इलाज को दवाएं न रहने को जगह तो क्यों न मरें गोवंश
-कान्हा उपवन में 24 दिन में मरे 43 गोवंश
-सीएम दरबार मामला पहुंचने के बाद मरे 14 गोवंश बरेली: छुट्टा गोवंश को रखने के लिए बनाए गए कान्हा उपवन में गोवंश की मौत होने का सिलसिला जारी है। इसे लेकर नगर आयुक्त और मेयर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, लेकिन कान्हा उपवन में बीमार गोवंश को बचाने पर किसी का ध्यान नहीं है। आलम यह है कि कान्हा उपवन में क्षमता से लगभग दो गुने पशुओं को रख दिया गया है और इन पशुओं के इलाज के लिए जरूरी दवाएं तक खत्म हो चुकी हैं, जिसके चलते उन्हें सही इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो रही है। थर्सडे को तीन और गोवंश मरे मिले। पिछले 24 दिन में 43 गोवंशों की मौत हो चुकी है। डेली मर रहे गोवंश15 अक्टूबर को मेयर डॉक्टर उमेश गौतम ने कान्हा उपवन का निरीक्षण किया था, जहां तीन गोवंश मरे मिले थे। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत सीएम से कर जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद भी कान्हा उपवन में गोवंश की मौत होने का सिलसिला नहीं थमा। थर्सडे को मेयर फिर कान्हा उपवन पहुंचे तो तीन और गोवंश मरे मिले, जबकि दो की हालत गंभीर बताई गई। 15 अक्टूबर से अब तक नौ दिन में यहां 14 गोवंश की मौत हो चुकी है।
किस दिन मरे कितने पशु 1 अक्टूबर-2 2 अक्टूबर-1 3 अक्टूबर-3 4 अक्टूबर-1 5 अक्टूबर-3 6 अक्टूबर-3 7 अक्टूबर-1 8 अक्टूबर-2 10 अक्टूबर-1 12 अक्टूबर-6 14 अक्टूबर-3 15 अक्टूबर-3 16 अक्टूबर-2 20 अक्टूबर-1 21 अक्टूबर-2 22 अक्टूबर-4 23 अक्टूबर-3 24 अक्टूबर-3 नहीं हैं जरूरी दवाएं कान्हा उपवन की नोडल अधिकारी डॉ। वीणा सिंह की अगुवाई में तीन चिकित्सकों की टीम बनाई गई है, जो समय-समय पर पशुओं का चेकअप करती है। टीम 18, 20 और 24 अक्टूबर को पशुओं का चेकअप करने पहुंची। जहां बहुत सी दवाओं की उपलब्धता न होने की बात कही थी। साथ ही खुली नालियों को सही कराने को कहा था, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। यह भी जाने दिसंबर 2018 से संचालित है कान्हा उपवन 350 गोवंशों को कान्हा उपवन में रखने की है लिमिट 583 पशु वर्तमान में कान्हा उपवन में हैं अधिकारियों को यह पता लगाना चाहिए कि यहां पशु क्यों मर रहे हैं। लेकिन वे इस ओर ध्यान न देकर झूठी रिपोर्टिग कर रहे हैं। सीएम को विशेष टीम गठित कर जांच करानी चाहिए.-डॉ.उमेश गौतमपशुओं के मौत मामले की जांच कराई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। जहां तक मुझे लग रहा है कि पशुओं की मौत नेचुरली हो रही है। संदिग्ध मौत की शंका होने पर पोस्टमार्टम कराया जाता है।
-सैमुअल पॉल एन नगर आयुक्त