गोरखपुर में बोले अटल, 'हम पहुंचे हुए हैं और पहुंच जाएंगे'
-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गोरखपुर से था गहरा नाता
-गोरखपुर के अलीनगर में मौजूद भाई के ससुराल आया करते थे अटलi special syedsaim.rauf@inext.co.inGORAKHPUR: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गोरखपुर से काफी गहरा नाता रहा है। अक्सर ही उनका यहां आना-जाना रहा है, लेकिन उनके बीच न तो प्रोटोकॉल की सरहदें रही हैं और न कोई सिक्योरिटी और तामझाम। 1994 का एक वाक्या है जब स्व। मथुरा प्रसाद दीक्षित के घर उनके भाई के ब्रह्मभोज में पूर्व प्रधानमंत्री का आना हुआ था। आदतन वह बिना तामझाम के अकेले ही उनके घर पहुंच गए। रात में जब वह वापस लौटने लगे तो स्व। दीक्षित के पुत्र संजीव दीक्षित ने कहा कि चलिए आपको पहुंचा देता हूं, तो इस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने फौरन जवाब दिया कि 'हम पहुंचे हुए हैं और पहुंच जाएंगे'। इसके बाद वह वहां से अकेले ही चल दिए।
शहबाला बनकर पहुंचे थे गोरखपुर
अटल बिहारी वाजपेई का गोरखपुर से नाता 1940 में जुड़ा। उनके बड़े भाई प्रेम वाजपेयी की शादी मथुरा प्रसाद दीक्षित की पांच बेटियों में से एक रामेश्वरी उर्फ बिट्टन के साथ हुई थी। अलीनगर मालीटोला स्थित कृष्णा सदन उनका मकान है। अटल बिहारी अपने भाई की शादी में शहबाला बनकर पहुंचे थे और यहां हाथों-हाथ लिए गए और उनकी खूब खातिरदारी भी हुई। इसके बाद उनके आने-जाने का सिलसिला जारी रहा और वह अक्सर ही यहां आते-जाते रहे।
भाई की सास रखती थीं खास ख्यालमथुरा प्रसाद के दो पुत्र स्व.कैलाश नारायण और डॉ। सूर्यनारायण दीक्षित उनसे उम्र में थोड़े छोटे थे, पर इनमें जमती खूब थी। राजनीति में बिजी होने के बाद भी जब तक मुमकिन रहा, तब तक वह यहां आना-जाना लगा रहा। अटल बिहारी को पिता के मुकाबले मां कृष्णा वाजपेयी से उनको ज्यादा लगाव था। मां जब तक जीवित थीं, तब तक वे छुट्टियों में अपने घर ग्वालियर जाना अधिक पसंद करते थे, लेकिन मां की मौत के बाद उनका गोरखपुर आना-जाना बढ़ गया और यह शहर उन्हें ज्यादा रास आने लगा। यहां दीक्षित बंधुओं की मां फूलमती उनका खास ख्याल रखती थीं। मंच से किया था रिश्ते का जिक्रपूर्व प्रधानमंत्री 1998 में राजनैतिक रैली में भी यहां पहुंचे थे। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने के लिए आए थे। यहां पर जनसभा में खुले मंच से उन्होंने गोरखपुर से अपने रिश्ते को उजागर किया था और यही पर बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट मांगे थे। इसके बाद से दीक्षित परिवार और भी ज्यादा चर्चा में आ गया। अटल बिहारी वाजपेयी की भाई के ससुर पं। मथुरा प्रसाद दीक्षित की फोटोग्राफ आज भी उनकी यादों को ताजा करती है।