कोरोना की दहशत से बढ़ रहा 'डर का कारोबार'
- चाइना से आने वाले छात्रों के अलावा गोरखपुर के लोग भी करा रहे हैं होल बॉडी चेकअप
- वहीं इंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी सामानों की भी मार्केट में कमी - नॉर्मल जांच के लिए भी बढ़ गए हैं मरीजGORAKHPUR: कोरोना की दहशत गोरखपुर से कम होने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना बाहरी मरीज गोरखपुर पहुंच रहे हैं ओर जिम्मेदार इनकी जांच कराने में जुट जा रहे हैं। हालत यह हो गई है कि अब कोरोना के डर से इससे जुड़े कारोबार में काफी बूम आ गया है। जहां मास्क और दूसरे प्रिकॉशन से जुड़े सामान बाजार से गायब होने लगे हैं, वहीं अब पैथोलॉजी में इसकी जांचें भी शुरू हो गई हैं। यहां तक की छींक-जुकाम वाले मरीज भी जाकर अपना होल बॉडी चेकअप करा रहे हैं। खासतौर पर चाइना से लौटे लोगों की तो विभाग मॉनीटरिंग कर ही रहा है, लेकिन प्रिकॉशन लेते हुए बाकी लोग भी चेकअप कराने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
शुरू हो गए ऑफर्स और ब्लैक मार्केटिंगडर का यह कारोबार धीरे-धीरे गोरखपुर में पांव पसारने लग गया है। फ्लू से बचने के लिए इस्तेमाल होने वाले मास्क थोक मार्केट से गायब हो गए हैं और मुंहमांगे दामों में बेचे जा रहे हैं, जबकि स्कूल्स में कॉन्टैक्ट कर बल्क सप्लाई के लिए अप्रोच भी होने लगा है। इससे साफ है कि मार्केट में मास्क की शॉर्टेज नहीं है, बल्कि कराई जा रही है। वहीं अप्रोच करने वालों का सीधा मकसद फुटकर में एक-एक मास्क बेचने के बजाए बल्क में हजारों मास्क बेच देना है। इसके लिए उन्हें बाकायदा मुंहमांगी कीमत भी मिल जा रही है।
सिर्फ लिमिटेड सेंटर्स में हो रही जांच गोरखपुर में कोरोना वायरस की जांच के लिए फिलहाल कोई सुविधा नहीं है। अगर कोई इसकी जांच के नाम पर पैसा ले रहा है, तो वह सिर्फ अपनी जेब भरने में लगा हुआ है। ऐसा इसलिए कि कोरोना वायरस की जांच के लिए सिर्फ गवर्नमेंट सेटअप में ही अभी जांच हो पा रही है। वह भी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ ही इससे जुड़े वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब्स, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में जांच की जा रही है। इसके अलावा हाल में ही लखनऊ के केजीएमयू में इसकी जांच शुरू हुई है। इसके साथ ही इसका होल बॉडी चेकअप से भी कोई लेनादेना नहीं है, बल्कि मरीज के लार से इसकी पुष्टि हो सकती है। वायरस एक्टिव होने से पहले के रेटनॉर्मल मास्क - 15 से 25 रुपए
माइक्रो बैक्टिरियल सिक्योरिटी वाले मास्क - 45 से 65 रुपए
सर्जिकल मास्क - 2-5 रुपए वायरस एक्टिव होने के बाद नॉर्मल मास्क - 35 से 40 रुपए माइक्रो बैक्टिरियल सिक्योरिटी वाले मास्क - 150 से 200 रुपए सर्जिकल मास्क - 8-10 रुपए कंपनी ने ही मास्क की सप्लाई कम कर दी है। इसकी वजह से मार्केट में इसकी अवेलबिल्टी कम हो गई है। थोक और फुटकर मार्केट में इसकी सप्लाई काफी धीमी हो गई है। - सुनील कुमार सिंह, प्रोपराइटर, अमन सर्जिकल गोरखपुर में सिर्फ स्वाइन फ्लू के टेस्ट की सुविधा है। कोरोना से जुड़े टेस्ट के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जो जांच कर रहे हैं, वह स्वाइन फ्लू की ही कर रहे हैं। कोरोना की जांच सिर्फ गवर्नमेंट सेटअप में ही हो रही है। - डॉ। अमित गोयल, लाइफ पैथोलॉजी कोरोना से बचने के लिए लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक व्यापारी स्कूल में भी इसे सेल करने के लिए पहुंचा था, मैंने उसे फौरन वापस लौटा दिया। गोरखपुर में कोरोना का कोई केस पॉजिटिव नहीं मिला है, लेकिन लोग इसका बिजनेस करने में जुट गए हैं। - अजय शाही, डायरेक्टर, आरपीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंसगोरखपुर में जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। जिन मरीजों में सिंप्टम्स पाए गए हैं, उनके सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे जा रहे हैं। अगर कोई यहां जांच कर रहा है, तो यह गलत है। इसकी सूचना हमें दें।
- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ