Bareilly : जल्द ही आरयू में नैनो पर डिस्कशंस और लेक्चर्स का दौर कुछ यूं चलेगा कि कैंपस में नैनो फर्राटा भरते हुए नजर आएगी. यहां हम बात कर रहे हैं नैनोसाइंस और टेक्नोलॉजी की. नैनोटेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट जामिया मिल्लिया इस्लामिया के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. मुशाहिद हुसैन ने वेडनसडे को आरयू के नए वीसी का कार्यभार संभालने के बाद यही मंशा जाहिर की. वे चाहते हैं कि कैंपस के टीचर्स और स्टूडेंट्स साइंस की इस नई विधा में इंट्रेस्ट लें जिससे फ्यूचर में इसे कोर्स के रूप में लागू किया जा सके. इससे पहले दोपहर में उन्होंने वीसी ऑफिस में पूर्व वीसी प्रो. मुहम्मद मुजम्मिल से कार्यभार ग्रहण किया और यूनिवर्सिटी के बारे में बेसिक्स इंफॉर्मेशन हासिल की.


Syllabus  को करेंगे industry orientedकोई भी नया डिपार्टमेंट खोलने से पहले प्रो। मुशाहिद मौजूदा डिपार्टमेंट्स को स्ट्रेंथन करेंगे। इसके लिए वे लैब में और फैसिलिटीज प्रोवाइड कराने के अलावा कोर्स को इंडस्ट्री ओरिएंटेड बनाएंगे। इससे स्टूडेंट्स जॉब के लिए इंडस्ट्री की डिमांड और रिक्वॉयर्ड स्किल्स से अवेयर रहेंगे। स्टूडेंट्स को सीएसआईआर की जैसी लैŽस का बेनिफिट देने की कोशिशें होंगी। प्रो। मुशाहिद जामिया की सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी के डायरेक्टर और सोसाइटी फॉर नैनोसाइंस एंड टेक्नोलॉजी के लाइफटाइम प्रेसीडेंट हैं। ऐसे में वे कैंपस में नैनोटेक्नोलॉजी व नैनोसाइंस को बढ़ावा देंगे। धीरे-धीरे सिलेबस में इस टॉपिक पर एक पेपर, यूनिट की शुरुआत करेंगे। वे खुद भी स्टूडेंट्स को इस टॉपिक पर लेक्चर देंगे ताकि फ्यूचर में इसे फुल फ्लेज्ड कोर्स के रूप में शुरू किया जा सके। Delhi में trained होंगे teachers


प्रो। मुशाहिद कई एजूकेशन कमेटीज के मेंबर्स हैं। उन्हें इस बात का मलाल है कि रुहेलखंड एरिया के टीचर्स इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स नहीं भेजते। उन्होंने टीचर्स की प्रॉपर ट्रेनिंग की बात कही। उन्होंने कहा कि स्टेट के एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में ट्रेनिंग कराने की दिक्कत

महसूस हो रही हो तो उन्हें जामिया, जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने आरयू में भी एकेडमिक स्टाफ कॉलेज खोले जाने के लिए प्रयास तेज करने की बात कही।Research standard होंगे highउन्होंने अपनी प्रियॉरिटीज में टीचिंग और रिसर्च के स्टैंडर्ड को हाई करने को गिनाया। उन्होंने बताया कि वे यूजीसी के नए रेगुलेशन से ही कैंपस में रिसर्च वर्क शुरू कराएंगे। उन्होंने कहा कि आज यूनिवर्सिटीज के बीच में भी कॉम्पिटीशन है। उनकी रैंकिंग होती है। ऐसे में वे टीचिंग और रिसर्च के लेवल को एट पार तक लाने की कोशिश करेंगे, जिससे यह यूनिवर्सिटी भी देश की चुनिंदा यूनिवर्सिटी की लिस्ट में शामिल हो जाए।

Posted By: Inextlive