आशा कार्यकत्रियों का सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन
-आशाओं की भर्ती रद्द करने का मामला
- सीएमाओ ने कहा जांच के बाद ही लिया जाएगा फैसला - धन उगाही के मामले में दोषी पाए गए कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई - जांच के लिए एक माह का मांगा वक्त GORAKHPUR: आशा की भर्ती निरस्त करने व धन उगाही के मामले में बुधवार को ऑल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा के बैनर तले आशाओं ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और छह सूत्रीय मांगों पर अड़ी रही। इस बीच सीएमओ ने मामले की नजाकत को देखते हुए अध्यक्ष चंदा यादव व अन्य आशा कार्यकत्री से वार्ता की और जांच के लिए एक माह का समय मांगा।कहा कि आशाओं की भर्ती में धांधली हुई है। दो आशाओं के स्थान पर तीन-तीन आशाओं को रखा गया है और भर्ती के बदले में उनसे धन उगाही की गई है। इसकी जांच कराई जा रही है। सीएओ के इस आश्वासन पर आशाओं ने अपना धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
मांगों पर अड़ी रहीं आशाऑल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव के नेतृत्व में बुधवार को करीब 10 बजे आशा बहूओं ने सीएमओ कार्यालय पर पहुंचकर जबर्दस्त नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और सीएमओ को छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से अध्यक्ष चंदा यादव ने कहा कि आशा रात दिन टीकाकरण व प्रसव पीडि़त महिलाओं की देखभाल करती हैं और उन्हें अस्पताल तक ले आती है। सुविधाओं के लिए सीएमओ से भी शिकायत की गई। बावजूद इसके आशाओं की समस्याओं पर कभी विचार नहीं किया गया।
आशाओं के आक्रोश को देख पहुंच गई पुलिस आशाओं के उग्र प्रदर्शन को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही प्रशासन को खबर कर दी थी। सैकड़ों की संख्या में पहुंची आशाओं ने लाउड स्पीकर के साथ जुलूस की शक्ल में सीएमओ कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। आशाओं के आंदोलन का रूख देखते हुए कोतवाली, महिला और सिटी मजिस्ट्रेट खुद मौके पर पहुंच गए। सीएमओ ऑफिस के अंदर अध्यक्ष चंदा देवी के साथ अन्य कार्यकत्रियों और सीएमओ के बीच काफी देर तक मामले में घंटों तक बहस हुई। वर्जन रेगुलर आशाओं को रखा गया है। बची आशा कार्यकत्रियों के मामले की जांच कराई जा रही है। किसी भी आशा को डरने की जरूरत नहीं है। यदि कोई भी कर्मचारी पैसा लिया है तो उसका नाम सामने रखें। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉ। रवींद्र कुमार, सीएमओ