Gorakhpur : वेंस्डे को सारे जहां की खुशियां अनुज गुप्ता की झोली में तब आ गिरीं जब इंटरमीडिएट का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ. इसमें उनके बेटे प्रांशु गुप्ता ने सिटी की ब्वाएज कैटेगरी में पहली पोजीशन हासिल की. 'रोबोटिक माइंडÓ प्रांशु ने सिर्फ इंटरमीडिएट में ही नहीं बल्कि आईआईटी में भी परचम लहराया था और वह जेईई मेन्स एग्जाम में सिटी में दूसरे टॉपर थे. रोबोटिक मांइड इसलिए कि प्रांशु न सिर्फ पढ़ाई में काफी तेज हैं बल्कि इनको 'रोबोटिक्सÓ में भी इंटरेस्ट है. यही वजह है कि उन्होंने इसे अपना फेवरेट सब्जेक्ट और फ्यूचर रास्ता बना लिया है.


A topper without coachingपैरेंट्स प्रांशु की तारीफ करने नहींथकते। हाईस्कूल तक का सफर उसने बगैर कोचिंग के पूरा किया। उसमें भी वह सिटी टॉपर थे। आईआईटी की तैयारी कर रहे प्रांशु की माने तो वह तैयारी आईआईटी लेवल पर कर रहे थे, इसके साथ ही उन्होंने हिंदी और इंग्लिश के लिए जुबिली इंटर कॉलेज की खूब तारीफ की जहां टीचर्स ने उन्हें इन सब्जेक्ट्स से जोड़े रखा, जिससे कि उन्हें मार्क्स स्कोर करने में हेल्प मिली। मोमेंटम से आईआईटी की तैयारी कर उन्हें 274वीं रैंक हासिल हुई थी और अब एडवांस के रिजल्ट का वेट कर रहे हैं। कामयाबी के पीछे रेग्युलर स्टडी जरूरी


एक दिन घी खाने से कोई मोटा नहीं होता, इसी तरह 24 घंटे में 18 घंटे स्टडी करने से कोई अच्छे मार्क्स नहीं ला सकता। अच्छे मार्क्स के लिए डेली स्टडी करना जरूरी है। यह कहना है सिटी की टॉपर आयुषी यादव का। जुबिली इंटर कॉलेज में टीचर दुर्गा प्रसाद यादव की तीन बेटियों में सबसे बड़ी आयुषी सिटी में रूम लेकर रहती है। आयुषी के साथ उसकी दो छोटी बहनें जान्हवी और मान्हवी भी रहती है, जो कार्मल स्कूल में क्लास-3 की स्टूडेंट है। मतलब साफ है स्टडी के साथ आयुषी पर दोनों बहनों की भी जिम्मेदारी है। उन्हें खाना खिलाने से लेकर तैयार कर स्कूल भेजना आयुषी की रुटीन में शामिल है। मगर पढ़ाई के क्रेज ने आयुषी को टॉपर बना दिया। आयुषी कहती है कि पढ़ाई डेली करनी चाहिए, भले ही चार से पांच घंटे की जाए। साथ ही स्टडी करते टाइम एक चीज का विशेष ध्यान दें कि जितना भी लर्न करें उसमें कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए। इस कामयाबी के पीछे पापा, फैमिली मेंबर्स और टीचर्स को श्रेय देते हुए आयुषी ने कहा कि उसे मेरिट की उम्मीद थी। मगर हिंदी में मन मुताबिक मार्क्स न आने से उसका सपना अधूरा रह गया। हाईस्कूल में 75 परसेंट आने के बाद ही आयुषी ने टॉप करने की ठानी थी, जो उसने सच कर दिया। बेस्ट देने के लिए करनी पड़ेगी मेहनत

इंटरमीडिएट रिजल्ट में सिटी की गर्ल्स का दबदबा कायम रहा। इसमें भी कार्मल स्कूल की प्राची गुप्ता कॉलेज में दूसरे नंबर पर रहीं। प्राची की माने तो उनकी इस सफलता में उनके पेरेंट्स के साथ टीचर्स का भी अहम रोल है। यह मुकाम हासिल करने के लिए उन्होंने डेली 4 से 5 घंटे तक खूब मन लगाकर पढ़ाई की। 91.2 परसेंट हासिल करने के बाद उनका कहना है कि वह इससे सेटिस्फाई है और आगे वह और मेहनत करेंगी, ताकि अपना बेस्ट दे सकें।मेरी मेहनत और पैरेंट्स का आशीर्वाद काम आयाइंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम में 90 प्लस लिस्ट में शामिल कॉर्मल स्कूल की अल्पना कॉलेज में टॉप पोजीशन पर रहीं। भारतेंदु पांडेय की लाडली ने बताया कि यह उनकी 7 से 8 घंटे की मेहनत और उनके पेरेंट्स और गार्जियंस के आशिर्वाद का ही नतीजा है कि उन्होंने कॉलेज में सबसे टॉप पोजीशन हासिल की। अल्पना इंजीनियरिंग स्ट्रीम में जाना चाहती है और उन्होंने यूपीएसईई गर्ल्स कैटेगरी में 602 और जनरल कैटेगरी में 5593 रैंक हासिल की है। उनका कहना है कि अगर स्टूडेंट्स एग्जाम टाइम में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

Posted By: Inextlive