दलदल वाली सड़क, बांस का खंभा, ऐसा है मोहल्ला
- वार्ड नंबर तीन इंजीनियरिंग कॉलेज में पैदल चलना भी दुश्वार
- सड़क निर्माण कार्य में लापरवाही बनी है पब्लिक की मुसीबतGORAKHPUR: शहर के वार्ड में काम के दावे तमाम हो रहे हैं। पार्षद कहते हैं कि डेवपलमेंट को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन वार्ड की हालत देखकर हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम नगर निगम के वार्ड नंबर तीन, इंजीनियरिंग कॉलेज के रानीडीहा में पहुंचीं। मोहल्ले में गत्ता फैक्ट्री तक जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वजह, यहां पर सीवर लाइन बिछाने के लिए काम चल रहा है। इस वजह से सड़क को खोद दिया गया है, लेकिन आसपास के घरों का पानी कहां बहकर जाएगा। इसकी कोई व्यवस्था नहीं गई। इस कारण मिट्टी वाली पूरी सड़क दलदल बन गई है। पार्षद प्रतिनिधि का कहना है कि 15 दिन पूर्व काम शुरू हुआ है। एक माह में प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।
पांच हजार से अधिक मकानरानीडीहा गत्ता फैक्ट्री के पास मोहल्ले में पांच हजार से अधिक आबादी रहती है। यहां के लोगों के लिए यह मेन रास्ता है। स्कूटर, बाइक और फोर व्हीलर लेकर इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं। सड़क की हालत यह है कि पानी भरने से पूरी मिट्टी दलदल बन गई है। सबसे ज्यादा प्रॉब्लम उधर से गुजरने वाली महिलाओं को उठानी पड़ रही है। स्कूटर को कीचड़ पार कराने के लिए वह आसपास में रहने वाले युवकों से मदद की गुहार लगाती हैं।
पोल का पता नहीं, बांस पर दौड़ रहे तार इस मोहल्ले में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। साफ-सफाई तो थोड़ी ठीक है, लेकिन बिजली सप्लाई के लिए मोहल्लों में पोल नहीं लग सके हैं। बांस के सहारे केबल दौड़ाकर लोगों के घरों में बिजली जल रही है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि यहां की महिला पार्षद का सारा कामकाज पूर्व पार्षद बतौर प्रतिनिधि देखते हैं। शिकायत करने पर वह पोल लगवाने की बात करते हैं। कुछ जगहों पर पोल लग गए हैं, इसके बाद भी कनेक्शन शिफ्ट नहीं हो सका है । नहीं बन सका डीपीआरइंजीनियरिंग कॉलेज वार्ड नंबर तीन में करीब 23 मोहल्ले में शामिल हैं। देवरिया मेन रोड के दोनों इंजीनियरिंग कॉलेज से सटे इलाके में इसका विस्तार है। कुछ कालोनियां और मोहल्ले नई बसावट के हैं तो कुछ काफी पुराने हैं। नए हो या पुराने, सभी मोहल्लों में जल निकासी का समुचित प्रबंध नहीं है। इस वजह से हर साल बारिश में लगभग सभी मोहल्ले डूब जाते हैं। अन्य मौसमों में तो काम चल जाता है, लेकिन बरसात भारी पड़ जाती है।
बड़ी समस्या तो यही है कि यहां की पार्षद कोई और है। उनकी जगह कामकाज कोई और देखता है। ऐसे में प्रॉब्लम लेकर किसके पास जाएं। यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है। बाकी आप वार्ड में घूम कर देख लीजिए। आलोक मिश्रा, मोहल्लावासी सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदी गई है। काम चल रहा है, लेकिन जल निकासी का प्रबंध न होने से सारा पानी सड़क पर बह रहा है। पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। लालू प्रजापति, मोहल्लावासी मकान बनवाने के बाद हमने बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई किया। तब कहा गया था कि जल्द ही पोल लग जाएगा। दो-तीन साल से हम लोग बांस के सहारे बिजली जला रहे हैं। मनोज चौबे, मोहल्लावासी आप लोग कभी बरसात के मौसम में आइए। तब समझ में आएगा कि यहां की क्या हालत है। पानी नहीं निकलने से एक तरफ बाढ़ का नजारा होता है। नीतिश कुमार, मोहल्लावासीपोल लग जाता तो मोहल्लों में स्ट्रीट लाइटस लग जाती। शाम ढलने के बाद यहां पर आवागमन करना कठिन होता है। हम लोग पार्षद से मांग कर रहे हैं कि स्ट्रीट लाइटस लगवाएं।
पंकज कुमार, मोहल्लावासी अक्सर तो हम लोग नहीं निकल पाते हैं, लेकिन जब कभी कालोनी से बाहर जाना होता है तो लगता नहीं है किसी शहर में रहते हैं। विकास का काम हो तब ना सूरत बदलेगी। शोभादेवी, मोहल्लावासी सीवर लाइन बिछाए जाने की वजह से सड़क खराब हुई है। जल्द ही उस काम को पूरा करा लिया जाएगा। यहां पर सबसे बड़ी समस्या जलजमाव की है। पानी निकलने का कोई इंतजाम नहीं है। फरवरी माह चल रहा है। कई बार नगर आयुक्त से कह चुका हूं कि सर, मोहल्ले का भौतिक सत्यापन करके डीपीआर बनाकर भेज दीजिए, लेकिन वह सुनते ही नहीं हैं। कुछ मोहल्लों में पोल लग गए हैं। अन्य जगहों के लिए प्रयास किया जा रहा है। हीरालाल यादव, पार्षद प्रतिनिधि