कितना देना है इनकम टैक्स बताएगा ई कैलकुलेटर
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लॉन्च किया एप
- आसानी स जाने जा सकेंगे टैक्स स्लैब में हुए बदलाव GORAKHPUR: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। भले ही यह लोगों की सहुलियत के लिए हो लेकिन टैक्स पेयर्स ये समझ नहीं पा रहे कि नए स्लैब से कैसा अच्छा प्रॉफिट होगा। लोगों की इसी प्रॉब्लम को शॉर्ट आउट करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नया मोबाइल एप लॉन्च किया है। ई-कैलकुलेटर नाम का ये एप बड़ी आसानी से बता देगा कि उन्हें कितना टैक्स देना है और कौन सा टैक्स स्लैब फायदेमंद होगा। मिलेगी हर जानकारीइनकम टैक्स अधिकारियों की मानें तो ई-कैलकुलेटर के जरिए टैक्स पेयर्स टैक्स देनदारी की जानकारी ले सकेंगे। इसके बाद वे तय कर सकेंगे कि उनके लिए कौन सा टैक्स स्लैब फायदेमंद होगा। अधिकारियों का कहना है कि बजट में हुई घोषणा के मुताबिक जिन लोगों ने नई व्यवस्था को चुना है उन्हें बिना डिडक्शन और छूट को अपनाकर इनकम टैक्स रिटर्न आईटीआर फाइल करने में हेल्प मिलेगी।
पुरानी व्यवस्था से कर सकेंगे कंपेयरइस कैलकुलेटर में पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था की तुलना की गई है। कैलकुलेटर और टेबल व्यापारियों को इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incomtaxlndlaeflllng.gov.in पर मिल जाएगी। इस पोर्टल का इस्तेमाल अलग-अलग स्लैब में आने वाले टैक्स पेयर्स इलेक्ट्रॉनिक इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए कर सकते हैं।
कैसे कैलकुलेट होगा टैक्स इस एप में टैक्सपेयर्स को सभी स्त्रोतों से होने वाली ईयरली इनकम के लिए दिए जाने वाले टैक्स डिडक्शन और छूट को डालना होगा। जिसके बाद उन्हें दिखेगा कि पुरानी व्यवस्था में रहने या नई व्यवस्था चुनने पर कितना टैक्स का भुगतान करना है। अप्लाई होगी कंडीशन इस नए स्लैब के साथ यह शर्त लगाई गई है कि यह टैक्स स्ट्रक्चर टैक्सपेयर्स के लिए वैकल्पिक होगा। यदि कोई नए टैक्स स्लैब का फायदा लेना चाहता है तो उसे इनकम टैक्स में जो छूट मिलती है वह नहीं मिल पाएगी। इनकम टैक्सपेयर्स के लिए नई व्यवस्था - 5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर पांच परसेंट देना होगा टैक्स - 7 लाख रुपए तक पर 10 परसेंट तक टैक्स कर दिया गया है। - 10 लाख रुपए तक इनकम करने वालों को टैक्स 15 परसेंट देना होगा। - 12.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष इनकम करने वालों को 20 परसेंट। - 15 लाख तक पर 25 परसेंट टैक्स देना होगा।- 30 पसमेंट टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है 15 लाख से ऊपर के आय वालों पर।