पीठ में अकडऩ खिंचाव गर्दन या कमर में दर्द में से अगर आपको कोई भी शिकायत है तो इसके लिए आपको अलर्ट हो जाने की जरूरत है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इसे इग्नोर करना आपको जिंदगी भर परेशान कर सकता है। रीढ़ से जुड़े डिसॉर्डर आपकी स्पाइनल कॉर्ड को डैमेज कर सकते हैं। जिससे चलना-फिरना तो दूर आप उठने-बैठने के काबिल भी नहीं रह जाते हंै। कंप्यूटर के सामने घंटों बैठकर चैटिंग करने या गेम खेलने की लत यूथ को अब बुजुर्गों की इस बीमारी का शिकार बनाने लगी है। खासतौर पर यूथ में लंबर स्पांडिलाइटिस की प्रॉब्लम बढ़ रही है। इसकी शुरुआत में सिर्फ उठने-बैठने व झुकने में दर्द का एहसास होता है, लेकिन बीमारी जब घातक हो जाती है तो बैठना तक मुश्किल हो सकता है। सिर्फ गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज और एम्स की ओपीडी में इस बीमारी का शिकार यूथ की संख्या 30 परसेंट तक बढ़ी है। इनकी उम्र 18 से 25 साल के बीच है। लाइफस्टाइल ने बढ़ाई प्रॉब्लम


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉ। अमित मिश्रा ने बताया कि यूथ इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। पहले इसे बुजुर्गो की बीमारी कहा जाता था, लेकिन बदली हुई लाइफ स्टाइल के कारण अब 30 परसेंट यूथ इसका शिकार बन रहे हैं। बुजुर्ग में भी शिकायत कम नहीं हुई है। डॉक्टर्स की मानें तो घंटों कंप्यूटर का इस्तेमाल और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से स्पाइन डिअसडर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शुरुआती दौर में इसे अगर गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह लंबे समय तक परेशानी का कारण बन सकती है। ड्राइविंग से भी बढ़ रही प्रॉब्लमडॉक्टर्स की मानें तो यह बीमारी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाने की वजह से बढ़ी है। एक स्पेशलिस्ट की ओपीडी में हर हफ्ते करीब 15 यूवा आ रहे हैं। पीठ दर्द का एक कारण घंटोंं कंप्यूटर पर बैठने के अलावा अधिक ड्राइविंग करना भी है। जब हम एक ही पोजिशन में ज्यादा देर तक बैठते हैं तो सिर से कमर तक की हड्डियों में खिंचाव पैदा होता है, जो बीमारी को बढ़ावा देता है। बीमारी के लक्षण - कमर दर्द होनाकमजोरी आनाशरीर का कोई भाग सुन पड़ जाना मांसपेशियों में ज्यादा खिंचाव महसूस होना गर्दन में दर्द जलन या चुभनब्लैडर या आंत में खराबीजी मिचलानाउल्टीहाथ-पैरों मे दर्दइस कारण होती है बीमारी - अचानक गिरनेइंफेक्शन इनफ्लेमेशनकोई पैदाइशी डिसॉर्डररीढ़ की चोटबढ़ती उम्रऑटोइम्यून डिसीजविटामिन की कमी स्पाइन में ब्लड सर्कुलेशन की कमीमोटापालापारवाही से भारी सामान उठानाखराब लाइफस्टाइलकैल्शियम की कमीधूम्रपानआर्थराइटिसथायरॉइडरीढ़ पर बहुत ज्यादा दबाव खराब पोश्चरबचाव के लिए क्या करें?

- बैलेंस लाइफ स्टाइल फॉलो करें।- बैठने व चलने के तरीके में बदलाव करें - ऑफिस में कुर्सी पर बैठते समय हमेशा सीधे बैठ और पीठ को कुर्सी की बैक तक सठा कर रखें ।- पीछे तकिया रखें।- कुर्सी की हाइट कंप्यूटर के बराबर होनी चाहिए।- कंप्यूटर की स्क्रीन बिल्कुल सीधी हो। - बीच-बीच में टहलते भी रहना चाहिए।- उठते व बैठते समय हाथ-पैरों की मांसपेशियों पर दबाव बनाते रहना चाहिए।- संतुलित आहार का सेवन करें।यह बीमारियां स्पाइन को पहुंचाती है नुकसान - अर्थराइटसडीजेनरेटिव डिस्क डिसीजहर्निएटेड डिस्कएंकीलॉसिंग स्पॉन्डिलॉसिसकमर दर्दगर्दन दर्दस्कोलाइसिसस्पाइनल कॉर्ड कैंसरस्पाइनल कॉर्ड इंजरीऑस्टियोपोरोसिसकाइफोसिसक्यों मनाते हैं वल्र्ड स्पाइन डे?दुनियाभर में करोड़ों लोगों को रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत है। यह शारीरिक दिक्कत हमारी लाइफ क्वालिटी को इफेक्ट करती है। स्पाइनल हेल्थ के प्रति लोगों को अवेयर करने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को वल्र्ड स्पाइन डे सेलिब्रेट किया जाता है। रीढ़ की अच्छी देख-रेख और उसके सही पोश्चचर पर ध्यान देने के लिए लोगों की समझ को विकसित करना है।15 मिनट योग कर दूर होगा दर्द -बालासन

चाइल्ड पोज में शरीर के ऊपरी हिस्से में खिंचाव होता है, जिससे कमर दर्द में आराम मिलता है। यह एक रिलैक्सिंग पोज है, जिसके एक या दो नहीं, बल्कि काफी सारे फायदे हैं। स्ट्रेस दूर करने के लिए भी आप इस योगासन का ले सकते हैं सहारा। मार्जरासनमार्जरासन पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को दूर करने में असरदार आसन है। साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी को मजबूती भी मिलती है। इसे आप कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं। गर्दन से लेकर कंधे से जुड़ी समस्याओं में भी कारगर है ये आसन।उत्तानासनउत्तानासन करने से हैमस्ट्रिंग, पिंडली और कूल्हों में स्ट्रेचिंग होती है, जिससे कमर दर्द में आराम देता है। यह आसन जांघों और घुटनों को मजबूत करता है। इसके अलावा थकान व स्ट्रेस भी कम करने में कारगर है। सेतुबंधासनसेतुबंध आसन कमर दर्द दूर करने का सबसे असरदार आसन है। इसके थोड़े देर के अभ्यास से ही आपको राहत का एहसास होने लगेगा। अपने दिन की शुरुआत इस योग से करें और रीढ़ की हड्डी को रखें स्वस्थ व मजबूत।थ्रेड नीडल पोज
थ्रेड नीडल पोज पीठ के तनाव को दूर करता है। अकडऩ दूर होने से कमर का मूवमेंट आसान हो जाता है, जो दर्द दूर करने में बेहद जरूरी है। इसके अलावा इससे अपर बैक में भी अगर किसी तरह की समस्या है, तो उसमें भी आराम मिलता है।

Posted By: Inextlive