मच्छर मारने में नगर निगम फेल
- सिटी के ज्यादातर वार्ड्स में नहीं कराई जा रही फॉगिंग
- मच्छरों के प्रकोप से पब्लिक परेशान, बीमारियां फैलने का खतराGORAKHPUR: शहरवासियों को कितनी भी समस्या क्यों न हो, नगर निगम के जिम्मेदारों को फर्क नहीं पड़ता। वार्डो में सुविधाओं की बदहाली तो कुछ यही बयां कर रही है। खासकर फॉगिंग की तो जिम्मेदारों को सुध लेने तक की फुर्सत नहीं है। जिसका नतीजा ये कि 70 में से ज्यादातर वार्डो में मच्छरों का प्रकोप फैलता जा रहा है। हाल ये कि बमुश्किल लगभग 25 वार्डो में ही दवाओं का छिड़काव हो रहा है लेकिन वो भी जिम्मेदारों से कई बार कहने के बाद। उधर निगम अधिकारियों का कहना है कि फॉगिंग न होने का कारण कर्मचारियों की कम संख्या है। जिम्मेदारों का कहना है कि 70 वार्ड्स की तुलना में फॉगिंग करने वाले ठेके पर रखे गए महज 40 कर्मचारी ही निगम के पास हैं।
इन मोहल्लों में ज्यादा दिक्कत भेडि़यागढ़, बिछिया, राप्तीनगर, शिवपुर सहबाजगंज, मानस विहार कॉलोनी, जनप्रिय विहार, सिघाडि़या, इंजीनियरिंग कॉलेज आि1द बाहरी मोहल्ले बॉक्स डिमांड में एंटी मॉस्कीटो प्रॉडक्ट्सउधर, शहर में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप से एंटी मॉस्कीटो प्रॉडक्ट्स की सेल इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि इधर सेल में तीन गुना इजाफा हुआ है। लोग रेपेलेंट के साथ स्प्रे की भी डिमांड कर रहे हैं। व्यापरियों का ये भी कहना है कि अगर यही हालत रही तो आने वाले दिनों में इन प्रॉडक्ट्स की डिमांड 50 से 60 प्रतिशत और बढ़ सकती है। गली-मोहल्लों की दुकानवालों का भी कहना है कि पहले सिर्फ लोग स्पे्र और लिक्विड लेने आ रहे थे। लेकिन इधर कॉइल से लेकर अगरबत्ती, मैट, क्रीम ओर मॉस्कीटो रेपलेंट भी काफी बिक रहे हैं।
कोट्स नगर निगम के जिम्मेदार फॉगिंग पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते। इसी का नतीजा है कि इन दिनों मच्छरों का प्रकोप और ज्यादा बढ़ गया है। - दीपक कुमार नगर निगम के जिम्मेदार फॉगिंग नहीं करा रहे तो खुद ही अपना ख्याल रखान पड़ेगा। डेंगू-मलेरिया आदि की खबरें सुन डर सताने लगा है। इसलिए एंटी मॉस्कीटो प्रॉडक्ट्स हमेशा घर में रखता हूं। - नीजेंद्र तिवारी सिटी के ज्यादातर मोहल्लों में फॉगिंग तक नहीं होती है। इसलिए मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। नगर निगम को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बराबर फॉगिंग करानी चाहिए। - मुन्ना ठकुराई शहर में डेली एंटी मॉस्कीटो प्रॉडक्ट्स की सेलकॉइल 2000 गत्ता प्रतिदिन
लिक्विड 1000 शीशी अगरबत्ती 2000 पैकेट स्प्रे 1000 बोतल मच्छरदानी 3000 डबल व सिंगल नगर निगम के पास संसाधन बड़ी फॉगिंग मशीन 2 छोटी फॉगिंग मशीन 35 ठेके पर कर्मचारी 40 वर्जन मच्छर जनित तमाम तरह की बीमारियां होती हैं। यदि व्यक्ति सावधानी न बरते तो ये बीमारियां खतरनाक साबित हो सकती हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह रात में सोते समय मच्छरदानी का ही इस्तेमाल करें। - डॉ। राजकिशोर, सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर मेडिसीन विभाग बीआरडी हर रोज मोहल्लों में फॉगिंग कराई जाती है। अगर कुछ जगहों पर कर्मचारी नहीं आ रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी। जो भी ऐसा करते पकड़ा जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ। मुकेश रस्तोगी, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी