'4000 रुपए भेजो तुम्हारे दरवाजे कभी पुलिस नहीं जाएगी यह फ्रॉडस्टर का वादा है. जी हां ऑनलाइन ठगी करने वाले फ्रॉडस्टर पुलिस का नाम बदनाम कर रहे हैं.'


गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में मारपीट या किन्हीं मामलों में मुकदमा दर्ज कराने वाले वादी के पास फ्रॉडस्टर की कॉल जा रही है। वादी से उनके मुकदमे में दोषियों की गिरफ्तारी कर कड़ी सजा दिलाने का वादा कर इसके एवज में रजिस्ट्रेशन फीस की मांग रहे हैं। इसी तरह क्रॉस केस के मुकदमा से नाम हटवाने के नाम पर भी फीस मांग रहे हैं। ताजा मामला गुलरिहा में आया है, जिसमें पीडि़तों ने फ्रॉडस्टर की कॉल रिकॉर्ड भी कर ली और गुलरिहा थाने में इसकी शिकायत की है। आइए जानते हैं किस तरह फ्रॉडस्टर गोरखपुर पुलिस बनकर हेकड़ी झाड़ रहे हैंमुंबई मिली लोकेशन


गुलरिहा थाना प्रभारी शशिकांत राय ने कहा, थाने पर ऐसी शिकायत आई थी कि कोई पुलिस बनकर पैसा मांग रहा है। मैंने तत्काल उनसे ऐसे कॉल को इग्नोर करने को कहा, जिस नंबर से कॉल आई है, उसे ट्रेस किया जा रहा है, उस नंबर की लोकेशन मुंबई के आस-पास की आ रही है।केस 1सोमवार को अखिलेश के पास आई कॉल

गुलरिहा एरिया के बजहा में 31 जुलाई को शाम 4 बजे दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इस मुकदमे में वादी अखिलेश शर्मा की तहरीर पर मारपीट का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया। सोमवार को अचानक वादी अखिलेश के पास एक कॉल आई, जिसने खुद को गोरखपुर पुलिस का एसआई बताया। आइए जानते हैं क्या बात हुईअखिलेश और फ्रॉडस्टर से बातचीतफ्रॉडस्टर : अखिलेश बोल रहे हो।अखिलेश : हां।फ्रॉडस्टर : अखिलेश जी आपके मुकदमे जो धारा 323, 501, 504 लगाई गई है, इसके चलते विपक्षी को 6 से 7 माह से पहले जमानत नहीं होगी, ऐसी फाइल एसपी साहब ने बनाई है, आपको इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस 2450 रुपए जमा करना होगा।अखिलेश : कैसे?फ्रॉडस्टर : जनसेवा केन्द्र आपके आस-पास है।अखिलेश : जी।फ्रॉडस्टर : वहां जाकर फोन पे, गूगल पे या पेटीएम से यह पैसे जमा करने हैं, आपके मुकदमे में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, कड़ी सजा दिलाई जाएगी।अखिलेश : सर आज तो छुट्टी है, जन्माष्टमी है आज।फ्रॉडस्टर : बेटा आज जन्माष्टमी नहीं क्रिसमस है।अखिलेश : अरे सर मुंह से निकल गया था।

फ्रॉडस्टर : बेटा आप नहीं चाहते हैं कि आपके घर वालों को प्रताडि़त करने वालों को जल्द हम लोग अरेस्ट करें, ऐसा चाहते हैं तो किसी दोस्त के नंबर से गूगल पे या पेटीएम करें, आपकी सारी बात मोबाइल का स्पीकर ऑन कर हो रही है, एसपी सर और डीएसपी सर भी आपकी बात सुन रहे हैं, इसलिए 10 मिनट के अंदर दोस्त या किसी दुकान पर जाकर हमे कॉल करें, आपको मैं नंबर बताउंगा, उसपर गूगल पे कर देना, इसके बाद 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगीअखिलेश : जी सर।केस - 2सुनीता के पास आई एसपी ऑफिस से कॉलगुलरिहा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर मलंग चौराहे पर 31 अक्टूबर को मारपीट हुई थी, जिसमे दो पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमे एक पक्ष से मुकदमा दर्ज कराने वाली सुनीता गुप्ता के पति के खिलाफ भी दूसरे पक्ष ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सुनीता के पास सोमवार को दो बार कॉल आई, उसने बोला कि वह एसपी ऑफिस से बोल रहा है। उसने सुनीता से पति का नाम और केस पर विराम लगाने के लिए पैसे की डिमांड की। इस तरह हुई सुनीता से बातसुनीता और फ्रॉडस्टर की बातचीतफ्राडस्टर : मैं गोरखपुर एसपी ऑफिस कार्यालय से बात कर रहा हूं, 31 अक्टूबर को आपने एफआईआर दर्ज कराई थी, क्या मैं सुनीता गुप्ता से बात कर रहा हूं।सुनीता : जी सर। फ्राडस्टर : आपकी एफआईआर में फला फला लोग आरोपी थे, इन लोगों ने गाली देते हुए कपड़ा भी फाड़ दिया था।
सुनीता : जी सर यही हुआ था।फ्राडस्टर : सुनीता जी आपकी बात डीएसपी, एसपी सर भी सुन रहे हैं, स्पीकर पर आपकी बात हो रही है, आज ही आरोपियों को टीम गिरफ्तार करने पहुंच रही है। सुनीता : नहीं सर मैं नहीं चाहती हूं कि कार्रवाई हो, उन्हें समझाकर छोड़ दीजिए।फ्राडस्टर : इस केस पर विराम लग जाएगा और तुम्हारे पति का नाम भी हट जाएगा, इसके बदले तुम्हे दस मिनट के अंदर 4 हजार पति को बचाने और केस बंद करने के लिए 18 रुपए भेजने हैं।मुकदमा दर्ज करते समय या कार्रवाई के वक्त ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है, जिसमें फीस मांगी जाए। ऐसी कॉल आती है तो इसकी सूचना नजदीकी थाने या चौकी पर दें, ताकि कार्रवाई की जा सके।डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर

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