बीआरडी के वार्ड, पंखे बंद, टॉयलेट लॉक
REALITY CHECK
- गर्मी से बेहाल हैं वार्डो में भर्ती पेशेंट, एक हफ्ते से नहीं चल रहे पंखे - सिर्फ सीएम न आ जाएं, इस डर से कुछ दिनों तक ठीक रही व्यवस्था GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक-ठाक दिखा, क्योंकि जिम्मेदारों को डर था कि कहीं गोरखपुर प्रवास में आए सीएम निरीक्षण में न आ जाएं। सीएम के जाने के साथ ही उनका यह डर जाता रहा और फिर वही पुरानी व्यवस्था जारी रही। शुक्रवार को जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गर्मी के मद्देनजर बीआरडी के वार्डो में व्यवस्था की जांच की तो सभी पंखें बंद मिले और मरीज गर्मी से बिलबिलाते नजर आए। वहीं बेड पर गद्दे भी फटे थे। हर तरफ गंदगी नजर आ रही थी। इतना ही नहीं, बाथरूम में ताला जड़ा था जिससे नेचुरल कॉल के लिए भी महिलाएं नहीं जा सकती थीं। यह गायनी वार्ड हैबीआरडी के 52 बेड वाले गायनी वार्ड के सारे पंखे बंद दिखे। सीएफएल और ट्यूबलाइट भी नहीं दिखा। जो बल्ब थे, सभी 100 वॉट वाले थे। वहीं सारे बोर्ड के तार बाहर झांक रहे थे जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। पता चला कि एक हफ्ते से तारों की मरम्मत का काम चल रहा है। तभी से वार्ड के पंखे नहीं चल रहे। पंखों के नहीं चलने के कारण वार्ड में एडमिट महिलाएं, बच्चे परेशान नजर आए।
गद्दे फटे और चादर गायब गायनी वार्ड में सिर्फ पंखे ही नहीं बंद थे, अन्य भी तमाम परेशानियां भर्ती मरीजों को रुलाती नजर आई। वार्ड में गंदगी की भरमार थी। बेड पर पड़े गद्दे फटे थे तो चादर थी ही नहीं। पेशेंट के तीमारदारों से बात करने पर उन्होंने बताया कि चादर मिल ही नहीं रही। चादर नहीं होने के कारण मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कहने को है टॉयलेट वार्ड के शौचालय में ताला बंद था। बगल के बेड पर बैठे एक तीमारदार से जब बात की तो उसका कहना था कि पिछले 10 दिनों से शौचालय में ताला बंद है। मरीजों को शौचालय के लिए वार्ड से बाहर जाना पड़ता है। यह ताला किसने और क्यों बंद किया, इसका पता नहीं चल पाया। कोई कुछ बताने वाला नहीं था। कोट एक हफ्ते से मेरा मरीज भर्ती है। तभी से वार्ड में न बिजली सप्लाई है, न पंखे चल रहे हैं। जिससे वार्ड में रहने वाले सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बृजलाल मौर्यावार्ड में जबसे मरीज के साथ हूं, उसी दिन से दुर्व्यवस्था दिख रही है। परेशानी वाली बात यह है कि शौचालय में ताला लगा दिया गया है। जिसके चलते मरीज को भी बाहर ले जाना पड़ रहा है।
अर्जुन उपाध्याय गर्मी बहुत है। मासूम के साथ मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अफसर एसी में मौज काट रहे हैं और मरीजों को परेशानी हो रही है। नीलमा, पादरी बाजार वर्जन वार्ड में मरम्मत कार्य चल रहा है। जिसकी वजह से दिक्कत आ रही है। फर्म को जल्द काम पूरा करने को कहा गया है। दो चार दिन के अंदर समस्याएं दूर कर ली जाएंगी। डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी बीआरडी ------------- खुद एसी में, इनके लिए पंखा भी नहींबीआरडी के विभिन्न अधिकारियों, डॉक्टरों के लिए एसी, कूलर लगा है लेकिन गायनी वार्ड में एक सप्ताह से पंखा तक नहीं चल रहा। अधिकारियों का तर्क है कि अभी मरम्मत कार्य चल रहा है लेकिन जब तक मरम्मत पूरी नहीं होती तब तक के लिए मरीजों को किसी और वार्ड में भी शिफ्ट किया जा सकता था। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि क्या किसी डॉक्टर के केबिन में मरम्मत कार्य चलता तो वे बिना पंखे के एक सप्ताह तक रह पाते? अभी कार्य चल ही रहा है इसलिए नहीं कहा जा सकता कि मरीजों को इसी हाल में कब तक रहना होगा। एसी में रहने वाले जिम्मेदार मरीजों की गर्मी की परेशानी को समझें भी तो कैसे?