहीं मान रहे हैं। हर महीने 30 लाख का कलेक्शन बरेली के आंकड़ों पर ध्यान दें तो सिटी में तीन पेट्रोलियम कंपनीज हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडेन और भारत पेट्रोलियम के लगभग 2 लाख कंज्यूमर्स हैं। आमतौर पर ज्यादातर कंज्यूमर्स होम डिलीवरी से ही गैस सिलेंडर लेते हैं। घर पर पहुंच कर ये गैस उन्हें 417 रुपए में मिलती है। इस कॉस्ट से हर महीने गैस एजेंसीज के पास वेंडर्स के कमीशन की मद में लगभग 30 लाख रुपए पहुंचते हैं। कैश एंड कैरी मद में आई इस रकम का बाकायदा लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए।कैश एंड कैरी चार्ज में 15 रुपए एजेंसी इसलिए लेती है कि वेंडर्स का भुगतान हो सके। हमारी एजेंसी में कार्यरत सभी वेंडर्स को सैलरी इसी पैसे से देनी होती है। इस मद में आने वाला पूरा पैसा वेंडर्स को दिया जाता है।एसके गुप्ता, प्रोपराइटर, राज गैस एजेंसी

हमारे लगभग सौ फीसदी कंज्यूमर्स होम डिलीवरी लेते हैं। ये सही है कि कैश एंड कैरी की मद में 15 रुपए लिए जाते हैं। हम अपने वेंडर्स को 12 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से पेमेंट करते हैं। इससे अतिरिक्त पैसे का हिसाब नहीं रखा जाता है। रतिभान सिंह राठौर, प्रोपराइटर, गणेश गैस एजेंसी

एजेंसी लेवल पर ऐसा होना नहीं चाहिए। लेकिन  ऐसा है तो वेंडर्स का निर्धारित पैसा उन्हें भुगतान न करने वाली एजेंसीज पर कार्रवाई होनी चाहिए।  रंजना सोलंकी, प्रेसिडेंट, गैस डीलर एसोसिएशन गैस एजेंसीज कोई ऐसा ब्यौरा नहीं भेज रही हैं। कैश एंड कैरी मद का पैसा वेंडर्स के खाते में पेमेंट होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो मैं जांच करूंगा। केबी सिंह, डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर

Posted By: Inextlive