बशीर मियां के विसाली कुल में उमड़े अकीदतमंद
-तकरीरी महफिल में बुजुगरें की करामातों पर उलेमा ने डाली रोशनी
BAREILLY : शहर के मोहल्ला गुलाबनगर में उर्से बशीरी के दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत फजर की नमाज के बाद कुरआन ख्वानी से हुई। दूरदराज से दिनभर दरगाह बशीरी पर चादरों के जुलुस का दौर जारी रहा। रामपुर के स्वार से भी बड़ा जुलूस दरगाह पहुंचा। मजारे मुबारक पर अहमद उल्लाह वारसी, शारिक बशीरी, अतहर वारसी ने गुलपोशी कर अमन भाईचारे के लिये ख़ुसूसी दुआ की। भाईचारे के लिए ख्ाुसूसी दुआइशा की नमाज के बाद बशीर मियां के विसाली कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। कुल में हिंदुस्तान और आवाम की सलामती कामयाबी, तरक्की, खुशहाली को ख़ुसूसी दुआ की गई। इससे पहले उलेमा इकराम की तकरीरी महफिल में बुजुगरें की शख्सियत को बयां किया। दरगाह बशीरी के मुहम्मद इस्माईल बशीरी ने बशीर मियां की करामातों को बताते हुए कहा कि हिंदुस्तान पाकिस्तान के बंटबारे के वक्त बहुत से लोग पाकिस्तान जाना चाहते थे। कुछ लोग बशीर मियां से इजाजत लेने पहुंचे तब बशीर मियां ने उनसे कहा कि पाकिस्तान में कोई दूसरा खुदा हो तो चले जाओ। यह सुनकर लोगो ने पाकिस्तान जाने का इरादा बदल दिया। बशीर मियां ने वतन से मोहब्बत करने की सीख दी है। देर रात तक महफिल जारी रही। इस मौके पर ताजीम मियां, मुन्ने भाई, मौलाना मुकीम मियां, डॉ। शकील मियां, मकसूद अहमद खां, राजू बशीरी, मो। इस्माईल, फाजिल खान, कैफी मियां, निसार अहमद, अब्दुल अजीज, शाहिद, परवेज आदि सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे। उर्से की जानकारी देते हुए अहमद उल्लाह वारसी ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजकर 30 मिनट पर बशीर मियां के मुख्य कुल शरीफ की रस्म अदायगी होगी।