- नगर निगम उड़ा रहा है लेबर लॉ का माखौल

- पिछले 9 साल से एक ही कंपनी को मिल रहा है सिक्योरिटी का ठेका

- सिक्योरिटी घोटाले के संदेह में आया नगर निगम प्रशासन

नगर निगम उड़ा रहा है लेबर लॉ का माखौल

- पिछले 9 साल से एक ही कंपनी को मिल रहा है सिक्योरिटी का ठेका

- सिक्योरिटी घोटाले के संदेह में आया नगर निगम प्रशासन

GORAKHPUR : GORAKHPUR : जीएमसी के सिक्योरिटी घोटाले में कई और बड़े खुलासे हुए हैं। जीएमसी ने लेबर लॉ के नियमों को ताक पर रखकर सिक्योरिटी टेंडर पास किया है। यही नहीं, एक ही कंपनी को पिछले 9 साल से सिक्योरिटी का काम दिया जा रहा है। इस तरह देखा जाए तो पिछले 9 साल में इस कंपनी ने लाखों रुपए का घपला किया है। नगर निगम के हर साल 'मुंबई इंटेलिजेंस केयरटेल सर्विसेज इंडिया कंपनी' को काम देने से निगम की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

खुलेआम उड़ीं लेबर लॉ की धज्जियां

जीएमसी में सिक्योरिटी के नाम पर लेबर लॉ की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसका खुलासा आई नेक्स्ट की पड़ताल में हुआ।

रूल-क्

लेबर लॉ के तहत किसी भी व्यक्ति को एक शिफ्ट में 8 घंटे से अधिक काम नहीं करवाया जा सकता।

उल्लंघन-

मुंबई इंटेलिजेंस केयरटेल सर्विसेज इंडिया कंपनी के गा‌र्ड्स ने आई नेक्स्ट को बताया कि हर गार्ड को बिना अतिरिक्त वेतन दिए क्ख् घंटे ड्यूटी करवाई जाती है।

रूल-ख्

लेबर लॉ के न्यूनतम मजदूरी अधिनियम क्9ब्8 के तहत सबसे कम वेतन भ्ख्00 रुपए निर्धारित किया गया है। इसका मतलब है कि कोई भी कंपनी किसी भी एंप्लाई को इससे कम वेतन पर नहीं रख सकती है।

उल्लंघन-

जीएमसी ने अपने सिक्योरिटी टेंडर में डंडामैन के लिए क्800 रुपए और गनमैन के लिए ख्800 रुपए ही निर्धारित किए हैं। इससे साफ जाहिर है कि जीएमसी ने लेबर लॉ को तोड़ते हुए यह टेंडर निकाला और अब कंपनी इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है।

अधिकतर बंद रहता है ऑफिस

मुंबई इंटेलिजेंस केयरटेल सर्विसेज इंडिया कंपनी का ऑफिस ख्89-ए दक्षिणी बेतियाहाता के किराए के मकान में संचालित हो रहा है। जब ट़्यूज्डे को रिपोर्टर इस ऑफिस में पहुंचा तो ऑफिस बंद था। आसपास के लोगों ने बताया कि केवल शाम को एक-दो गार्ड आते हैं, बाकी ऑफिस बंद ही रहता है।

जीएमसी पर कम वेतन का पहले भी लग चुका है आरोप

पिछले साल नगर निगम में कम वेतन का मामला राष्ट्रपति की चौखट तक पहुंच गया था। निगम अपने अधीनस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर को केवल फ्भ्00 रुपए वेतन देता थे। एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने श्रम कानून तोड़ने की शिकायत राष्ट्रपति को की तो सबकी आंखे खुल गई। अपने को बचाने के लिए आनन-फानन में जीएमसी ने कंप्यूटर ऑपरेटर का वेतन म्000 रुपए कर दिया।

नगर निगम में सिक्योरिटी गा‌र्ड्स के साथ श्रम कानून का उल्लंघन होने का मामला संज्ञान में आया है। नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी ली जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर जांच भी की जाएगी।

आरपी गुप्ता, उप श्रम आयुक्त, गोरखपुर

जीएमसी में काम करने वाले हर कर्मचारी को मिनिमम वेज मिलना चाहिए। इसका निर्धारण भी किया गया है। हम स्वायत्त संस्था है इसलिए अपने बजट के हिसाब से वेतन निर्धारित कर सकते हैं। हालांकि सिक्योरिटी गार्ड को इतना कम वेतन नहीं मिलना चाहिए। मैं इस मामले की जांच करवाऊंगा।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive