GORAKHPUR: घघसरा निवासी पुजारी नागेश्वर तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी उर्फ अकरूर बाबा का मर्डर उसके सगे भतीजे ने ही किया था. 55 हजार रुपए के विवाद को लेकर भतीजे ने पहले चाचा को शराब पिलाई. चाचा के नशे में धुत होते ही दोस्त के साथ मिलकर चाकुओं से गोदकर जान ले ली. फिर पुलिस को सूचना देकर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया. शुक्रवार को यह खुलासा एसपी ग्रामीण ब्रजेश सिंह ने किया. बताया कि वादी मुकदमा ही कत्ल का आरोपी निकला. ऐसे मामले में कभी-कभार ही सामने आते हैं.


18 मई की रात हुई थी हत्या घघसरा निवासी पुजारी नागेश्वर गांव के मंदिर पर रहते थे। 19 मई की सुबह उनकी डेड बॉडी मंदिर से थोड़ी दूरी पर मिली। सिर और गले के पास चाकू घोंपकर पुजारी की हत्या की गई थी। पब्लिक की सूचना पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की। पुजारी को लेकर कई तरह की बातें भी होती रही। भतीजे लवकुश ने चाचा की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। केस दर्ज करके पुलिस ने कातिलों की तलाश शुरू कर दी। लेकिन कोई ऐसा क्लू नहीं मिल पाया जिससे तत्काल घटना का खुलासा हो सके।भूमि की सौदेबाजी पर अटकी पुलिस
पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि पुजारी ने 15 हजार रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से अपनी सात डिसमिल भूमि का सौदा तय किया था। तिवारीपुर, बहरामपुर दक्षिणी निवासी रामजश उर्फ धौताल ने 55 हजार रुपए में भूमि देने की बात की थी। बिना पूरा भुगतान किए रामजश भूमि पर कब्जा करना चाहता था। पूरा रुपए लिए बिना भूमि का एक टुकड़ा भी देने को पुजारी तैयार न हुए। चाचा के भूमि बेचने की जानकारी होने पर भतीजे के मन में बेईमानी आ गई। चाचा के पैसे हड़पने के लिए उसने साजिश रच दी। नकदी लेकर किया चाचा का कत्ल


भूमि खरीदने वाले लवकुश ने रामजश के सामने शर्त रख दी। उसने कहा कि पूरा पैसा वह लेकर भूमि पर कब्जा करा देगा। उसके चाचा कुछ कर भी नहीं पाएंगे। 18 मई की रात लवकुश, रामजश और उसके चाचा पुजारी मंदिर पर इकट्ठा हुआ। थोड़ी दूर स्थित एक पुलिया पर शराब पीने चले गए। शराब पीने के दौरान कहासुनी होने पर लवकुश ने चाचा को चाकुओं से मार डाला। इसके बाद आराम से घूम-घूमकर शराब पीने लगे। 28 जुलाई की शाम सहजनवां पुलिस ने बोक्टा के पास देसी शराब की दुकान से दोनों को अरेस्ट किया। वादी मुकदमा लवकुश ने अपने चाचा के हत्या की साजिश रची थी। ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण

Posted By: Inextlive