अब हर पौधा बनेगा पेड़, हर पेड़ की होगी रखवाली..
- 15 हजार 276 हेक्टेयर में आरक्षित वन क्षेत्र है गोरखपुर वन प्रभाग क्षेत्र में।
- 5 रेंज गोरखपुर, तिनकोनिया, कैंपियरगंज, बांकी और फरेंदा शामिल हैं वन प्रभाग में --------------- i impact - दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के ट्री ब्रेक कैंपेन का दिखा असर - जुलाई से शुरू हो जाता है पौधरोपण, वन विभाग ने बनाई सुरक्षा की योजना GORAKHPUR: जिले के जंगलों की सुरक्षा का वन विभाग ने विशेष खाका खींचा है। अब एक-एक पेड़ की सुरक्षा की जाएगी। इसके साथ ही जुलाई से पौधरोपण शुरू हो जाता है। विभाग इस बार तैयार है कि हर पौधे की देखभाल, सुरक्षा हो और हर पौधा पेड़ बन सके। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के ट्री बे्रक कैंपेन के बाद डीएफओ ने पेड़ों के अवैध कटान रोकने व पौधों की सुरक्षा की विशेष प्लानिंग की है। अब तक ऐसा होता थागोरखपुर वन प्रभाग क्षेत्र में 15 हजार 276 हेक्टेयर में आरक्षित वन क्षेत्र है। इनमें वन प्रभाग के पांच रेंज गोरखपुर, तिनकोनिया, कैंपियरगंज, बांकी और फरेंदा शामिल हैं। इन जंगलों में साखू और सागौन के अलावा जामुन, पाकड़, अर्जुन, शीशम सहित अन्य प्रजातियों के पेड़-पौधे लगे हुए हैं लेकिन पेड़ों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं होने से तस्कर रोजाना पेड़ों को काट ले जाते हैं। जंगल में लगे पेड़ों के अलावा हर साल पौधरोपण कराया जाता है। पौधरोपण का कोरम पूरा करके जिम्मेदार भूल जाते हैं। इस वजह से ज्यादातर पौधे सूखकर खत्म हो जाते हैं।
हमने कराया जिम्मेदारी का अहसास दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 5 जून के अंक से लगातार पेड़ों के अवैध कटान के बारे में न्यूज पब्लिश की और विभाग को जगाया तो आम लोगों को भी जागरूक किया। दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट के ट्री ब्रेक कैंपेन का खासा असर दिख रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने पेड़ों की सुरक्षा को लेकर विशेष प्लान तैयार किया है। यह किया जा रहा है इंतजाम - जंगलों में पेड़ों की कटान रोकने के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी। - बीटवार कर्मचारियों की जवाबदेही तय करते हुए जिम्मेदारी बढ़ाई जाएगी। - गश्त के लिए जरुरी संसाधनों को बढ़ाया जाएगा। अलग से बजट मांगा जाएगा। - पेड़ों की सुरक्षा के लिए जंगल के किनारे कांटेदार तारों की बाड़ बनाई जाएगी। - पेड़ काटकर तस्कर जंगल से बाहर न ले जा सकें, इसके लिए गहराई वाले गड्ढे भी खोदे जाएंगे। - पौधरोपण वाली जगहों पर पशुओं का आवागमन रोकने का इंतजाम किया जाएगा।- पौधरोपण कराने वाली संस्थाओं को पौधों की सुरक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।
- पौधों को काटने से होने वाले नुकसान के बारे में पब्लिक को बताया जाएगा। - वन क्षेत्र के आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। - वन माफियाओं, अवैध कटान करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी। इन पर है जंगल की सुरक्षा की जवाबदेही पदनाम वर्तमान तैनाती डीएफओ 01 उप प्रभागीय वनाधिकारी 02 क्षेत्रीय वन अधिकारी 06उप क्षेत्रीय वन अधिकारी 14
वन दरोगा 41 वन रक्षक 39 कुल कर्मचारी 103 वर्जन जंगल में पेड़ों के अवैध कटान रोकने लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। पौधरोपण के बाद पौधों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिए समुचित प्रबंध कराया जाएगा। एनके जानू, डीएफओ