Gorakhpur : प्यार करना बहुत आसान है लेकिन उसे निभाना दोगुना मुश्किल और अपने प्यार को पाना शायद चार गुना मुश्किल होता है. सिटी के छह स्पेशल जोड़ी ऐसी हैं जिन्होंने प्यार किया. शादी के लिए तकरार की और आखिर में सात जन्मों के लिए अपने प्रेमी के साथ फेरे लेकर अपने प्यार को हमेशा के लिए अमर कर दिया. जब आई नेक्स्ट ने इन छहों प्रेमी जोड़ों से उनके सबसे खास दिन के बारे में पूछा तो सबके मुंह से निकला करवाचौथ. इन प्रेमी जोड़ों ने बताया कि वे इस दिन को सबसे स्पेशल मानते हैं क्योंकि वे इसे 'प्रेम दिवस' की तरह सेलिब्रेट करते हैं. करवाचौथ में दिन भर पत्नियां व्रत रहती हैं और पति उनकी केयर करते हैं. इन जोडिय़ों का कहना है कि इससे उनका प्यार फिर से जवां हो उठता है.
By: Inextlive
Updated Date: Tue, 22 Oct 2013 10:30 AM (IST)
रात 7.57 बजे दें अघ्र्यपंडित शरद चंद्र मिश्रा बताते हैं कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ कहते हैं। इसमें गणेश जी की पूजन करके उन्हें पूजन दान से प्रसन्न किया जाता है। इसका विधान चैत्र की चतुर्थी में लिख दिया है लेकिन विशेषता यह है कि इसमें गेंहू का करवा भर के पूजन किया जाता है और विवाहित लड़कियों के यहां चीनी के करवे पीहर से भेजे जाते हैं। इसमें कहानी सुनकर चंद्रोदय में अघ्र्य देकर व्रत खोला जाता है। उन्होंने बताया कि अघ्र्य देने के लिए शुभ मुर्हूत रात 7.57 बजे है। चूंकि सूर्योदय 6.21 बजे के बाद से पूरे दिन और रात चतुर्थी तिथि है, इसलिए रात को अघ्र्य देकर पारण किया जा सकता है।
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