कमीशनखोरी के खेल ने ले ली मासूमों की जान
-बिलिंग की गलत से फीडिंग के चलते लैप्स हो गया बजट
- इसी पैसे से होना था ऑक्सीजन और दवाइयों के खर्च का भुगतान -दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के हाथ लगे जांच के अहम दस्तावेज GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बजट के कमीशन का खेल काफी दिनों से चल रहा था। इस चक्कर में जिम्मेदारों ने जानबूझकर साढ़े छह करोड़ रुपए लैप्स करा दिए। सूत्रों की मानें तो कॉलेज लेखा अनुभाग के बाबू और नेहरू चिकित्सालय के अकाउंटेंट ने पूरे बजट में जानबूझकर गड़बड़ी कर दी। इसकी वजह से पूरा बजट ही लैप्स हो गया। इसी पैसे से ऑक्सीजन और दवाइयों के खर्च का भुगतान होना था। यह खुलासा दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के हाथ लगे जांच के अहम दस्तावेज से हुआ है। इस गड़बड़झाले में कॉलेज लेखानुभाग के संजय कुमार त्रिपाठी और नेहरू चिकित्सालय के कनिष्ठ लिपिक सुधीर कुमार पांडेय शामिल हैं।यह है बजट में हेराफेरी का सच
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2016-17 में ऑक्सीजन, मॉड्यूलर ओटी, दवा, निर्माण आदि के विभिन्न काम में खर्च के लिए साढ़े छह करोड़ का बजट आया था। कमीशन के चक्कर में ना तो कोई काम कराया गया और न ही बकाया भुगतान हो सका। अकाउंट में गलत टोकन या धनराशि गलत होने से पूरा बजट रिजेक्ट हो गया।
कॉलेज के अपलोडर संजय कुमार त्रिपाठी का कारनामा
-2 करोड़ 68 लाख रुपए उनकी गलतियों से लैप्स हुए। -अपलोड करते समय 12 लाख को 11 लाख रुपए कर दिया। -कुछ टोकनों को गलत धनराशि व गलत टोकन संख्या के साथ अपलोड कर दिया। -छह बिल जिनकी या तो टोकन संख्या या बिल धनराशि गलत थी। -14 बिल ऐसे थे जो तय समय यानी 8 बजे के पहले मिल गए थे, लेकिन अपलोड नहीं किया गया। -तीन बिल ट्रेजरी में भेजा ही नहीं गया, जिसके कारण 11 लाख 70 हजार लैप्स हो गए। - इस बजट में मॉड्यूलर ओटी के लिए एक करोड़ 48 लाख 62 हजार रुपये आए थे जो लैप्स हो गए। नेहरू चिकित्सालय के अपलोडर सुधीर पांडेय का कारनामा -अस्पताल के मद में खर्च करने के लिए आए थे तीन करोड़ 41 लाख रुपये -दस बिलों को 31 मार्च के 12 बजे रात में अपलोड किए जाने के चलते 19 लाख 33 हजार लैप्स हो गए। -11 बिलों की सूचना समिति को मिला ही नहीं। (लैप्स हुए 63 लाख रुपए)। -एक बिल में टोकन अपलोड ही नहीं किया गया। (8 लाख 30 हजार रुपए लैप्स)।-तीन बिल ऐसे थे जिनके गलत टोकन अपलोड किए गए थे। इस वजह से 1 करोड़ 53 लाख लैप्स हो गई
-11 बिलों को ट्रेजरी समय से भेजा ही नहीं गया जिसके चलते 55 लाख 50 हजार रुपये लैप्स हो गए। -तीन टोकन समय से अपलोड कर दिए गए, लेकिन कॉलेज के डीडीओ ने 40 लाख रुपए लैप्स करा दिए। - अन्य टोकन में दो लाख के स्थान पर 93 हजार रुपए धनराशि गलत अपलोड कर दी गई थी। बॉक्स 25 अप्रैल को गठित की गई थी जांच कमेटी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 31 मार्च को बजट आने के बावजूद बिलों का भुगतान नहीं करवाया गया। पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी। इसमें कॉलेज के लेखानुभाग के लिपिक संजय कुमार त्रिपाठी और नेहरू चिकित्सालय के कनिष्ठ लिपिक सुधीर पांडेय से सभी बिलों में कहां चूक हुई और बजट कैसे लैप्स हुआ, इसकी जांच रेडियोथरेपी विभाग के डॉ। ज्ञान चंद्र मौर्या और मेडिसिन विभाग के सह प्रचार्य डॉ। राजकिशोर सिंह सौंपी गई थी। पांच दिन पहले जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज को सौंप दी है। इसमें दोनों अकाउंटेंट के साथ डीडीओ की भी लापरवाही पाई गई है।