- डीडीयूजीयू मे पिछले आठ साल से लगातार घट रही है स्टूडेंट्स की संख्या

- लगातार संख्या घटने से यूनिवर्सिटी प्रशासन बेहद गंभीर

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू से स्टूडेंट्स का मोह भंग होता जा रहा है। यह हम नहीं बल्कि डीडीयूजीयू के आंकड़े इस बात को साफ बयां कर रहे हैं। पिछले आठ साल से लगातार डीडीयूजीयू में एडमिशन की संख्या में गिरावट आई है। इस गिरावट की मेन वजह डीडीयू एक्सपर्ट टीचर्स की कमी मान रहे हैं, हालांकि स्टूडेंट्स के घटते संख्या पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है।

आठ साल में 18,352 स्टूडेंट्स की कमी

डीडीयूजीयू यूजी और पीजी की पढ़ाई के लिए जहां पहले स्टूडेंट्स सपना संजोते थे। यहां से पढ़कर निकलने के बाद देश और विदेश में जाकर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन करते थे। मगर, पिछले आठ सालों से लगातार यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की संख्या घटने से यूनिवर्सिटी प्रशासन बेहद गंभीर हो गया है। साल दर साल घट रही स्टूडेंट्स की तादाद ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। सेशन 2015-16 में स्टूडेंट्स की संख्या 11,008 थी, जबकि सेशन 2008-09 में 29,360 स्टूडेंट्स के दाखिले हुए। इस तरह आठ साल में 18,352 स्टूडेंट्स कम हुए। यूनिवर्सिटी प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की माने तो टीचर्स की भारी मात्रा में कमी के कारण स्टूडेंट्स की संख्या गिरती जा रही है।

आज भी होती है पुरानी पद्धति से पढ़ाई

वहीं विभागाध्यक्षों के नजरिए से देखे तो स्टूडेंट्स की संख्या में गिरावट की मेन वजह जहां टीचर्स की कमी है। डिपार्टमेंट में संसाधन का अभाव है। आज भी पुरानी पद्धति से पढ़ाई हो रही है। जबकि पुरानी पद्धति से पढ़ाई पर टेक्नोलॉजी हावी होती जा रही है। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो मार्डन टेक्नोलॉजी बेस्ड पढ़ाई से स्टूडेंट्स काफी हद तक दूर हैं।

प्रोफेशनल पर देते हैं जोर

इसके अलावा पिछले आठ साल में स्टूडेंट्स का रूझान ट्रेडिशनल कोर्सेज के बजाय प्रोफेशनल कोर्सेज की तरफ गया है। यही रीजन है कि आज ट्रेडिशनल कोर्सेज की डिमांड घटती जा रही है और स्टूडेंट्स की संख्या में भारी मात्रा में गिरावट आई है। चाहे आ‌र्ट्स हो, साइंस या फिर कोई और फील्ड, हर जगह आज भी ट्रेडिशनल कोर्स ही पढ़ाए जा रहे हैं। जबकि डिमांड रोजगार परक पाठ्यक्रम की आ चुकी है।

नेक्स्ट सेशन में इजाफा हो

हर स्टूडेंट अपनी बेरोजगारी दूर करने के लिए पढ़ाई करना चाहता है। इसलिए बीए, बीएससी और बीकॉम के क्रेज में भी गिरावट आई है। हालांकि लगातार स्टूडेंट्स की संख्या के घटने से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चिंता जाहिर करते हुए इस मामले में मीटिंग करने का निर्णय लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की माने तो 2016-17 सेशन के एडमिशन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा जरूर हो।

सन नंबर ऑफ स्टूडेंट्स

2015 11,008

2014 11,702

2013 12,082

2012 12,147

2011 12,539

2010 16,491

2009 21,923

2008 29,360

स्टूडेंट्स की संख्या में भारी कमी आई है। न्यू सेशन में स्टूडेंट्स की संख्या किस प्रकार से बढ़े। इसके लिए प्रयास किया जाएगा।

प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive