Bareilly : डेंगू के सिटी को अपनी चपेट में लेने के बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट और सीएमओ ऑफिस की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है. लखनऊ पीजीआई से डेंगू के 4 केसेज कंफर्म होने की रिपोर्ट मिलने के बाद भी संडे को जिम्मेदारों की सुस्ती बरकरार रही. संडे को सिटी के डेंगू अफेक्टेड एरियाज में इंस्पेक्शन करने के बजाए हेल्थ डिपार्टमेंट और सीएमओ ऑफिस के अफसरों ने अपने घरों में आराम करने को तरजीह दी. शुरुआत में शहर में डेंगू की मौजूदगी को अफवाह करार देने वाला सीएमओ ऑफिस अब भी डेंगू के खतरे से निपटने को कारगर कदम उठाने में लापरवाही बरत रहा है. वहीं सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ही एक्सपेक्टेड डेंगू के पेशेंट्स की तादाद 100 के पार पहुंच चुकी है. जिसने आने वाले दिनों में डेंगू के खतरे को और बढ़ा दिया है.


100 के पार पहुंचा आंकड़ासिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ही डेंगू के एक्सपेक्टेड केसेज का आंकड़ा 100 के ऊपर चला गया है। धंवंतरि तोमर हॉस्पिटल में संडे शाम तक 9, गंगाचरण हॉस्पिटल में 14, दीपमाला हॉस्पिटल में 10, मिशन हॉस्पिटल में 11 और सरन हॉस्पिटल में डेंगू और एक्सपेक्टेड डेंगू के 15 केसेज मौजूद हैं। वहीं सिटी के करीब अन्य 100 छोटे-बड़े हॉस्पिटल और नर्सिंग होम में भी डेंगू के सिंपटम्स वाले पेशेंट्स का आना जारी है। सैटरडे को पीजीआई लखनऊ की 15 में से 4 केसेज के डेंगू पॉजिटिव होने के बाद से लोगों में नॉर्मल फीवर को लेकर भी डर बना हुआ है।चुप रहे जिम्मेदार


डेंगू की धमक का अहसास महीने भर पहले ही हो चुका था। निजी हॉस्पिटल्स में डेंगू के सिम्पटम्स पॉजिटीव पाए जाने के बावजूद इस पर चुप्पी रही। कारण रूल्स के मुताबिक इन निजी हॉस्पिटल्स ने एक्सपेक्टेड  डेंगू के सैंपल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीएमओ के तहत इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोजेक्ट, आईडीएसपी को अवेलबल करा दिए थे। लेकिन बावजूद इसके डेंगू की गंभीरता पर कोई कदम नहीं उठाया गया। प्राइवेट हॉस्पिटल्स के कुछ डॉक्टर्स ने नाम न उजागर करने पर बताया कि महीने भर पहले ही हमें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से एक्सपेक्टेड डेंगू केसेज की रिपोर्ट ओपन न करने के निर्देश दिए गए थे। मीडिया में इसके खुलासे से बचने को भी चेताया गया था। आंकड़े छुपाने का खेल जारीसीएमओ ऑफिस की ओर से महीने भर तक डेंगू के केसेज छुपाने का खेल खेला जा रहा था। सोर्सेज और निजी हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स के बाद अब सिटी के हालात खुद इसकी पुष्टि कर रहे हैं। आईडीएसपी की ओर से लास्ट थर्सडे को लखनऊ पीजीआई सिर्फ 15 सैंपल भेजे गए थे। जिनमें से 4 डेंगू पॉजिटिव निकले। जबकि निजी हॉस्पिटल्स की ओर से आईडीएसपी को रोजाना कई सैंपल भेजे जा रहे थे। लेकिन आईडीएसपी की ओर से इन पर संज्ञान लेकर इन्हे पीजीआई भेजने के बजाए लगातार दबाया जा रहा था। जिससे कि डेंगू के केसेज के कम से कम खुलासे हो। जिससे जिम्मेदारों पर शहर की सेहत दुरूस्त रखने में बरती जाने वाली लापरवाही की गाज न गिरे।बिहारीपुर-मलूकपुर में भी डर

डेंगू के डंक ने वैसे तो पूरी सिटी को अपने निशाने पर ले लिया है। लेकिन बिहारीपुर और मलूकपुर एरियाज में एक्सपेक्टेड डेंगू के केसेज सबसे ज्यादा पाए जा रहे हैं। निजी हॉस्पिटल्स में एडमिट या ओपीडी से इलाज करा रहे डेंगू के ऐसे पेशेंट्स बिहारीपुर, मलूकपुर और इसके बाद शाहजहांपुर से हैं। सैटरडे तक बिहारीपुर सौदागरन में ही डेंगू के 7 केसेज सामने आए थे। जिनमें से दो के परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाने में ही भलाई समझी। इन एरियाज में डेंगू का डंक सबसे ज्यादा घातक होने के बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट या सीएमओ की टीम ने अभी तक यहां इंस्पेक्शन करने और डेंगू से बचाव के जरूरी स्टेप उठाने में पहल नहीं की गई।

Posted By: Inextlive