बीते कई चुनावों की तरह नगर निगम चुनाव में भी भाजपा नेताओं की खेमेबंदी एक बार फिर पब्लिक के सामने है. गोरखपुर में अक्सर मामला योगी वर्सेज भाजपा का हुआ करता है लेकिन इस इलेक्शन में पूरी लड़ाई आरएमडी वर्सेज भाजपा के रूप में है. नगर निगम इलेक्शन का प्रचार तेज होने के साथ ही साथ आरएमडी और बीजेपी की लड़ाई भी तल्ख होती जा रही है. रोचक यह है कि बीजेपी के स्थानीय नेता आरएमडी पर और आरएमडी उन्हीं बीजेपी नेताओं पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा रहे हैं. यदि समय रहते पार्टी के अलमबरदारों ने इस मामले में प्रभावी दखल नहींं की तो गोरखपुर नगर निगम इलेक्शन में चौंकाने वाले रिजल्ट आ सकते हैं. ताजा घटनाक्रम में आरएमडी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पत्र लिखकर इस पूरे मामले में दखल देने और पार्टी को टिकट बंटवारे की 'गलती' सुधारने की रिक्वेस्ट की है.


अनुशासनहीन कौन? भाजपा या उसका विधायक?डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पत्र लिखकर अपने खिलाफ हो रही साजिश, बगावत और उपेक्षा पर से पर्दा उठाया है। डॉ। अग्रवाल के सवालों से पार्टी के स्थानीय नेता समेत प्रदेश नेतृत्व कटघरे में खड़ा होता दिख रहा है। इस पूरे प्रकरण में पार्टी के हर जिम्मेदार पर उंगलियां उठ रही हैं। पत्र के माध्यम से ही आरएमडी ने प्रदेश अध्यक्ष से गलती सुधारने की गुजारिश भी की है। प्रदेश अध्यक्ष से न्याय की गुहार


नगर विधायक आरएमडी ने पूरे मामले में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी से न्याय करने की मांग की है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने गलती सुधारने की बात कही है, जिसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि नगर विधायक की उन लोगों को चुनाव से दूर करने की मांग है जिन्होंने उनके चुनाव में उनके खिलाफ काम किया था और जिनकी लिखित शिकायत भी की गई थी। मंडे को प्रदेश अध्यक्ष शहर में हैं अब पार्टी कार्यकर्ताओं की निगाहें उन पर ही टिकी हैं। नगर विधायक ने उठाये यह सवाल-- 

0 नगर विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम का दो तिहाई हिस्सा आता है, इसके बावजूद नगर विधायक से पार्टी के मेयर कैंडिडेट के बारे में कोई चरचा नहीं की गई और न जानकारी दी गई।0 पार्षद कैंडिडेट्स में ऐसे तमाम लोगों को पार्टी ने टिकट दिया जिसने पार्टी के विधायक कैंडिडेट के खिलाफ काम किया था और जिसकी लिखित शिकायत भी हुई थी।0 गोरखपुर महानगर अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी के तमाम लोगों की पार्टी के विधायक के चुनाव के दौरान पार्टी कैंडिडेट के खिलाफ काम करने की शिकायत की गई थी लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने कोई कार्रवाई करने की बजाए महानगर अध्यक्ष रहे धर्मेंद्र सिंह को दोबारा महानगर संयोजक बना दिया।0 चुनाव में पार्टी के विधायक कैंडिडेट के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले विष्णु शंकर श्रीवास्तव से पार्टी अपने मंचों से भाषण करवा रही है। 0 पूरे प्रकरण में विधायक की शिकायतों की निष्पक्षता से जांच ही नहीं की गई

Posted By: Inextlive