- दैनिक जागरण आईनेस्क्ट के 'प्रिपरेशन ऑफ स्कूल आफ्टर कोविड-19' टॉपिक पर हुए वेबिनार में स्कूल मैनेजमेंट ने रखी बात, दिए इंपॉर्टेट सजेशन

- 16 अगस्त से खुल रहे स्कूलों को लेकर शेयर की प्लानिंग

GORAKHPUR: कोरोना संक्रमण की वजह से करीब दो साल से स्कूल बंद चल रहे हैं। फिलहाल बच्चे ऑनलाइन स्टडी के सहारे हैं। इसका असर उनकी लाइफ स्टाइल से लेकर फिजिकल और मेंटल स्टेटस पर नजर आने लगा है। स्कूल सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि फिजिकली और मेंटली भी मजबूत बनाते हैं। बच्चों के भीतर कंप्टीशन की भावना जगाते हैं। साथ ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं। रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के 'प्रिपरेशन ऑफ स्कूल आफ्टर कोविड-19' टॉपिक पर आर्गनाइज हुए वेबिनार में यह बातें सामने आई। सिटी के प्रमुख स्कूलों के प्रबंधक, प्रिंसिपल और टीचर्स जुड़े और सभी ने कहा, 16 स्कूल खुलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कुछ स्कूल की ओर से बताया गया कि बताया, स्टूडेंट्स को ऑड-इवेन रोल नंबर के अकॉर्डिग स्कूल बुलाया जाएगा। वेबिनार का संचालन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट गोरखपुर के संपादकीय प्रभारी शिशिर मिश्रा ने किया।

यह बोले एक्सपर्ट

स्कूल खुली जगह, यहां का एटमॉसफियर सबसे सुरक्षित

हम लोगों ने जुलाई में स्कूल खुलने की तैयारी पूरी कर ली थी। पठन-पाठन शुरू होने पर एसओपी का पूरा ध्यान रखा जाएगा। गार्जियन को भी इसके बारे में बताया जाएगा। ऑफलाइन का विकल्प ऑनलाइन नहीं है। बच्चों को इंगेज रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाई जा रही हैं, लेकिन स्कूल आने पर बच्चों के भीतर सीखने, पढ़ने, खेलने-कूदने सहित अन्य प्रतिभाओं का विकास होता है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूल अब ओपेन होने के लिए रेडी हो गए हैं। यूपी बोर्ड के स्कूलों को इसके लिए खास तैयारी करनी होगी। कोविड के कारण पूरी व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पेरेंटस की काउंसिलिंग भी करनी पड़ेगी। लोगों को लगता है कि कोविड का खतरा सिर्फ स्कूल में है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। हर किसी के फैमिली मेंबर्स बाहर निकल रहे हैं। उनके घर आने पर भी कोविड संक्रमण का रिस्क रहता है। स्कूल एक खुली जगह है। यहां का एटमॉसफियर घर से ज्यादा सुरक्षित होता है।

- अजय शाही, डायरेक्टर आरपीएम एकेडमी

स्टाफ पूरी तरह से हो वैक्सीनेट, गार्जियन भी उठाएं अपनी जिम्मेदारी

लास्ट ईयर की अपेक्षा इस बार हम लोगों ने सेफ्टी पर फोकस किया है। सभी टीचर्स और स्टाफ का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि स्टाफ को पूरी तरह से वैक्सीनेट करा दिया जाए। स्कूल की विशेष सफाई, क्लासरूम के सेनेटाइजेशन सहित अन्य बातों पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया तो जा सकता है, लेकिन फिजिकल और मेंटल डेवलपमेंट के लिए स्कूल आना भी जरूरी होता है। मेरा तो यह कहना है कि गवर्नमेंट की जो भी गाइडलाइंस हैं। उनका पूरी तरह से पालन किया जाएगा। साथ ही हम लोग कोशिश करेंगे कि सभी के गार्जियन को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा जब भी बच्चों का टीकाकरण शुरू होगा, तब हम लोग स्पेशल कैंप लगाने की मांग करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीनेशन हो सके।

सलिल श्रीवास्तव, एडमिन हेड जेपी एजुकेशन एकेडमी

ऑड और इवेन का फॉर्मूला करेंगे लागू

हमारे स्कूल में ऑड एंड इवेन का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। एक दिन ऑड तो दूसरे दिन ईवन रोल नंबर के स्टूडेंट्स स्कूल आएंगे। इससे दिन में कम भीड़ होगी। क्लास रूम में बैठने में कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी। हम लोग अपनी तरफ से पूरी तरह से स्कूल खोलने को लेकर तैयार है। गवर्नमेंट को चाहिए कि वह गार्जियन को आश्वस्त करें कि स्कूल खुलने पर कोई समस्या नहीं आएगी। सरकार उनके साथ है और हमेशा साथ खड़ी रहेगी। इससे लोगों के भीतर का डर भी दूर होगा।

विशाल त्रिपाठी, प्रिंसिपल आर्मी पब्लिक स्कूल

बच्चे स्कूल जाकर करें पढ़ाई, स्कूल में भी रहेंगे सुरक्षित

हमारे यहां सभी कर्मचारियों की प्रॉपर थर्मल स्केनिंग की जाती है। सभी के वैक्सीनेशन पर पूरा जोर दिया गया है। कुछ कर्मचारियों की सेकेंड डोज बाकी है। उनको जल्द ही टीका लगवा दिया जाएगा। ऑफलाइन क्लास का संचालन बहुत ही जरूरी है। बच्चे स्कूल जाकर वहां पर पढ़ाई करें। इसका समय आ गया है। गवर्नमेंट की तरफ से इसको लेकर ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है कि बच्चे स्कूल में सेफ हैं। स्कूल मैनेजमेंट भी उनका पूरा ध्यान रखेगा।

प्रभाकर शुक्ला, टीचर सरमाउंट इंटरनेशनल स्कूल

इस तरह की हैं प्रॉब्लम

- दो शिफ्ट में स्कूलों का संचालन व्यावहारिक रूप से ठीक नहीं है। गवर्नमेंट को इसमें संशोधन करना चाहिए।

- बच्चों को स्कूल आने से लेकर उनके क्लास अटेंड करने में प्रॉब्लम आएगी।

- कुछ पेरेंट्स अभी भी बच्चों को स्कूल भेजने में झिझक रहे हैं। उनकी काउंसिलिंग की जाएगी।

- डबल शिफ्ट में स्कूल लगते हैं तो एक्सपेंडिचर बढ़ेगा।

पेरेंट्स भी निभाएं रिस्पांसबिलिटी

- सभी गार्जियन अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रिपेयर करें।

- हमेशा पॉजिटिव अप्रोच रखें। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों ने पूरा इंतजाम किया है।

- स्कूल ओवरऑल डेवपलमेंट करते हैं। ऑनलाइन क्लास से सभी चीजें संभव नहीं हैं।

- स्कूलों में अभी निर्धारित संख्या के अनुसार बच्चे बुलाए जाएंगे। इसलिए पहले की तरह भीड़ नहीं होगी।

फैक्ट फीगर

117 सीबीएसई स्कूल

19 आईसीएसई स्कूल

413 यूपी बोर्ड के स्कूल

Posted By: Inextlive