- बच्चों की वैक्सीन न आने से पैरेंट्स परेशान, घर से बाहर निकलने पर है मनाही

- कोरोना की सेकेंड वेव में 1465 बच्चों के संक्रमित होने व थर्ड वेव की आशंका से सहमे हैं पैरेंट्स

GORAKHPUR:

'बेटा घर से बाहर नहीं जाना है। साइकिल तो बिल्कुल भी नहीं चलानी, मास्क लगाए हो या नहीं?' एक ओर जहां कोरोना की सेकेंड वेव के भय से बार-बार हाथ धोने की बीमारी बढ़ गई है। वहीं, थर्ड वेव की आशंका से पैरेंट्स सहमे हुए हैं। वह भी तब जब घर में बच्चों को छोड़ सभी सदस्य वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। फिलहाल बच्चों के वैक्सीनेशन का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन वैक्सीन आएगी कब और कब से लगना शुरू होगी। इसे लेकर पैरेंट्स में क्वैरीसिटी बढ़ गई है।

सेकेंड वेव में बच्चे भी हुए थे पॉजिटिव

कोरोना की सेकेंड वेव में 1465 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए थे। जबकि 59 हजार से अधिक लोग कोरोना के शिकार हो चुके हैं। हालांकि, 11 लाख से अधिक लोगों को गोरखपुर में वैक्सीन भी लग चुकी है। संभावित तीसरी लहर को लेकर जो डर है, वह खासतौर से उन पैरेंट्स को हैं, जिन्होंने अपने घर के बच्चों को पूरी तरह से आज भी कैद कर दिया है। बच्चे ऑनलाइन क्लास तक सिमटे हुए हैं, लेकिन फिजिकली एक्टिविटी से दूर हैं, ऐसे में पैरेंट्स को इस बात की चिंता है कि आखिरकार बच्चों की वैक्सीन कब आएगी और उन्हें पहली डोज कब दी जाएगी ताकि वह भी सुरक्षित हो सकें। ऊपर से स्कूल खोले जाने की मांग बढ़ती जा रही है।

12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए पहले जरूरी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पीडिया डिपार्टमेंट के प्रो। भूपेंद्र शर्मा ने बताया, सबसे पहले 12 से 18 वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी है। क्योंकि इन बच्चों का मूवमेंट होता है, स्कूल, कॉलेज या फिर कोचिंग जाना पड़ता है। ऐसे में इन्हें प्रोटेक्शन चाहिए। बच्चों के लिए बनाई जा रही वैक्सीन पर काम चल रहा है, जब भी मार्केट में बच्चों के वैक्सीन आएगी। उनमें सबसे पहले 12 से 18 वर्ष तक वालों के लिए ही आएंगे। इसके बाद 5 से 12 वर्ष तक केबच्चों के लिए वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी। वहीं, चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। डीके सिंह ने बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन जरूरी है। हमारे यहां जितने भी पेशेंट्स आते हैं, उनके पैरेंट्स यही पूछते हैं कि बच्चों की वैक्सीन कब तक आएगी।

क्लास एक से आठवीं तक के स्टूडेंट्स - 3,50,000

क्लास 9वीं में स्टूडेंट्स - 68,224

क्लास 10वीं में स्टूडेंट्स - 75,477

क्लास 11वीं में स्टूडेंट्स - 60,641

क्लास 12वीं में स्टूडेंट्स - 63,202

कुल स्टूडेंट्स की संख्या - 6,17,544

18+ के 11 लाख लोगों का वैक्सीनेशन

अब तक कुल वैक्सीनेशन - 1242718

अब तक लगाई गई पहली डोज - 1037607

अब लगाई गई दूसरी डोज - 205111

अब तक पुरुषों को लगाई गई वैक्सीन - 705338

अब तक महिलाओं को लगाई गई वैक्सीन - 536966

अब तक लगाई गई कोविशील्ड - 1098662

अब तक लगाई गई को-वैक्सीन - 144056

18-44 वर्ष तक के लोगों को लगाई गई वैक्सीन - 646899

45-60 वर्ष तक के लोगों को लगाई गई वैक्सीन - 356926

60 वर्ष से ऊपर के लोगों को लगाई गई वैक्सीन - 238893

कोट

मेरे घर में सभी वैक्सीनेटेड हो चुके हैं, लेकिन बच्चों के वैक्सीन नहीं आने से टेंशन है, बच्चों के वैक्सीनेशन होने जाने से राहत मिलेगी। आज भी बच्चों के साथ बाहर जाने में सोचना पड़ता है। कोशिश रहती है कि बच्चों को न ही ले जाएं।

सुप्रिया द्विवेदी, पैरेंट

मेरे घर में बच्चे छोटे हैं, लेकिन बच्चों को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं निकलने देती। सेकेंड वेव में कई बच्चे भी संक्रमित हुए थे। ऐसे में बच्चों को लेकर अलर्ट रहती हूं, भले ही यूनिवर्सिटी जाना हो या फिर मार्केट, लेकिन घर कॉल करके एक बार बच्चों का हालचाल जरूर लेती हूं।

स्वाति, पैरेंट

मेरे दो बच्चे हैं। मेरा और हसबैंड का वैक्सीनेशन हो चुका है, लेकिन बच्चों का वैक्सीन नहीं आने से टेंशन है, जितनी जल्दी वैक्सीन आएगी। उतनी जल्दी राहत मिलेगी। आज भी बच्चों को बाहर जाने से मना करती हूं। बिना मास्क घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं।

विजेता सिंघानिया, पैरेंट

वैक्सीन बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। जैसे हम उन्हें अच्छी शिक्षा और जीवन देना चाहते हैं, पिछले दो सालों मैं उनका जीवन थम सा गया है। बच्चों को वापस से उनके लाइफ स्टाइल में वापस लाने के लिए वैक्सीन जरूरी है।

शालिनी मेहता, पैरेंट

वर्जन

बच्चों की वैक्सीन आने की बात चल रही है, लेकिन जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आती, उनके लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। दो गज की दूरी मास्क है जरूरी के नियमों का पालन करना होगा। बच्चों के लिए अनावश्यक बाहर निकलना ठीक नहीं होगा।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ

Posted By: Inextlive