टैक्स विभाग की टीम ने दो लाख की जगह बिल दिखाया 14 लाख बकाया न चुकाने पर वेेंसडे को सील कर दी थी दुकान

(बरेली ब्यूरो)। नगर निगम में भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है, आए दिन नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन, लचर व्यवस्था के कारण कार्रवाई भी सिर्फ नाम के लिए ही की जा रही हैं। थर्सडे को भी भ्रष्टाचार का ऐसा ही मामला सामने आया। जनकपुरी निवासी व्यक्ति की दुकान ज्यादा टैक्स बकाया बताकर सील कर दी। इसकी शिकायत व्यक्ति ने अधिकारी से की। तब जाकर पूरा मामला परत दर परत खुला। मामले को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेजा गया है।

यह है पूरा मामला
शहर के जनकपुरी में मांगेलाल के नाम से शराब की दुकान नगर निगम में दर्ज है। वेडनसडे को नगर निगम के जोन चार स्थित इस दुकान को विभाग की टीम ने टैक्स भुगतान न करने के चलते सील कर दिया था। टीम ने मांगेलाल के बेटे को बताया कि हाउस टैक्स, सीवर टैक्स, वॉटर टैक्स का करीब 14 लाख रुपए बिल उसकी दुकान पर बकाया है।

ज्यादा वसूला टैक्स
शराब की दुकान का टैक्स, अगर नगर निगम के निर्माण से अब तक चालू मांग 3,198 लगभग प्रतिवर्ष मानें तो ब्याज लगाकर बिल करीब दो से तीन लाख रुपए बनता है। पीडि़त के पुत्र के अनुसार विभाग द्वारा जानबूझकर जनता को परेशान किया जा रहा है। बिल न चुकाने पर नगर निगम ने दुकान सील कर दी थी। मांगेलाल के बेटे ने वेडनसडे को छह लाख रुपए जमा किए और सील की गई दुकान खुलवा ली।


जांच कराने को लेकर लिखा पत्र
गलत वसूली का मामला जब महापौर डॉ। उमेश गौतम के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर संज्ञान लिया। तत्काल उन्होंने मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ को पत्र लिखा। उसमें इस मामले में निष्पक्ष संस्था से जांच कराए जाने व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही लिखा कि इस तरह के कार्यों के चलते नगर निगम की छवि धूमिल हो रही है।

पहले भी आ चुके हैं मामले
इससे पहले भी टैक्स विभाग भ्रष्टाचार की वजह से चर्चा का विषय बना रहा है। गड़बड़ी के मामले में दो कर अधीक्षकों ज्ञानचंद्र व विजय को निलंबित किया गया था। इसके साथ ही अपर सांख्यकीय अधिकारी अशोक कुमार सिंह को जांच के आदेश दिए थे। ज्ञानचंद्र पर एक ही संपत्ति की दो आईडी बनाकर करारोपण करने का आरोप था। वहीं विजय कुमार के खिलाफ स्वाले नगर स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठान पर साधारण ब्याज लगाने का आरोप था। यह मामला शहर के दो व्यापारियों को लाभ देने को लेकर जुड़ा है, जिसमें अग्रिम कार्रवाई सिर्फ विजय कुमार पर कार्रवाई हुई थी।

वर्जन
यह मामला बहुत गंभीर हैं, गलत तरह से टैक्स वसूली के मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई व जांच करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी अदित्यानाथ तथा अन्य को पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई है
-डॉ। उमेश गौतम, मेयर, नगर निगम

फैक्ट एंड फिगर

14,11,674.32 रुपए टैक्स विभाग ने दिखाया बिल
02-03 लाख रुपए है पूरा बिल
06 लाख रुपए जमा करवाकर खोल दी सील
1,50,908.08 रुपए लगाया ब्याज
05 कर्मचारियों पर हो चुकी है तीन महीने पहले कार्रवाई
02 अधीक्षक निलंबित हुए थे शिकायत पर


-रिपोर्ट हिमांशु अग्निहोत्री

Posted By: Inextlive