ड्राइविंग लाइसेंस बनने से दोगुना ज्यादा बिक रही नई गाडि़यां
-ढाई हजार लाइसेंस तो 5 हजार नई गाडि़यों के हर महीने हो रहे रजिस्ट्रेशन
- मैनुअली की अपेक्षा ऑनलाइन 50 फीसदी से भी कम बन रहे लाइसेंस BAREILLY: बरेली में ड्राइविंग लाइसेंस बनने से दोगुना नई गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन आरटीओ में हो रहे हैं। आरटीओ के आंकड़ों पर गौर करें तो हर महीने करीब ढाई हजार लाइसेंस जारी हो रहे हैं। जबकि, 5 हजार से अधिक नए दो और चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन आरटीओ में हो रहे हैं। वहीं मई 2018 से ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में अचानक और गिरावट अाई है। ढाई महीने में खत्म हो जाती है नम्बरों की एक सिरीजलर्निग और परमानेंट लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पहले रोजाना 500-600 आवेदन आते थे। मैनुअल आवेदन में आरटीओ को रोजाना 5 लाख रुपए तक राजस्व मिलता था। पढ़े-लिखे अप्लीकेंट्स खुद काउंटर पर लगते थे, एग्जाम देते थे। वहीं अनपढ़ या कम पढ़े लिखे अप्लीकेंट्स दलालों के माध्यम ये आवेदन कर लाइसेंस बनवाते थे। जिससे आवेदन की संख्या काफी थी। लेकिन अब यह संख्या घटकर 200 से 250 के बीच पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि मई में जब ऑनलाइन व्यवस्था लागू हुई तब से रोजाना मात्र 20 हजार रुपए ही राजस्व मिल रहा था। किसी तरह यह आंकड़ा 1.50 लाख रुपए के आसपास पहुंचा है। सामान्य दिनों की अपेक्षा राजस्व आने में अभी वक्त लगेगा। लाइसेंस बनने के मुकाबले वाहनों के रजिस्ट्रेशन काफी हो रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ढाई महीने के अंदर नम्बरों की एक सिरीज खत्म हो जाती है।
सर्वर भी बन रहा मुसीबत ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदन के साथ ही फीस, फोटो, सिग्नेचर, बर्थ और एड्रेस का सर्टिफिकेट आदि अपलोड करना होता है। एकाएक लोड बढ़ने से सर्वर डाउन हो जाता है। जिसकी वजह से अप्लीकेंट्स आवेदन नहीं कर पाते हैं। सबसे अधिक प्रॉब्लम ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को होती है। उन्हें आवेदन करने के लिए गांव के ही बाजार या फिर शहर साइबर कैफे आना पड़ता है। जिसमें समय के साथ पैसे की भी बर्बादी होती है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन - 5 हजार से अधिक हर महीने नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन होते हैं। लर्निग फीस - 350 रुपए कार व बाइक दोनों का बनवाने पर। - 200 रुपए किसी एक का बनवाने पर। - 50 रुपए प्रति टेस्ट का यदि एक बार फेल होने पर दोबारा टेस्ट दे रहे है, तो। परमानेंट लाइसेंस फीस- 700 रुपए कार या बाइक का लाइसेंस बनवाने पर।
- 1,000 रुपए कार व बाइक दोनों का लाइसेंस बनवाने पर। करेक्शन पर - लर्निग में एक भी रुपए नहीं। - 400 रुपए परमानेंट लाइसेंस में। - 200 रुपए कार्ड और 200 रुपए करेक्शन फीस। बॉक्स मैटर -130 से 150 लर्निग लाइसेंस रोजाना बनते हैं। - 100 से 125 परमानेंट लाइसेंस रोजाना बनते हैं। रोजाना 200 से अधिक नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन होते हैं। जबकि, इससे मुकाबले लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या काफी कम होती है। आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन