GORAKHPUR : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का आधा साल तो सिर्फ इवेंट एग्जाम और रिजल्ट्स के बीच बीत गया. अब जब दूसरे क्लास की बारी आई तो एग्जाम का टेरर आंखों के सामने घूमने और दिखाई देने लग गया है. अब ऐसे में यूनिवर्सिटी की मनमानी से बचने का सहारा बने हैं मार्केट में अवेलबल सॉल्व्ड पेपर्स. यही पेपर हैं जिनकी मदद से स्टूडेंट्स को अपना फ्यूचर कुछ हद तक सेफ दिखाई दे रहा है. वहीं यूनिवर्सिटी के हुक्मरानों को सिवाए इवेंट और एग्जाम के कुछ और नहीं सूझ रहा है.


यूनिवर्सिटी गेट पर लगी टेम्प्रेरी शॉप्सस्टूडेंट्स के बीच लगातार बढ़ रही सॉल्व्ड पेपर्स की डिमांड को देखते हुए यूनिवर्सिटी के आस-पास सॉल्व्ड पेपर्स की कई टेम्प्रेरी शॉप्स लग गई हैं। इसमें यूनिवर्सिटी के ही कोर्सेज की सभी स्ट्रीम और सब्जेक्ट्स की बुक्स अवेलबल हैं। स्टूडेंट्स की माने तो अब अगर उन्होंने अनसॉल्व्ड पेपर्स या यूनिवर्सिटी का भरोसा रखा तो उन्हें अपना साल बर्बाद करने से कोई नहीं रोक पाएगा। वहीं इससे यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को भी इससे कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है। रिजल्ट लेट, एडमिशन का पता नहीं
यूनिवर्सिटी में इस सेशन में सिवाए स्टूडेंट्स के फ्यूचर से खिलवाड़ के और कुछ नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी के रिजल्ट्स अब तक कंप्लीट डिक्लेयर नहीं हुए हैं। इसकी वजह से कई कोर्सेज में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स परेशान हैं। अगर यही हाल रहा और सॉल्व्ड पेपर के सहारे भी तैयारी न की गई तो स्टूडेंट्स को फेल होने से कोई नहीं बचा पाएगा। वहीं उनकी इस नाकामी का ठीकरा यूनिवर्सिटी के नहीं बल्कि खुद उन्हीं के सिर फूटेगा।एग्जामिनेशन फॉर्म भरवाने की प्लानिंग में यूनिवर्सिटी


अभी यूनिवर्सिटी के रिजल्ट्स के आने और कंप्लीट होने का सिलसिला जारी है। इन्हीं सब के बीच यूनिवर्सिटी के वीसी ने तो एग्जामिनेशन फॉर्म भरवाने की तैयारी भी कर डाली थी। 10 जनवरी से फॉर्म भरवाए जाने थे, लेकिन इस दौरान तक यूनिवर्सिटी के सभी रिजल्ट्स डिक्लेयर न होने की वजह से उनका यह अरमान तो पूरा नहीं हो सका। मगर यूनिवर्सिटी की फॉर्म भरवाने की तैयारियों से स्टूडेंट्स जरूर टेंशन में आ गए हैं और अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।

Posted By: Inextlive