अलग सोच और अप्रोच से मिलेगी कामयाबी
- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से दीक्षा भवन में ऑर्गनाइज हुआ सेमिनार
- कॅरियर को संवारने के लिए एक्सपर्ट्स ने दिए टिप्स - दो सेशन में सैकड़ों बच्चों ने जानी मॉडर्न जमाने की हकीकत द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:रिमोट और ऑनलाइन शॉपिंग जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, उसने एक दिन में ही मार्केटिंग की दुनिया के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। मिर्जापुर की स्टोरी सीरीज दुनिया में ऐसा सेनसेशन बनी कि सबकी जुबां पर उसका नाम है और मोबाइल में उसको सभी ने जगह दे रखी है। कहने का मतलब यह है कि अगर मार्केट में कुछ नया परोसा जाए, तब तो पब्लिक एक्सेप्ट करने को तैयार है लेकिन अगर थोड़ा सा भी मिक्सिंग या तीन पांच किया तो उसकी हाल 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' हो जाएगा, जो पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन की घटिया नकल है। यानि कॉपी और पेस्ट के बजाए कुछ नया करने की जरूरत है। यह बातें सामने आई दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज वीआईटी प्रेजेंट्स इंजीनियरिंग गेटवेज में। जहां फील्ड के दिग्गजों ने वहां मौजूद स्टूडेंट्स को जमाने की हकीकत से रूबरू कराया। वहीं, उन्हें इस भागती दौड़ती लाइफ में खुद को कैसे स्टेब्लिश करना है, इसके टिप्स दिए।
जिसने रिस्क लिया वह आगे बढ़ालोगों को मोटीवेट करते हुए मॉडरेटर अरुणेंद्र सोनी ने बताया कि वही लोग सक्सेज हुए है, जिन्होंने रिस्क लिया है। वरना जो ठहरे रह गए है, वह आज भी वहीं हैं। सुंदर पिचाई का एग्जामपल देते हुए उन्होंने बताया कि आज इंजीनियरिंग की फील्ड में यह अननोन नाम नहीं है। कई स्टूडेंट्स के वह आइडियल भी हैं। और अब जो जमाना है, हमें ऐसे ही आइडियल बनाने होंगे। घर के ऐशो-आराम को छोड़कर स्ट्रगल के लिए बाहर जाना होगा, थोड़ी परेशानी जरूर होगी, लेकिन आखिर में कामयाबी का ही इनाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर हम उन 93 परसेंट इंजीनियर्स की लिस्ट से बाहर रहना चाहते हैं जिनके पास डिग्री तो है, लेकिन वह नौकरी के लायक नहीं है, तो हमें रिस्क लेना होगा। इसके लिए हमें खुद को प्रूव करना होगा। हमारे पास क्रिएटिव माइंड मौजूद है, इसका जमकर इस्तेमाल करना चाहिए।
वीआईटी की कहानी, वीडियो की जुबानीदो सेशन में ऑर्गनाइज इस इवेंट में वीआईटी यूनिवर्सिटी से आए डॉ। शरद त्रिपाठी ने यूनिवर्सिटी से स्टूडेंट्स को रूबरू कराया। उन्होंने एक वीडियो के थ्रू वीआईटी की पूरी इंफॉर्मेशन विजुअली स्टूडेंट्स से शेयर की। इसमें कॉलेज कैंपस की खासियत बताने के साथ ही यहां कितने स्टूडेंट्स हैं, कंप्यूटर लैब कैसा है, स्पोर्ट्स में वीआईटी किस तरह से स्टूडेंट्स को फैसलिटी देता है, यह सब बताया गया। इतना ही नहीं क्लास रूम कैसी है, इसकी भी विजुअल प्रेजेंटेशन दी गई। उन्होंने बताया कि अब वीआईटी के चार कैंपस हैं, इसमें सबसे लेटेस्ट कैंपस भोपाल में ओपन किया गया है।
भोपाल कैंपस की बताई खूबी वीआईटी भोपाल कैंपस से डॉ। निरंजन हरि ने वीआईटी भोपाल कैंपस की खूबियां बताई। उन्होंने बताया कि 2017 में बना भोपाल कैंपस 150 एकड़ में फैला है। उन्होंने बताया कि यहां की 100 परसेंट फैकेल्टीज पीएचडी होल्डर हैं, जिससे एजुकेशन क्वालिटी सबसे बेहतर हैं। यहां 5 डे कैंपस है और बाकी दो दिन छुट्टी। इसे युटिलाइज करने के लिए स्टूडेंट्स ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा क्लब बना रखे हैं, जिसके जरिए वह अपनी हॉबीज को पूरा करते हैं। इसमें योगा क्लब, रोबोटिक्स क्लब, कल्चरल क्लब के साथ कई और क्लब हैं, जिससे स्टूडेंट्स की क्रिएटिविटी देखने को मिलती है। एफएफसीएस करता है अलगडॉ। शरद ने बताया कि वीआईटी में यूं तो कई खास चीजें हैं, लेकिन इसकी एक बात इसे सभी यूनिवर्सिटीज और इंजीनियरिंग कॉलेजेज से अलग करती है। वह है फुली फ्लेक्सिबल क्रेडिट सिस्टम (एफएफसीएस)। इसके थ्रू स्टूडेंट्स के पास यह मौका होता है कि वह जिस सब्जेक्ट का चाहे सेलेक्शन कर सकता है, वहीं टीचर भी स्टूडेंट्स को उसके पसंद का ही मिलेगा, यह भी फैसिलिटी वीआईटी स्टूडेंट्स को देता है। इतना ही नहीं वह चाहें तो फोर्थ इयर के स्टूडेंट्स के साथ भी पढ़ाई कर सकते हैं। बस उन्हें चार साल में दिए गए क्रेडिट पूरे करने पड़ते हैं।
28 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन का मौका वीआईटी भोपाल कैंपस से आए डॉ। निरंजन हरि ने बताया कि वीआईटी में एंट्री के लिए सिर्फ एक ही ऑप्शन है, वह है वीआईटीईईई। इसके फॉर्म भरने की शुरुआत हो चुकी है और 28 फरवरी तक स्टूडेंट्स फॉर्म भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल से एक हफ्ते तक लगातार एंट्रेंस का दौर चलेगा, जिसमें स्टूडेंट्स अपनी कनवीनियंट के हिसाब से दिन और एग्जामिनेशन स्लॉट चुन सकते हैं। दीप प्रज्ज्वलन संग शुरुआतकार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान वीआईटी से आए डॉ। शरद त्रिपाठी, डॉ। निरंजन हरि, मोटीवेशनल स्पीकर अरुणेंद्र सोनी, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एडिटोरियल इंचार्ज संजय कुमार, लोकल स्पीकर सुरेंद्र प्रताप चौधरी और डॉ। सीबी गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद एडिटोरियल इंचार्ज ने सभी गेस्ट का तुलसी का पौधा देकर वेलकम किया। आखिर में गोरखपुर के ब्रांड हेड प्रदीप कुमार ने सभी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस दौरान लकी ड्रॉ भी निकाला गया, जिसमें स्टूडेंट्स को प्राइज भी दिए गए।
सवाल - जवाब - सवाल - बीसीए और एमसीए के लिए वीआईटी में कोई ऑप्शन है? अरविंद, जवाब - जी हां, वीआईटी में बीसीए और एमसीए दोनों है। भोपाल में नया कैंपस है, यहां पर भी ऑल ओवर इंडिया से स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। सवाल - सीएस में कोई स्कोप है? राहुल कुमार जवाब - सीएस इस वक्त सबसे हॉटेस्ट कॅरियर ऑप्शन है। वीआईटी में हर साल 400 आईटी कंपनीज सिर्फ सीएस स्ट्रीम के लिए आती हैं और कैंपस सेलेक्शन करती हैं। सवाल - वीआईटी में बायो स्टूडेंट्स के लिए क्या ऑप्शन हैं? - हर्षिता सहाय जवाब - इंजीनियरिंग में बायोलॉजी के लिए भी ढेरों ऑप्शन हैं। बायोटेक्नोलॉजी, बायो इंफॉर्मेटिक्स, फॉर्मेसी और नर्सिग में एडमिशन लेकर कॅरियर संवार सकते हैं। सवाल - हम वहां एजुकेशन हासिल करने जा रहे हैं, हम कैसे जॉब प्रोवाइड कराएंगे? - दिनेश चंद्र श्रीवास्तव जवाब - वीआईटी में कैल्टेक टेक्नोलॉजी के थ्रू स्टडी कराई जाती है। इसमें थ्योरेटिकल के बजाए प्रैक्टिकल पर फोकस किया जाता है। स्टूडेंट्स अगर कोई प्रपोजल लाता है, तो उस प्रॉडक्ट को बनाने, उसके पेटेंट को डेवलप करने में वीआईटी हेल्प करता है। स्टार्टअप के लिए फाइनेंशियल एड भी दी जाती है। जिसके बाद स्टूडेंट्स को इंटरप्रेन्योर बनने का मौका मिलता है। सवाल - वीआईटी और आईआईटी में क्या फर्क है? - नंदनी वर्मा जवाब - आईआईटी इंजीनियरिंग कोर्स कंडक्ट कराने वाली सरकारी संस्थान है, जबकि वीआईडी इंडिविजुअल और प्राइवेट संस्था है। सवाल - वीआईटी से बीटेक करने का क्या फायदा है? - विवेक अस्थाना जवाब - वीआईटी में जो भी फैकेल्टी है, सभी हाईली क्वालिफाइड हैं। वहीं जो बात वीआईटी को अलग करती है, वह यह कि आईआईटीज और दूसरे इंस्टीट्यूशंस से बीटेक करने पर सिर्फ वही डिग्री मिलेगी, जिस कोर्स के लिए अप्लाई किया गया है, जबकि वीआईटी में स्टूडेंट्स को यह फायदा है कि यहां वह 300 में से 200 क्रेडिट सीएस का करते हैं और 100 क्रेडिट मेकेनिकल का कंप्लीट करते हैं, तो उन्हें बीटेक इन सीएस विद माइनर इन मैकेनिकल की डिग्री प्रोवाइड की जाएगी। वर्जन हर तरह के एंट्रेंस एग्जाम में स्टूडेंट्स को काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है कि वह गाइड का सहारा लेते हैं और उसे रटकर एग्जाम देने पहुंच जाते हैं। ऐसे में तत्काल को उनकी प्रॉब्लम दूर हो जाती है, लेकिन उनका कॉन्सेप्ट नहीं क्लीयर हो पाता। इसलिए सबसे जरूरी है कि स्टूडेंट्स पहले अपना कॉन्सेप्ट क्लीयर कर लें। न्यूमेरिकल्स को सॉल्व करने के लिए एक्युरेसी, ब्रीफ और क्लैरिटी जरूरी है। - सुरेंद्र प्रताप चौधरी, गुरुकुल पाठशाला मैथ्स ही एक ऐसा सब्जेक्ट है, जिसकी इंपॉर्टेस हर जगह है। आज के जमाने में हम साइंस और टेक्नोलॉजी की बात करते हैं, मैथ्स इन सभी साइंस को एक्सप्रेस करने का एक अहम जरिया है। आजकल मैथ्स में किसी का कॉन्सेप्ट नहीं क्लीयर होता। स्टूडेंट्स भी बस किताब उठाते हैं और उसमें लिखे फॉर्मूला को याद कर लेते हैं, यह कैसे हुआ? क्यों हुआ? यह जानने की वह जरा सा भी कोशिश नहीं करते हैं। किसी भी कॉम्प्टीटिव एग्जाम की तैयारी करने के लिए सेल्फ बिलीफ और सेल्फ कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी है। - डॉ। केबी गुप्ता, मैथ्स, सेंट एंड्रयूज कॉलेज फिजिकल केमिस्ट्री में अगर न्यूमेरिकल याद हैं, तो काम चल जाएगा, लेकिन इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री, एक मिस्ट्री हैं। इसके लिए जरूरी फंडामेंटल क्लीयर होने चाहिए। पीरियॉडिक टेबल याद करना जरूरी है। पढ़ने के लिए डिफरेंट टेक्स्ट बुक्स का इस्तेमाल करें। हाईब्रिडाइजेशन और वेस्पा थ्योरी को बारीकी से समझें, जिससे आपकी मुश्किल दूर हो सकती है। - डॉ। एम। राशिद तनवीर, केमिस्ट्री, सेंट एंड्रयूज कॉलेज