'निवारण' की राह में लापरवाही का रोड़ा
- लोगों की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए बिजली विभाग ने जारी किया था ई-निवारण एप
- प्रचार-प्रसार न होने से अब तक महज एक हजार बिजली उपभोक्ता कर सके हैं डाउनलोड आई स्पेशलGORAKHPUR: बिजली से जुड़ी प्रॉब्लम के लिए कंज्यूमर्स को किसी तरह की दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए यूपी पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 'ई निवारण' एप लांच की। इसके जरिए बिजली विभाग से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान किया जा सकता था। मगर जिम्मेदारों की लापरवाही और प्रचार-प्रसार के अभाव में यह एप अब भी वर्चुअल वर्ल्ड की ही शोभा बढ़ा रहा है। काफी समय पहले लांच होने के बाद भी अब तक इस एप को महज एक हजार कंप्यूमर्स ने ही डाउनलोड किया है। गूगल प्ले स्टोर के प्लेटफॉर्म पर मौजूद इस एप को आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है, लेकिन जानकारी न होने से पास होने के बाद भी अब तक यह कंज्यूमर्स से दूर है।
इन समस्याओं का होगा समाधान - - बिजली बिल में किसी तरह की गड़बड़ी - बिजली उपभोक्ताओं से संबंधित सेवाएं - उपभोक्ताओं को मिलने वाली सुविधा का फीडबैक - घर बैठे बिजली के बिल का भुगतान करने की सुविधा ऐसे करें डाउनलोड -- एप डाउनलोड होने के बाद उपभोक्ता को अपना अकाउंट बनाना होगा।
- बिजली विभाग का अकाउंट होने पर उसे दर्ज कराना होगा। - यदि कोई अकाउंट नहीं है तो विकल्प को क्लिक करके जारी रखना होगा। - मोबाइल नंबर फीड करने पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म का ऑप्शन मिलेगा। - रजिस्ट्रेशन फार्म में जरूरी सूचनाएं दर्ज करने के बाद लॉगिन बन जाएगी। यह मिल रही सुविधा - - इस एप के जरिए बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे सात दिन सेवाएं मिलेंगी। - इस पोर्टल पर हेल्प लाइन नंबर, एसएमएस की सुविधा दी जाएगी। - एप में डिस्काम और शिकायत का विकल्प चयनित करने पर अपना अंचल फीड करना होगा। - शिकायत के कॉलम में बिल संबंधी, मीटर डिफेक्ट, नए कनेक्शन, ट्रांसफार्मर जलने, ब्रेक डाउन होने, सप्लाई बाधित होने संबंधित विकल्प आएंगे। - एप के जरिए फीडबैक देने की सुविधा मिलेगी। शिकायत दूर न होने पर संबंधित अधिकारी से सवाल जवाब किया जाएगा। स्टोर रिकार्ड रह गए ऑफ लाइनसाल 2014 में बिजली विभाग के स्टोर में रखे सामानों की उपलब्धता ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया था। एक सॉफ्टवेयर के जरिए मीटर, केबल, तार, ट्रांसफार्मर सहित अन्य उपकरणों के बारे में सारी सूचनाएं विभाग की वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा गया था। सिस्टम आनलाइन होने से विभाग में होने वाली लूट-खसोट पर रोक लगने का दावा किया गया था। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से यह काम पूरा नहीं हो सका। सभी रिकार्ड की मॉनीटरिंग विभाग के अधिकारियों के जिम्मे थी। लेकिन अफसरों ने इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए यह एप हाल ही में लांच किया गया है। इसके जरिए उपभोक्ता अपनी तमाम समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। इसके प्रचार-प्रसार के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं। गूगल प्ले स्टोर से इस एप को डाउनलोड करके सुविधाएं ली जा सकती हैं। - एके सिंह, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग गोरखपुर