होली आते ही जाग गया फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट
-त्योहार आते ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम को आता है होश, विशेष अभियान के तहत करते हैं छापेमारी
- छापेमारी के दौरान प्रतिष्ठानों से लिए नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद होती है बड़ी कार्रवाई GORAKHPUR: होली त्योहार आते ही फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहा है। जबकि पूरे साल फूड सैंपलिंग के अलावा बाकी अन्य कार्यो में जुटा रहता है। हालांकि डिपार्टमेंट का यह दावा है कि त्योहार के समय में मिलावट खोरों की चांदी होती है। ऐसे में पब्लिक के हेल्थ को लेकर विशेष सघन अभियान चलाया जा रहा है। 19 फरवरी से शुरू है होली विशेष अभियानबता दें, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की तरफ से होली पर्व पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 19 फरवरी से शुरू किया गया है। इसके लिए सात सदस्यीय टीम को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बांटा गया है। टीम लगातार स्थानीय प्रशासन व पुलिस की मदद से होटल, रेस्टोरेंट्स समेत खोवा मंडियों में छापेमारी कर रही है। अब तक करीब 52 खाद्य पदार्थो के नमूने लिए जा चुके हैं। जबकि 14-15 क्विंटल सामान को सीज किया जा चुका है।
रिपोर्ट आने के बाद हो सकती है बड़ी कार्रवाईफूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारियों का दावा है कि 52 सैंपलिंग लिए गए हैं। जिसे जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है। इसकी रिपोर्ट 15-20 दिनों में आ जाएगी। चूंकि जितने भी खाद्य सामग्रियों के सैंपल लिए गए हैं। वे मिलावटी थे। लेकिन इतना मिलावट नहीं था कि उसके खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़े। लेकिन लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर सैंपल के लिए भेजे गए हैं। अगर किसी सैंपल में किसी प्रकार की कोई शिकायत पाई जाती है तो उस दुकानदार के खिलाफ एओ कोर्ट में रिपोर्ट भेजा जाएगा। जहां उसके ऊपर जुर्माना चार्ज हो सकता है। इसके अलावा गंभीर रिपोर्ट आने पर एसीजेएम फर्स्ट के यहां मामले की रिपोर्ट भेजी जाएगी। जहां से 6 महीने से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
फैक्ट फीगर गोरखपुर सिटी में कुल - 7 इंस्पेक्टर गोरखपुर ग्रामीण में कुल - 7 इंस्पेक्टर 19 फरवरी से लेकर अब तक कुल लिए गए नमूने - 52 सीज किए गए खाद्य सामाग्री - 14-15 क्विंटल लिए गए नमूने की अवधि - 15-20 दिन वर्जनहोली के अवसर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिले भर में टीम लगातार छापेमारी कर रही है। रहा सवाल आम दिनों में छापेमारी का तो वो भी किया जाता है। लेकिन इस बीच लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ विभागीय कार्य भी किए जाते हैं।
प्रभुनाथ सिंह, सहायक आयुक्त, खाद्य गोरखपुर मंडल