नैड को लेकर शासन सख्त, सभी जिम्मेदार तलब
- जनहित गारंटी अधिनियम के तहत नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में ऑनलाइन करने थे सर्टिफिकेट
- अब तक सिर्फ एमओयू कर सो गए थे जिम्मेदार, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने उठाया था मुद्दाGORAKHPUR: डिजिटल इंडिया मुहिम को बढ़ावा देने के बजाए पलीता लगा रहे जिम्मेदारों को शासन ने तलब किया है। प्रदेश भर की यूनिवर्सिटीज के जिम्मेदारों से अब तक इस मुहिम की अपडेट के साथ पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि जनहित गारंटी अधिनियम के तहत नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में ऑनलाइन किए जाने वाले सर्टिफिकेट डाटा अपटेड न होने की वजह से जिम्मेदार स्कैनिंग का इंतजार कर रहे हैं। वहीं यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार भी सिर्फ एमओयू कराकर बैठ गए थे। इसको लेकर अब शासन ने जिम्मेदारों को सभी ब्यौरे के साथ तलब किया, तो जिम्मेदारों की नींद खुली। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने डिजिटल मुहिम में यूनिवर्सिटी बेदम हेडिंग से खबर पब्लिश की थी और यूनिवर्सिटी का ढुलमुल रवैया सबके सामने लाया था।
प्रॉसेस शुरू, चार हजार डाटा ऑनलाइनशासन ने यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों के साथ बीते 28 मई को भी मीटिंग की थी, जिसके बाद सुस्त रफ्तार पर उन्होंने जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए काम में तेजी लाने और स्टूडेंट्स का डाटा ऑनलाइन कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही से जिम्मेदारों ने मामले को सीरियसली लिया और कार्यदायी संस्था को लेटर लिखते हुए काम में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए थे। आनन-फानन में यूनिवर्सिटी ने काम शुरू कराया और अब तक करीब चार हजार स्टूडेंट्स का डाटा ऑनलाइन किया जा चुका है, जिसका रिकॉर्ड लेकर यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर रजिस्ट्रार मीटिंग में शामिल होने के लिए गए हुए हैं।
सीडीएसएल से हुआ था करार इस सीरीज में गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया है। यूनिवर्सिटी की ओर से कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन अमरेंद्र कुमार सिंह और सीडीएसएल की ओर से देवेश दुबे ने डॉक्युमेंट्स पर साइन किए। नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी, जिसमें स्टूडेंट्स के एकेडमिक अवार्ड के डाटा होंगे, इसे अपलोड और एक्सेस करने की परमिशन सिर्फ असेसमेंट बॉडीज को ही होगी। इसमें एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस, बोर्ड, एलिजिबिल्टी असेसमेंट बॉडीज शामिल हैं। एनएडी के फायदे इंस्टीट्यूशंस को फायदे - सभी एकेडमिक सर्टिफिकेट को रखने का स्थाई और सिक्योर ऑनलाइन स्टोर होगा। - डुप्लिकेट सर्टिफिकेट के लिए कैंडिडेट्स को अब भटकने के बजाए इसे सीधे एनएडी से ही डाउनलोड किया जा सकेगा। - नकली और जाली सर्टिफिकेट के इस्तेमाल पर रोक लगेगी। कैंडिडेट्स को क्या होगा फायदा- एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस की ओर से अपलोड एकेडमिक सर्टिफिकेट तत्काल मिल जाएंगे।
- सर्टिफिकेट का ऑनलाइन और स्थायी रिकॉर्ड। - सर्टिफिकेट खोने, खराब होने और नष्ट होने का कोई खतरा नहीं। - अपने सर्टिफिकेट्स को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस करने की फैसिलिटी - गैजेटेड ऑफिसर की ओर से सर्टिफिकेट की सर्टिफाइड कॉपी की नहीं पड़ेगी जरूरत। सत्यापन उपयोगकर्ताओं (नियोक्ता कंपनियों, बैंक आदि) के लिए - सर्टिफिकेट का ऑनलाइन, क्विक और ऑथेंटिक वेरिफिकेशन। - सर्टिफिकेट्स की सर्टिफाइड कॉपी तक पहुंच। - नकली और जाली सर्टिफिकेट का कोई जोखिम नहीं। - वेरिफिकेशन में लागत, वक्त और कठिनाइयों में कमी। यह हैं एकेडमिक अवॉर्ड डिग्री सर्टिफिकेट डिप्लोमा सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट मार्कशीट यह हैं ऑथराइज एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस बोर्ड्स एलिजिबिल्टी असेस्मेंट बॉडी