डूबेगा कि बचेगा?.. पानी में डूब गए सात करोड़
- मेडिकल कॉलेज रोड का 2014 अवस्थापना निधि से जीडीए ने कराया था चौड़ीकरण
- नगर निगम की लापरवाही से गड्ढे में तब्दील हो गई सड़क, घरों का पानी बहता है रोड परGORAKHPUR: नगर निगम और जीडीए में विकास कार्यो को लेकर हमेशा छत्तीस का आंकड़ा चलता है। नगर निगम कोई निर्माण कार्य करता है तो जीडीए तोड़वा देता है और जब जीडीए कराता है तो नगर निगम तोड़वा देता है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि हालात बयां कर रहे हैं। अब असुरन से खजांची चौराहा तक रोड चौड़ीकरण कार्य को ही लें तो जीडीए ने 2014 में अवस्थापना निधि से सात करोड़ में इसका चौड़ीकरण कराया था लेकिन नगर निगम की लापरवाही से रोड गड्ढे में तब्दील हो गई है। स्थिति यह है कि रोड पर घर से डेली निकलने वाला पानी भी जल जमाव बना देता है। असुरन से खजांची चौराहा तक की सड़क निर्माणाधीन नाले के ओरवरफ्लो पानी से उखड़ने लगी है। जिससे राहगीरों को दिक्कत होने लगी है।
निगम चाहता तो बच जाती रोडविष्णु मंदिर से बशारतपुर पेट्रोल पंप तक रोड के आधे हिस्से में केवल पानी ही पानी दिखता है। सुबह और शाम पांच बजे के बाद तो कई बार रोड के आधे हिस्से तक पानी फैल जाता है, जब घरेलू कार्य के कारण पानी का फ्लो अधिक होता है। इस जलभराव से विष्णु मंदिर से लेकर बशारतपुर पेट्रोल पंप तक की सड़क जगह-जगह उखड़ गई है। स्थानीय दुकानदार संजय श्रीवास्तव का कहना है कि चोक नालों के कारण गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। जिससे हमारा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। नगर निगम अगर इतनी दूर के नालों की सफाई का कार्य नियमित रूप से करता तो शहर की यह प्रमुख सड़क बच जाती, लेकिन नगर निगम इस रोड पर अतिक्रमण हटाने या नाला सफाई का कार्य तब करता है जब इस रास्ते से किसी वीआईपी को जाना होता है।
ऐसे जल जमाव हो सकता है समाप्त - बारिश होते ही पानी की निकासी के लिए दो पंपिग सेट लगाए जाएं - बारिश होने के बाद पहले पूरे एरिया के नालों की सफाई की जाए - अधूरे नाले और नालियों के निर्माण को पूरा किया जाए - टूटी हुई नालियों की मरम्मत कराई जाए। - रोड को सबसे उंचा, फिर फुटपाथ और उसके बाद सबसे नीचे नाली का निर्माण हो। ---------- कॉलिंगनगर निगम ने कभी नालों की सफाई नहीं कराई इससे रोड पर जलजमाव हो गया और रोड खराब होती चली गई। यदि सफाई होती तो यह स्थिति नहीं होती।
शैलेंद्र मौर्या, दुकानदार 2014 में यह रोड बनकर तैयार हुई। जीडीए ने अच्छा कार्य किया लेकिन निगम ने अपनी भूमिका नहीं निभाई। निगम ने रोड तोड़ डाला और तभी से सड़क के एक हिस्से पर जलजमाव बना हुआ है। पियुष चौरसिया, दुकानदार नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ अभियान केवल हवा-हवाई चलता है। अगर इस रोड से सही तरीके से अतिक्रमण हटता और फुटपाथ को रोड से नीचे कर दिया जाता तो सड़क पर पानी नहीं लगता। लेकिन फुटपाथ उंचा है और नालियां जाम है। शम्भू जायसवाल, सर्विसमैन शहर के इतने अच्छे एरिया में नगर निगम द्वारा कच्चा नाला छोड़ दिया गया है। कच्चे नाले की सफाई भी नहीं होती इस कारण नाले का पानी रोड पर बहता है। बारिश में तो रोड ही नाला बन जाती है। अनिल चौरसिया, व्यापारी ----------- वर्जन शहर के प्रमुख नालों की सफाई का कार्य हो रहा है। मेडिकल रोड पर चरगांवा एरिया की तरफ से नाला सफाई का कार्य हो रहा है। एक दो दिन में यह टीम एचएन सिंह चौराहे तक पहुंच जाएगी। - श्रवण सोनकर, मुख्य सफाई निरीक्षक