रंगोत्सव के मौके पर गोरखपुराइट्स ने तैयारियां पूरी कर ली है. इसको लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी कमर कस ली है. किसी प्रकार की समस्या आने पर या फिर तबीयत खराब होने पर हेल्थ डिपार्टमेंट तत्काल इलाज के लिए तैयार है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। सीएमओ डॉ। आशुतोष दुबे ने सभी सीएचसी-पीएचसी पर 5-5 बेड रिजर्व में रखने का निर्देश जारी किया है। साथ ही मेडिकल ऑफिसर्स को इस बात का भी निर्देश दिया है कि वह होली पर्व पर आने वाले मरीजों को तत्काल उपचार देंगे। इसके अलावा जिला अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर तैनात होंगे। खासतौर से स्किन डिजीज, ऑर्थोपेडिक्स, जनरल फिजिशियन और आई स्पेशलिस्ट की ड्यूटी लगाई गई है। धूम से मनाएं होली, लेकिन दें ध्यान


सीएमओ ने अपील किया है कि होली को धूमधाम से मनाए, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि रासायनिक रंग से बचें, इसलिए स्किन केमिकल कलर से बचें। वरना खुजली, लाल दाने पड़ सकते हैं। आंखों में पडऩे पर दृष्टि कमजोर हो सकती है। यदि आंखों में रंग पड़ जाएं तो मलें नहीं, ऐसा करने पर आंखों के बीच की पारदर्शी सतह छिल सकती है और गंभीर परेशानी पैदा हो सकती है। इसलिए प्रेम व सौहार्द के साथ आंखों व त्वचा को बचाते हुए होली खेलें। वहीं सीनियर फिजिशियन डॉक्टर राजेश कुमार ने सलाह दी कि हर्बल रंगों का प्रयोग करें। बेहतर है कि अबीर-गुलाल से सूखी होली खेलें।आंखों और त्वचा को जरुर बचाएं

डॉ। बीके सुमन ने बताया कि होली के मौसम में रंगों का बड़े पैमाने पर प्रयोग होता है। ज्यादातर लोग केमिकल रंगों का प्रयोग करते हैं। इनसे आंखों को खतरा रहता है। रासायनिक रंगों का प्रयोग न करने और आंखों व त्वचा को बचाने की सलाह दी है। वहीं जिला अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ। नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि होली में रंगों का प्रयोग न करें तो ज्यादा अच्छा है। अबीर- गुलाल से ही होली खेलें या प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें। रासायनिक रंगों, वार्निस या पेंट के प्रयोग से बचें। इनकी वजह से त्वचा पर खुलजी होती है। लाल दाने, दानों से पानी और कभी-कभी मवाद आने की समस्या पैदा हो जाती है।

Posted By: Inextlive