मेयर की सीट अनारक्षित होते ही गोरखपुर की सियासत में अचानक गर्माहट आ गई है. 10 साल बाद अनारक्षित हुई सीट पर अब दिग्गजों की दावेदारी शुरू हो गई है. सीट पर कब्जा जमाने के लिए दिग्गज दावेदार अभी से ही पार्टियों से टिकट की जुगत में जुट गए हैं.


गोरखपुर (महेंद्र प्रताप सिंह)।सभी टिकट के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं। इधर, अनारक्षित सीट होने से अब पार्टियों के लिए भी टिकट देने की राह आसान नहीं है। राजनीतिक दलों के बड़े पदाधिकारियों का कहना है कि मेयर पद के लिए लोकल स्तर से कोई टिकट फाइनल नहीं होता है। इसके लिए नाम प्रदेश स्तर पर भेजे जाते हैं। टिकट वहीं से तय होता है। दो जाति वर्ग में खींचतान की आशंका


मेयर सीट के अनारक्षित होने पर दो जाति वर्ग के बीच खींचतान का माहौल बनना तय है। गोरखपुर में कोई भी चुनाव रहा तो इन जाति वर्गों की बहुलता और दबदबे के चलते विवाद की आशंका बनी रहती है। पुलिस प्रशासन को भी काफी चुस्ती फुर्ती दिखानी पड़ती है। इस बार प्रमुख पार्टियों से टिकट के लिए काफी खींचतान की आशंका है। हालांकि, प्रमुख पार्टियां इस पर कुछ भी कहने से बच रही हैं।

भाजपा का सर्वाधिक बार रहा कब्जा 6 चुनावों को देखा जाए तो मेयर सीट पर सर्वाधिक कब्जा भाजपा का रहा है। कांग्रेस कैंडिडेट एक बार मेयर रहे। सपा और बसपा ने भी दमदारी से चुनाव लड़ा।जब जनता ने किन्नर को बना दिया था मेयर

वर्ष 2000-01 के चुनाव में मेयर आशा देवी चुनीं गई थीं। वह गोरखपुर की तीसरी मेयर थीं। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। आशा देवी के मैदान में उतर जाने की वजह से यहां का चुनाव राष्ट्रीय फलक पर आ गया था। हर किसी की नजर यहां के चुनाव परिणाम पर था। इनके मुकाबले में भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा के प्रत्याशी थे। चुनाव का परिणाम आया तो सभी दलों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।अब चुनाव अधिसूचना की हलचलमेयर पद की आरक्षण लिस्ट जारी होते ही अब चुनाव अधिसूचना की हलचल तेज हो गई है। अब हर जगह चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। चर्चाओं में कई लोगों का कहना है कि अब जल्द ही अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। एक महीने में चुनाव भी हो जाएगा। वहीं कई कहना था कि अधिसूचना में अभी वक्त लगेगा, फरवरी में चुनाव होने के आसार हैं। भाजपा अनुशासित पार्टी है। मेयर सीट के लिए मीटिंग की जाएगी। इसके बाद दावेदारी करने वालों के नामों पर विचार किया जाएगा और प्रदेश स्तर पर भेजा जाएगा। वहां से नाम का चयन किया जाएगा। राजेश गुप्ता, महानगर अध्यक्ष, भाजपा
मेयर सीट के टिकट के लिए करीब 12 आवेदन आ चुके हैं। यहां से कुछ नामों का चयन कर प्रदेश कार्यालय पर भेजा जाएगा। अंतिम रूप से प्रदेश स्तर से पार्टी टिकट के लिए दावेदारों का चयन करेगी। अवधेश यादव, सपा जिलाध्यक्षकांग्रेस से टिकट के लिए 18-20 लोगों ने दावेदारी कर दी है। अभी और संख्या बढ़ेगी। कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ बैठक कर नामों को प्रदेश स्तर पर भेजा जाएगा। वहां से नाम फाइनल किए जाएंगे।निर्मला पासवान, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

Posted By: Inextlive